मेरी बहन मेरी जिंदगी Part 6
"तुम इज टाइम कहां हो..?" अरुण अपना ब्लूटूथ हेडसेट लगा के गाड़ी स्टार्ट करता है और टर्न लेके क्लब की तरफ निकलता है साथ में आरोही से बात करता रहता है।
"मैं तो अभी भी क्लब के प्रवेश पर ही मैंने बहार सुरक्षा से पुचा तो बताया अभी कोई बहार नहीं आया है..मैं सोच रही की अगली मंजिल पर..."
"तुम कहीं नहीं जाओगी..जहां हो वही रहो..मैं जल्दी से जल्दी आ रहा हूं..सुना तुमने कही मत जाना। और मुझे पूरी बात बताती रहो ठीक है..तुम तो ठीक हो ना?"
अरुण बहुत तेज कार को ले के आ रहा था।
एक बात और है जिसके करन अरुण घबड़ा गया आरोही इस्तेमाल करें भाई तबी कहती थी जब इस्तेमाल कोई समस्या हो या वो बहुत ज्यादा घर गई हो। उसमे और आरोही में 5 मिनट का अंतर था तो उससे छोटी थी लेकिन इतना अंतर कौन मानता है तो वो नाम से ही बुलाती थी लेकिन समस्या पर उसके मुह से सीधे भाई ही निकला था।
"मैं थिक हूं भाई..वो आपके पास से जाने के बाद मैं उसके पीछे बाथरूम में गई तो अपना मुह धो रही थी मुझे देख के बोली मैं उसके बारे में अभी बात नहीं करना चाहता ... और उसे मैं देख ही लुंगी अब तो मैंने उससे ज्यादा कुछ नहीं कहा लेकिन उसके पीछे तो फिर हम लोग बार पर आके ड्रिंक्स वगैरह करने लगे लेकिन सोनिया तो जैसे बोतल पर बोतल ही खत्म कर जा रही थी। मैंने रुकने को बहुत तो मुझसे पूछा से देखने लगी तो मैंने उसके दोस्तों से कहा इसे थोड़ा कंट्रोल करें तो वो लोग इस्तेमाल करें पक्का डांस फ्लोर पर ले गए जिसे उसका मूड थोड़ा थिक हो जाए। मैं भी पिचे पिचे चली गई। थोड़ी देर में मेरी एक दोस्त ने मुझे बार पर बुलाया सो मैं वही चली गई मैं उससे बल्ला कर ही रही थी मैंने देखा विक्की भी डांस कर रहा है सोनिया के साथ और उसके कान में कुछ बोला मैंने सोचा ऐसे ही कुछ होगा 5 मिनट बुरा मेरा ध्यान गया तो वहा ही थी मैंने उसके लिए। से पुचा तो उने भी नहीं मैंने पुरा मंजिल की जांच कर लिया यहां तक कि हर बाथरूम भी पर वो नहीं मिल राही भाई..वो सही तो होगी ना भाई..." आरोही के ये कहते हैं हल्के से आंसुन निकल आए..
"श... आरोही मेरी बात सुनो। मैं आ रहा हूं बस 2 बारी और.. कुछ नहीं होगा वो बिलकुल सही होगी। होगी यही कहिन ठीक वही रुको..." अरुण इतना कह के थोड़े डर में वहा है। आरोही जैसे ही उपयोग देखता है वो जेक तुरंत ही उसके गले लग जाती है। अरुण यूज़ कास के एक बार हग करता है और फिर उससे अलग हो के कहता है और जेक वो मैं हॉल में देखता है तो कहीं कोई नहीं देखता जिसे पता हो तो वो आरोही को वही बार पर बिट्था के खुद बाथरूम की तरफ जाता है। वहा भी कुछ नहीं मिलता लेकिन एक दम से उसे नजर एक लड़के पर पड़ी है जो की विकी के साथ अभी थोड़ी देर पहले था..
