मेरी बहन मेरी जिंदगी Part 5
"बेटा तू पक्का किसी दिन सपने की वजह से मर जाएगा..हाहाहाहा...मैंने सिरफ किस किया था...हाहाहाहाह"
"हां...हां..वेरी फनी" अरुण मुह बनते हुए बोला।
"कोई नहीं...वैसे सपना किसके नंगे में देख रहे थे..." आरोही ने हांसी को रोके हुए कहा..
"जोकर..."
"जोकर का नाम आरोही था..." और दोबारा हसने लगी..
"यह मजेदार नहीं है .." अरुण थोडा शर्मिंदा होते हुए बोला ..
फिर भी आरोही हस्ती रही और रूम के दरवाजे के पास पांच की बोली..'तुमने लंच तो किया नहीं तो स्नेहा दी ने स्नैक्स तयार करे हैं..जल्दी आ जाना..' अरुण के मुह पर ये बात सुनते ही मिलियन डॉलर स्माइल आ जाति है और वो ऊपर की या देखता है तो दिखी देता है की सोनिया अपने मुह से किसिंग का सीन का प्रदर्शन कर रही है और उसकी या देख के हंस रही है। अरुण एक छोटी सी गेंद जो की बिस्तर के पास टेबल पर राखी है उपयोग उसके ऊपर फेकता है लेकिन तब तक आरोही दरवाजा बैंड करके बहार पांच जाति है लेकिन दोबारा सर और करके "आह ... सोनिया ... हिहिहिह" बोलती के लिए है..
"ये तुझे पक्का अपना गुलाम बनायेंगे...देख लियो...बस सेक्स स्लेव बनाये लेकिन हिहिही"
क्या बात को मन से हटे और स्नेहा दी के खाने के नंगे में सोचते हैं अरुण ताजा होकर साफ कपड़े पहनने कर आला जाता है तो आरोही तो सोफे पे बैठा के टीवी देख रही है... सोनिया फोन पर चिपकी हुई है... किचन में कुछ बनना है और बाथरूम में पानी चलने की आवाज आ रही है..
तो अरुण पानी पाइन किचन में जाता है तो देखता है की स्नेहा किचन की टॉप शेल्फ से कुछ उतरने की कोसिस कर रही है जिस्की वजाह से उसकी गंद का शेप कफी अच्छा लगने लगता है अरुण को और वो मुझे खो जाता है..
"अरुण.."
"अरुण..हैलो मैंने कहा ऊपर से सॉस उतर दो...ध्यान कहा है तुम्हारा"
अरुण एक दम से होश में आता है और सॉस उतर कर स्नेह को दे देता है लेकिन सॉस देते देखते स्नेहा के सामने पर पड़ती है और उसकी गर्मी बढ़ने लगती है..स्नेहा का क्लीवेज साफ साफ नजर आ रहा है तो पनीर के नंगे में ज्यादा इस्तेमाल होता है कॉमन सेंस नहीं है..
(यहां पर मैं पहले ही साफ कर दूं की स्नेहा इंटेलिजेंट तो बहुत है लेकिन इसके करन थोड़ा सा सामान्य ज्ञान और व्यवहार वाली चीजें हल्की सी कम है..)
खैर तब तक सुप्रिया किचन में आती है और अरुण को कोई चीज बाथरूम में उतरने के लिए अपने साथ लेके जाती है और बाथरूम में पहले ही पहले उसके होने पर एक छोटी सी किस फिर कहती है।' दूध देखते देखा तो मैं समझ गई की तुम हॉर्नी हो रे हो..अरुण मैं अपने प्यारे भाई को तकलीफ में कैसे देख सकती हूं" इतना कह के वो दोबारा अरुण को किस करने के लिए लगता है... और हमारे हाथ की अरुण उसके हाथ अरुण की पीठ से होते होते अरुण के लुंड पर पांच जाते हैं और उसका हाथ पाते ही अरुण का लुंड खड़ा होने लगता है..