अरुण सीधे जेक दोनो हाथ से उसे बगीचा पक्काकर उपयोग दीवार से लगाके एक घुटना उसके पेट पर मरता है और पुछता है "विकी कहा है? जल्दी ही तो यही मार डालूंगा .. मुझे पता है कि वो यही है।" के वो एक बार और उसके पेट पर वार करता है।
इतनी मार खाके हमें लड़के के मुह से निकल आता है। है.. मुझे मत मरना मैंने कुछ नहीं किया का इस्तेमाल किया.." अरुण 2 बार और इस्तेमाल मरता है और इस्तेमाल वही बाथरूम में छोडकर ऊपर फ्लोर पर जाता है जाते जाते वो अपनी शर्ट की आस्तीन को अपनी कोहनियों तक मोड लेता है. उसकी आंखों में बिलकुल खून उतर आता है..
चैंबर नंबर 4 के दरवाजे पर एक जोर की लाट पड़ी है और गेट अंदर की या खुल जाते हैं। जैसे ही अंदर के सीन पर अरुण की नजर पड़ी है अरुण की आंखों का रंग बिलकुल लाल हो जाता है। सोनिया एक सोफ़े पर पड़ी हुई है उसकी काली पोशाक उसकी कमर पर है और उसकी ग्रे पैंटी साफ दिख रही है। एक लड़का सोनिया के हाथ उसके पीठ पर पक्का हुआ है। और एक ने सोनिया का मुह बंद कर के रखा है और एक अपनी जींस से अपना लुंड निकल कर सोनिया की तरफ बढ़ा रहा है। अरुण उस लड़के की तरफ जाते जाते अपना मुक्का बनाना के उसके चेहरे पर मरता है। अरुण को कुश्ती के थोड़े बहुत पेंटारे उसके डैड ने सिखे थे तो उनका इस्तेमाल करना इस्तेमाल बखुबी आटा था। उसका मुक्का खा कर वो लडका पिचा गिर पदता है और अपने हाथ अपने चेहरे के आगे करने के लिए सॉरी करने के लिए लगता है।
"भोंसड़ी के बहन है मेरी..."
"भाई मत मरना। मैंने अभी तक छूआ तक नहीं था..मुजे तो एक लड़के ने आरएस दीये इसके साथ ये करने के... सॉरी" अरुण उसके चेहरे पर दो मुक्के और मरता है और कहता है "लेकिन तू जाने तो जा था ना कुट्टे..किसने दिए रुपे बताया..' अरुण अपना मुक्का तन के पक्का है "भाई नाम नहीं पाता याही मिला था 2 3 लड़कों और उसके साथ हन नीला ब्लेज़र पहचानने हुआ था..ये नीला ब्लेज़र रवी का विवरण दे ब्लेज़र था अरुण इस्तेमाल छोड के खड़ा होता है और एक लाता मरता है उसके पेट पर।
इधर अपने दोस्त की ऐसी पिता देख कर बाकी दो लड़कों आला भाग जाते हैं...
अरुण सोनिया के पास जेक उसकी ड्रेस सही करता है। सोनिया जैसे होश में ही नहीं है वो बस रोए जा रही है.. जैसे ही अरुण उसकी ड्रेस सही करता है वो ढका देने की कोसिस कृति है.."श...सोनिया मैं हूं अरुण..कुछ नहीं हुआ सब थिक है चलो .." सोनिया ध्यान से देखती है फिर उसके गले लग के रोने लगती है अरुण अपना ब्लेज़र उतर कर उपयोग करना है और उपयोग लेके चैम्बर से बाहर आने लगता है।
हुआ ये था की विक्की के दोस्त जिस अरुण ने मारा उसने विक्की को कॉल कर दी की अरुण आ गया है। विक्की ने पहले ही पैसे दे के सोनिया का ** होते देखता और उसकी वीडियो बनने वाला था लेकिन कॉल आते ही वो रूम से चला गया और दसरे चैंबर में चुप गया... जिस उसे मारा उसे किसी को कुछ संदेश किया था..