"अरुण तुम ऐसे नहीं रहोगे..हम लोग तो हमा ही यही रहेंगे..इस तारिके से हर घंटे अगर तुम हमको देख कर गर्म हो जाएंगे तो कैसा चलेगा..." इतना कह के सुप्रिया अरुण की बेल्ट खोलने लगती है...
"आपको कंट्रोल करना होगा..." इतना कह के सुप्रिया अरुण की बेल्ट खोलने लगती है...
अरुण सरप्राइज के साथ बाथरूम के गेट की तरफ देखता है जैसे ही सुप्रिया उसके बॉक्सर्स को निचे कृति है अरुण का लुंड उसे आंखों के सामने आ जाता है। जिस देखकर सुप्रिया की आंखों में चमक आ जाती है वो अपने होने पर जीवन फिरती है
और एक हाथ से लुंड को ऊपर उठाती है और टैटू को मुह में भरकर चुस्ति है...
"दी..ये..क..कक्कर .rr..rahi हो..दसरे. लोग..भी हैं बहार..ककिसी ने सुन ll.lliya तो ... आह" अरुण सिरफ इतना हाय केह पता है तब तक सुप्रिया एक बार आंख मारती है और उसके लुंड के अंदर की तरफ को छतती हुई ऊपर तक जाती है इस्तेमाल करें मुझे भरकर एक जोर की चुस्की मारती है.. जैसे अभी हम से जूस निकलेगा। सुपरडे पर अपने होते हैं जोर से घुमने लगती है और एक हाथ से लुंड को उम्र पिच कर रही है और दसरे से सेहला रही है..माधोशी में अरुण का हाथ सुप्रिया के बालो पर चला जाता है और वह है। ..
सुप्रिया फ़िर पुरा लुंड मुह में भरकर चुनने लगती हैं...
ये दो अपनी मस्ती में पूरी तरह खोए हुए हैं...
"दी..स्नैक्स तय्यर है जल्दी आ जाओ ... और ये अरुण कहां चला गया ... अरुनन्नन .." स्नेहा की आवाज आती है ..
सुप्रिया तुरंत ही अरुण का लुंड अपने मुह से झटके से निकलता है और ऊपर उठा के अरुण को एक होंठ किस के साथ आंख मार के चली जाती है.. मुह धोता है..
"कितनी केएलपीडी (खड़े लुंड पे धोखा) होगी तेरी हो..."
वो भी चुपके से बाथरूम से निकलता है और आके डाइनिंग टेबल पर बैठा जाता है..
सब लोग बैठे हैं सिवे स्नेहा के वो भी सब समान झील अरुण के सामने वाली कुर्सी पर बैठ जाती है....लेकिन आरोही बड़े ध्यान से अरुण की तरफ देखती है तो समाज जाति है की कुछ तो गदबाद है... कुछ कुछ नहीं ...इधर स्नेहा सबको चाउमीन परोसते हैं कृति है..जितनी बार वो उठा कर उम्र तरफ झुकती है उतनी बार अरुण का गला सुख जाता है। सुप्रिया ये देख अपनी हसी को कंट्रोल कृति है। फिर सब खाना शुरू करते हैं..
सुप्रिया अरुण को और परेशन करने के लिए नूडल बिलकुल ऐसे चूसना कृति है जैसे की अरुण का लुंड और उसकी तरफ देखती रहती है। जैसे ही अरुण की नज़र उसके ऊपर पड़ी है उसका लुंड हलका सा झटका मरता है। वो पानी पिता है जिससे कुछ आराम मिले।
स्नेहा भी बेचारी बिना जाने उपयोग परशान कर देती है। उसके फोर्क से 2 नूडल्स निकले के उसके क्लीव के अंदर गिर जाते हैं..और चूंकि इसकी स्नेहा (थोड़ा सा कॉमन सेंस की कमी है) से जो सॉस साइड बूब्स पे लग गई है वो उनगली से उठा कर मुह में अनगली दाल कर चूसने के लिए लगती है..स्नेहा बहुत ही सेक्सी लग रही है..एक तो वो चश्मा ऊपर से बड़े स्तन और ऊपर से सफेद टीशर्ट डीप नेक के साथ..अरुण की तो मानो सासें ही बंद हो गई हैं..उसके खराब स्नेह बिना किसी की या मैंने देखा अपनी 2 अनग्लियां अपने क्लीवेज के और दलती है और नूडल्स निकाले की कोसिस कृति है जिसे और सॉस लग गया है लेकिन वो थोड़ा ज्यादा और होता है तो बिना किसी शर्म के थोड़ा सा स्तन और हिलाती है है फिर वही उनगली से सॉस को उठा कर उंगली चूसना करने लगी है..
इधर अरुण का मुह खुला हुआ है..और उसके लुंड महाराज तो बिलकुल तूफान खड़ा कर चुके हैं पंत में...
"भाई तू ये वली सॉस खा..."
उसके लुंड में दर्द होने लगा है बॉक्सर और जींस में रहने के करण.. इधर अरुण को होश ही नहीं है की स्नेहा को छोडकर किशोर लोग उपयोग करें ही ध्यान से देख रहे हैं जैसे ही अरुण का ध्यान सोनिया है तराफ बताता है तेज हसने लगते हैं..और सोनिया कहने लगती है "देखो..देखो..खूब देखो तुम्हारी ही तो बहन है तुम नहीं देखोगे तो कौन देखेगा..परवर्ट" और तीन हंसते रहते हैं यहां अरुण का लाल हो शर्म से ..वो अपनी नज़रें नीचे कर देता है..
स्नेहा को कुछ समझ में नहीं आता वो अरुण से ही पुछती है "क्या हुआ ?? ये लोग ऐसे हैं क्या हैं? क्या खाना अच्छा नहीं है अरुण?"
"आपकी डिश के सामने तो बेकर है दी..."
"नहीं दी..मस्त है.." अरुण बड़ी मुश्किल से बोलता है..
वो जल्दी से अपनी प्लेट साफ करने अपने काम में चला जाता है पिच से सोनिया की चिढ़ाने वाली आवाज आती है "और नहीं देखना..तुम बिगाड़ते हो .." अरुण बिना कुछ कहे अपने कमरे में जकार दरवाजा बंद करके बिस्तर पर जाने देता है ..और सोचता है इस बात पे पक्का सोनिया उसे ले लेगी..
"वो तेरी ले इसे पहले तू उसे ले ले"
इधर टेबल पर जब सब लोग स्नेह को कहते हैं कि क्यों अरुण जल्दी ऊपर भाग गया तो वो सर ओह्ह्ह कहते हैं फिर सब बातें करने लगते हैं..जब आरोही और सोनिया बताते हैं की वो दोनो पार्टी करने के लिए क्लब तो जार में आता है की अरुण भी कफी दिनो से बहार नहीं गया तो दोनो से कहता है "अरे अरुण को भी ले जाओ..बहुत दिनो से वो भी बहार नहीं गया है..उसका भी थोड़ा मूड ठीक हो जाएगा।"
"दी किससे साथ में पुछ की तरह भेज रही हो..मैं नहीं ले जाने वाली उससे कहो वो अपने दोस्तों के साथ जाए..." सोनिया तपक से बोल देती है।
"सोनिया..उसके सब फ्रेंड्स टू आउट ऑफ टाउन हैं। चले जाने दे ना..कौन सा वो तेरी जासूस करेगा और ऊपर से अगर रात ज्यादा हो गई तो कोई मर्द भी होना चाहिए सुरक्षा के लिए मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप अपनी सुरक्षा नहीं कर सकते लेकिन फिर भी..प्लज मेरे कहने पर मैं वादा करता हूं कृति हूं वो तुझे बिलकुल भी परेशान नहीं करेगा..प्लज" सुप्रिया सोनिया से कहती है
"ओके दी लेकिन सिरफ आपके कहने पर..और उससे कहना ज्यादा बहनें न कर मेरे दोस्तों के सामने आया" ये सुनके आरोही तो खुश हो जाती है की अरुण भी चलेगा क्लब इधर सुप्रिया सोची है की अरुण को कैसे ..