आला जेक अरुण आरोही को बुला कर सोनिया को सम्भलने लगता है। आरोही भी सोनिया को पक्का करते हैं। और जैसे ही वो लोग एग्जिट होने वाले होते हैं म्यूजिक स्टॉप हो जाता है। इसे किस्मत के ले ये डीजे की महरबानी की म्यूजिक स्टॉप होने के करण अरुण पिचे से आती चीख को सुन लेता है तेजी से पलटके बैठा है एक मुक्का आने वाले लड़कों के पेट में मरता है। अरुण का गला सुख जाता है.. पिच से 25 30 लड़के आ रहे हैं। पकडकर घुमा देता है। घुमते समय भी अरुण एक लात उसके लिए मरता है लेकिन 2 3 लड़के और उसके ऊपर हवा हो जाते हैं थोड़ी देर तक तो अरुण उन्हे अपने लाते हैं और मुझे से रोकता है लेकिन फिर उसके उसके सर पर कोई मुक्का मार्ता है तो उसका सर पर कोई मुड़ा है। फ्लोर पर गिरने लगता है। प्राथमिकी तो उसके शरीर को और लाती है बन जाती है। अरुण अपने आप को बचाने के लिए अपने हाथ जोड़ी ऊपर उठाकर क्या करना है लेकिन कोई फ़ायदा नहीं होता है। उसकी नज़र धीरे-धीरे धुंधली हो जाती है उसके कानूनों में आवाज़ें हल्की होती जा रही है..फिर एक दम से लाइट्स बैंड हो जाती हैं..और अरुण की सब सेंस काम करना बंद कर देते हैं..
अरुण की आंखों के आगे अंधेरा छा गया।
एक बहुत तेज देखा मुझे दर्द। कैसा दर्द है ये ?? क्या हुआ ?? अरुण अपने जग पर हिला तो उसकी आह निकल आई दर्द की वजह से..
उसके आंखों के उम्र अभी भी अंधेरा है। सर बहुत भारी लग रहा है। देखने और पेट मुझे दर्द। साड़ी बॉडी ऐसी लग रही जैसे किसी ने वाशिंग मशीन में दाल कर धो डाली हो..
फिर इस्तेमाल धीरे-धीरे पहले की बातें याद आने लगी..क्या हुआ वहां?? लड़की ?? लोगो का उपयोग लाट घुंसे मरना ?? किसी का रोना..?? तुम्हें एक्सीडेंट में मर जाना चाहिए था ?? थप्पड़..दुर्घटना का दृश्य.. जोकर की हांसी.. और ये सब सोचते सोचते इस्तेमाल करना ज्यादा डर लगाना लगा। उसकी मुट्ठी बंद होके बिस्तर पर धानस्ने लगी और वो छटपटाने लगा। उसकी पूरी बॉडी पास में भीगने लगी लेकिन उसका दर्द कम नहीं हुआ। कोई यूज हिला रहा है.. बहुत दूर से एक आवाज आ रही है..अरुण..अरुण...अरुण्न्न..
वो सपने बहार आता है..उठाने की कोसिस करता है तो दर्द होता है देखे में और पसलियों में..लेकिन कोई उताने नहीं दे रहा। वो आंखें खोलने की कोसिस करता है तो आंखों में तक दर्द होता है.. ठुक निगलता है तो गला भारी सा लगता है और फिर दर्द की एक लहर उसे बॉडी में दौड़ जाती है.. धीरे धीरे उसकी आंखें.. खुलती 2 लोग खड़े हैं..पता नहीं कौन चेहरा साफ नहीं दिख रहा है. एक उसके ऊपर थोड़ा झुक के उपयोग नहीं हुआ था। वो अपनी आंख को सही करने के लिए हाथ को ऊपर उठाने का क्या करना है लेकिन हाथ उठता ही दोबारा दर्द की लहर दौड़ जाती है। उनगलिया ले जाता है..लेकिन ऐसा लग रहा जैसी उसकी आंखें काफी बड़ी हो गई हो.. आंख पर हाथ रखते ही वहा भी दर्द होता है.. फिर धीरे धीरे चेहरे साफ होते हैं..
"क्या जग रहा है..?"
"सही तो है ना?"
"वो थिक है दी .." ये जागीं..हां ये तो उसकी बहन की आवाजें हैं..फिर जब वो आंख खोलता है तो सामने सुप्रिया स्नेहा और आरोही दसरी तराफ खादी हुई होती है। और उन सबके चेहरे होते हैं होते हैं जैसे कफी समय से सोई ना होने..