अरुण के क्लब जाने से दो काम हो जाएंगे एक तो अरुण का थोड़ा मूड भी ठिक हो जाएगा बाहर निकलकर और सोनिया और आरोही की सुरक्षा भी हो जाएगी।
ये सोचते सोचते सुप्रिया खाने लगती है..
अरुण के क्लब जाने से दो काम हो जाएंगे एक तो अरुण का थोड़ा मूड भी ठिक हो जाएगा बाहर निकलकर और सोनिया और आरोही की सुरक्षा भी हो जाएगी।
ये सोचते सोचते सुप्रिया खाने लगती है..
थोड़ी डेर में सुप्रिया खाना खाके अरुण के कमरे में जाति है तो अरुण कंप्यूटर पर नॉक करने पर वो दरवाजा खोलता है और सुप्रिया को देखने एक मुस्कान के साथ इस्तेमाल और खेलना है। और दरवाजा बंद करके उसके साथ बिस्तर पर जाने देता है और दोनो किस करने लगते हैं। 2 3 दिन मिनट के बाद सुप्रिया अपने से अलग कृति है और कहती है "आज रात तुम सोनिया और आरोही के साथ क्लब जा रहे हो..और मैं ना नं सुनना चाहती।" सुप्रिया बिलकुल एक बड़ी बहन है।
"ले अच्छा खास चोदने का मौका था वो भी तेरी दी खुद ही कलपद कर रही हैं"
"दी..प्लज़ मुझे नहीं जाना सोनिया के साथ कहीं..और बढ़िया है वो दोनो चले जाएंगे और स्नेहा दी पढी ही रहती है अपने लोग थोड़ा समय साथ में मैं खर्च करूंगा ..मान जाओ ना दी .." अरुण बड़े प्यार से 2 किस सुप्रिया के गाल पर करता है।
"अरे नहीं मेरे शेर कुट्टे की तरह चाटना भी जनता है..हिहिही"
"नहीं कोई मुखौटा नहीं..एक तो तुम बहुत दिनों से बिलकुल बहार भी नहीं गए हो.. अभी तुम्हारी उमर है तो थोड़ा बहुत बाहर घूमो पार्टी करो.और ऊपर से तुम जाओगे उन दोनो के साथ तो मुझसे ज्यादा ध्यान। सुप्रिया उसका हाथ पकाकर बोली "और मैं कहीं भागी थोड़ी न जा रही हूं स्वीटु।"
"दी आज पहली बार थोड़ी ना दोनो रात में पार्टी करने जा रही हैं..प्ल्ज़ मत भेजो ना"
"न मैंने कहा दिया तो कहा दिया.. हां अगर तुम उन दोनो के साथ जाओगे तोह...तुम एक सरप्राइज गिफ्ट मिलेगा.." सुप्रिया ने एक मुस्कान के साथ कहा और दो किस लिप पर कर दिए।
"सरप्राइज़ मुझे चुन लेंगी..हां बोल"
सरप्राइज का नाम सुन के अरुण के चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान आ जाती है और वो पहले तो सुप्रिया का निकला है अपने दंतों से काट लेता है और फिर कहता है "ठीक है मैं चला जाऊंगा और आनंद भी करूंगा। और दोनो किस करने लग जाते हैं। किस करते हैं अरुण अपना हाथ टीशर्ट के ऊपर से ही सुप्रिया के दूध पर रख देता है और मसाला लगता है..