वो कुछ कहने के लिए जैसे ही होता है तो फिर दर्द से निकल जाती है..होठ तो ऐसे लग रहे हैं 2 3 किलो के हो और स्वेल भी हो गए हैं
"क्या हुआ..??" बस इतना ही उसके मुह से निकला है..
"मैंने कहा था न बिलकुल थिक है.." स्नेहा सुप्रिया को बोलती है..
"हां ठीक है.. वे कैसा लग रहा है अब .." सुप्रिया पुचती है ..
"आह.. दर्द हो रहा है हर जगह.. हुआ क्या था और मैं हूं कहां.." अरुण साइड में देखने की कोसिस करता है लेकिन फिर दर्द की वजह से नहीं देखता..
"भाई गजब धा दिया तुमने .. क्या लड़ाई थी .. क्या पंच क्या एक्शन .. वो तो उन लोगों ने तुम पर एक साथ हमला कर दिया और वो एक ने तस्वीर से मारा तो तुम गिर पडे वह..लेकिन उससे पहले भी तुमने उनके 3 4 तो गिरा ही दिए.. मजा आ गया फाइट देख के.. तुम्हारे बेहोश होने के बाद बहार से सुरक्षा वाले बॉक्सर्स आ गए लड़े रुकने मेर क्वने पर लेकिन तब तक उन लोगो ने तुम्हारे कफी चोट उनके दी थी। बाद में और सोनिया तुम्हें कार में घर ले आए.. तुम्हें तो होश भी नहीं था.. रात में हाय डॉक्टर अंकल को बुलाया तो उन ड्रेसिंग वागैरा कर दी है 3 4 दिन में आराम होने को कहा है.. और तुम सुप्रिया दी के कामरे में हो .. हम लोगो में इतनी तकत नहीं है की तुम्हें उठा कर ऊपर ले जा सकें.. लेकिन भाई तुम्हारी लड़ाई से मजा आ गया .." आरोही बड़ी तेजी से बोलकर उसके बिस्तर पर बैठाकर मुस्कान लगी...
"हे भगवान लड़की को तो मजा आ गया है.. हमारा भाई इतनी मार खा कर आया है..2 पासली टूटी हैं.. चेहरा सुज गया है..एक आंख काली पड़ गई है..मुझे सूजन है..जह जग छोटे के निशान हैं और इसे मजा आ रहा है।'' सुप्रिया ने हल्के से आरोही के सर पर मरते हुए कहा
अरुण को तब जेक हर बात ध्यान आई..उसकी और सोनिया की लड़ाई फिर बाकी का ड्रामा। लेकिन सोनिया नहीं दिख रही है..सोनिया कहां है?
ये सुन कर सुप्रिया का चेहरा हलका सा उतर जाता है।
सुप्रिया का चेहरा उतर जाता है..
अरुण जब सुप्रिया का चेहरा देखता है तो उसका दिल बैठा जाता है..
"मैं यहां हूं भाई..सुबुक" एक बहुत ही घुट्टी सी आवाज उसके कानूनों में पड़ी है उसके कानूनों में और वो अपने सर के पिच के साइड बड़ी तकलीफ के साथ देखता है तो सोनिया उस हालत में जिस हालत में उसे कल इस्तेमाल करता हूं यानि अभी भी अपनी ब्लैक ड्रेस में है लेकिन अरुण का ब्लेज़र वो अभी भी पहनने वाले हैं और बहुत ही कास कर हमें ब्लेज़र को अपने हाथों से पक्का हुआ है.. जैसे कोई उससे हमें ब्लेज़र को छिन्न लेगा। रहा है की वो बहुत ज्यादा रोई है..सुखे अंसुओं के निशान उसके चेहरे पर साफ देखे जा सकते हैं.. लेकिन सोनिया को ठीक देख कर अरुण को आराम बहुत मिला। उसके दिल से डर और भारीपन एक बांध खतम हो गया..
"अच्छा..मैं तो ठिक हूं..और तुम..." अरुण ने पुचा और अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसकी तरह देखा..
सोनिया नीचे देखे जा रही थी। वो ना रोने की जी तोड़ कोस कर रही थी.. सोनिया ने अरुण के बिस्तर के पास स्टूल पर बैठा कर उसका हाथ थाम लिया...अरुण ने दशहरा हाथ भी उसके हाथ के ऊपर रख कर हल्के से डबा कर कहा..
"वाह..आज भैया..वैसे ध्यान क्यू ले रह..ठिक हो जाएगा मैं. कुछ हुआ थोड़ी ना है.." अरुण ने सोनिया का हाथ डबकर कहा..
बस सोनिया से अब नहीं संभला गया..उसके अनसुओं का बंद टूट गया और उसका हर दर्द हर गम हर गलनी उसके आगे के जरिया उसके मन से बाहर आने लगी और वो रोते रोते हाय "सॉरी भाई.. सॉरी..मैं सच में हूं सॉरी... सॉरी..." कहते हैं अरुण के हाथ पर अपना सर रख के रोने लगी। अरुण ने भी इस्तेमाल किया नहीं वो जनता था की सोनिया का रोना है समय जरुरी है। अरुण ने 2 मिनट खराब उसका सर अपने हाथ से उठा और अपने कंधे पर रख लिया..अब तो सोनिया और ज्यादा रोने लगी.. और वो अरुण को बहुत जोर से गले लगाने लगी..
अरुण के शरीर में दर्द तो हुआ लेकिन एक खुशी भी हुई जो उसे आज से पहले कभी मशरूम नहीं की थी।
अरुण ने भी एक हाथ से उसका सर धीरे धीरे सेहलाना शुरू कर दिया.. सोनिया के अनसुओं से उसका पुरा कांधा भीग गया.. और बेडशीट भी..
"आई एम सॉरी भाई एंड आई लव यू भाई। मैं जनता हूं मैं बहुत ही बुरा बिहेवियर कृति हूं आपके साथ और आज तक आपको भाई तो कभी कहा ही नहीं..आई एम सॉरी। लेकिन मैं ये कभी भुलाना चाहता हूं कि आप मेरे भाई हो और मैं तुमसे प्यार करता हूँ..मैं तुमसे प्यार करता हूँ..' सोनिया ये कह के रोटी रहती है..
अरुण थोड़ी देर के लिए चुप रहता है। उसी आंखें भी हल्की सी नाम हो जाती हैं..
"मैं सोनिया को जानता हूं.. मैं भी तुमसे प्यार करता हूं..अब शांत हो जाओ.. कुछ नहीं हुआ.. मैं थिक हूं। और तुम क्यू सॉरी बोल रह हो। तुम्हारी गल्ती थोड़ी न थी..चलो चुपो..श..और वैसे ऐसे मुझे दर्द हो रहा है कफी.आह.." अरुण ने शांत करते हुए कहा..
दर्द की बात सुन सोनिया तुरत ही पिचे हटी और उसका कांधा सहलाने लगी..
"सॉरी भाई..फिर से दर्द देने के लिए..सुबुक" अब भी उसके 2 3 अंश निकल ही रे थे..
अरुण ने अपने अंगठे से उसके अंश साफ किए और एक हल्की सी थपकी दे दी उसके गाल पर.. तब तक पिचे से आरोही ने आके सोनिया को गले लगाया और बोली "कोई नहीं सोनी.. भाई तुझे ऐसे ही माफ कर रहा है तो क्या मैं तुझे सजा दूंगा मैं..ठीक है" और एक बार उसके दो गैलन पर चुंबन कर देता है..
"आई एम सॉरी दी..मैंने आप के साथ भी कभी अच्छे से व्यवहार नहीं किया.." सोनिया यूज़ भी हग करते हैं बोलती है..
"वैसे वहां हुआ क्या था सोनिया..?" अरुण दोबारा सोनिया का हाथ पकडकर पुछता है..
सोनिया कास का उसका हाथ पक्का है.. "पहले तो सॉरी मैने साले विक्की की बात पर भरोसा कर लिया की आप ने मेरे नंगे में वो बोला था.." इस लाइन के निकलने पर सुप्रिया के कान खड़े हो गए और वो अरुण की तारफ देखालिया नजरों से देखने लगी लेकिन अरुण ने इसे कहने में मुझे खेद है। मुझे समाधान चाहिए था की आप कभी भी मेरे, मेरे क्या किसी के नंगे में ऐसी गंदी बात नहीं कह सकते। चले गए तो मुझे बहुत आया था आप पर। तो मैं बाथरूम से आके डांस करने लगी। थोड़ी देर में विक्की आया। वो अपनी वही चिकनी चुपड़ी चीजों से मुझे कंसोल और अच्छा महसूस करने के लिए लगा। लगेगा..लेकिन ऊपर है सिगरेट..मैं भी थोड़ा नशे में थी और मुझे भी आ गया था तो मैं हम के साथ ऊपर चल दी. ऊपर उसे मुझसे कहा चैम्बर 4 में तुम चलो मैं पिच से संयुक्त ले कर आता हूं. मैंने जैसे ही उस चेंबर का गेट खोला तो उन लोगो ने मुझे जबर्दस्ती और खिंच लिया और मुझे कुछ सुना भी था फिर आपको पता ही है.." इतना कहते हैं फिर उसके अनसू शुरू होने वाले थे लेकिन अरुण ने उसका हाथ दिया और आरोही ने अपनी बहिन उसके चारोन या कस दी..
"कोई नहीं..छोड़ो उपयोग..मैं खुश हूं की कम से कम मैं समय पर वहा पांच गया .."
"आप पता नहीं कर रहे हैं। की मैं कितनी खुश और शुक्रगुजार हूं कि आप वहा टाइम पर पांच गए। आप जो बोलोगे मैं वो करने को तयार हूं।"
"ठीक है.. जैसी तुम्हारी मर्जी.. भाई के साथ कैसे शुरू करें .. तुम्हारे मुह से सुनाने में बड़ा प्यारा लगता है। अब जेक मुझे पता चल रहा है मेरी एक छोटी बहन भी है जिसे मैं प्यार करता हूं।" अरुण ने मस्कुराकर कहा..
"जैसा आप कहते हैं, भाई.." सोनिया भी हलका सा मुस्का के बोली..
"अचा चलो..भुक किस किस लगी है.." सुप्रिया सबसे पक्की है..
"मुझे नहीं है.." सोनिया बोलती है..
"हां तुझे सबसे कम लगी है। कल रात से कुछ नहीं खाया है। चुपचाप खा लेना .. मैं अरुण की पसंदीदा चीजिन बनाना जा रहा हूं .. तब तक आराम करने दो सब।" सुप्रिया रूम से चली जाती है..
"मैं भी दी की मदद करने जा रही हूं..आप दोनों का ख्याल रखना.." स्नेहा भी पिच से चली जाती है..
"अच्छा मैं तो चलती हूं..तुम दो अपना काम निपटाओ..ध्यान रखना.." आरोही दोनो के माथे पर एक चुंबन कर के कमरे से जाने लगती है लेकिन गेट पर पांच कर एक बार दोनो को हाथ देखती है और मस्कुराकर कमरा का गेट बंद कर के चली जाती है..
"सोनिया .." अरुण उसका हाथ दबकर अपनी या खेंचता है तो सोनिया उसकी या स्टूल खिसककर अपना चेहरा उसके कांधे के पास ले जाती है .."देखो मन की पहले हम दोनो कफी लड़े झगड़े हैं। और मैं भी कभी आदर्श भाई नहीं रह। लेकिन मुझे लगता है कि आपको पता होना चाहिए कि मैं वास्तव में तुमसे प्यार करता हूं, चाहे कुछ भी हो। तुम मेरी छोटी बहन हो। चाहे कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारे नंगे में कभी कुछ गलत नहीं सोच सकता और न ही तुम किसी तकलीफ में देख सकता हूं। मुझे भी ये चीजे कल ही एहसास हुई। हां बात से मैं थोड़ा हर्ट जरुर हुआ था की तुम्हारे एक दम से हम हरमजदे विक्की की बात का भरोसा कर लिया की मैंने तुम्हारे नंगे में ऐसी बात कहीं है। आगे से ध्यान रखूंगी .." अरुण एक हाथ से उसके बाल सेहले हुए बोला
"भाई। मुझे सच में खेद है। मुझे एक दम से प्रतिक्रिया नहीं करना चाहिए। मैं सही में शर्मिंदा हूं
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