"ओह.ओह्ह्ह..मुझे जाने दो..." सुप्रिया बस इतना कहती है उसके बिस्तर पर बैठा है और अपनी टीशर्ट उतर देती है और उसे भी कहती है और वो अरुण का जींस और बॉक्सर उतर देती है "बाथरूम वाला काम अधूरा छोड़ दिया था और मुझे कोई काम अधूरा छोड़ना पसंद नहीं.." और आंख मार के वो अपना मुह लुंड के करीब ले जाती है। पहले तो वो बहुत सा थूक निकल कर अरुण के लुंड के सुपारे पर निकलती है और फिर अपने दो हाथों से रागदने लगती है..फिर पहले सुपरडे पर अपने होथ दाल के इस्तेमाल को चुनें लगी है और जीवन साथ में हम भी ..अरुण अपनी आँखें बंद करके आराम से बिस्तर पर जाने देता है..
"हां दी...ऐसे ही...ऐसे ही..अपने छोटे भाई को खूबसूरत प्यार करो..उम्मम्म..आप दुनिया की सबसे अच्छी दी हो...आह्ह" अरुण आहिन भर भर के ये कहते हैं और एक हाथ से सुप्रिया के बाल सहलाने लगता है..थोड़ी डेर ऐसे ही चूसने करते करते हैं अरुण सुप्रिया एक बार लुंड से मुह हटा है और अपना पूरा मुंह खोल के दोबारा लुंड को अपने गले तक ले जाति है बार उसके जाने हैं है और अरुण को लगने लगता है कि उसका चरमोत्कर्ष होने वाला है..वो बिना किसी चेतवानी के माधोसी में सुप्रिया का सर जबरदस्ती अपने जमीन पर बना रहा है और झटके मार के अपना शुक्राणु उसे मुझ में उठने लगा है से। बिलकुल अंजान थी तो उसे सांस टूटने लगती है..मुह में और तक जमीन होने से थोड़ा सा शुक्राणु उसकी नाक के रास्ते बाहर आने लगता है और बाकी और बाकी और बाहर आने लगता है। सुप्रिया की आंखें काढ़ जाती हैं लेकिन उसके मुह से सिरफ मम्मम की आवाजें ही आती हैं.. इधर जब अरुण का चरमोत्कर्ष पूरा होता है तो इस्तेमाल करने के लिए होश आता है की सुप्रिया सांस के लिए तड़प रही वो जलदी से ऊपर है। और उसकी पीठ सहलाने लगता है..
"सॉरी दी..मैने वो ... मुझे पता नहीं क्या हो गया था..मेरा ध्यान ही नहीं गया आप पर सॉरी..."
सुप्रिया खानस्ति है तो उसके मुह में और वीर्य आ जाता है। वो इस्तेमाल करती है गत जाति है और हाथ से नाक से निकला वीर्य पोछती है अपना सर हिला कर कहती है.. कोई नहीं स्वीटी.. ले लेने देना" और वो दोबारा उसके लुंड को साफ करने लगती है..थोड़ी डेर में दो कपड़े पहनने जाते हैं उसके बाद सुप्रिया अरुण को किस करने के लिए कमरे से चली जाती है..
"तू पक्का आज प्रयोग मार डाल्टा"
"मेरी गल्ती थी..लेकिन इतनी नहीं पता नहीं मुझे क्या हो गया था बिलकुल होश ही नहीं था..मैं तो जैसा हवा में उड़ रहा था..खैर यार अब पार्टी में हमें सोनिया के साथ जाना मिलेगा..अगर हमें उसके दोस्त के सामने मेरी बेइज्जत कृ को,, "अरुण मन में ही सोचा है।
"तो वही उसके दोस्तों के सामने उपयोग करें पटक के ** कर देना साली का .."
"चुटियापा मत बको छोटी बहन है मेरी ऐसी थोड़ी न कर स्कता हूं उसके साथ .." अरुण सोचता है और ऐसे ही सोचते सोचते लाते रहता है..
इधर 7 बाजे आरोही अरुण के कामरे में दस्तक कर के इस्तेमाल करें बती है कि तयार हो जाए..वो लोग आधे घंटे में जाने वाले हैं..
तो अरुण तय्यर होके आला आ जाता है और टीवी देखते देखते उनका इंतजार करना लगता है..
थोड़ी देर में हील्स की आवाज आती है सीढ़ियों से तो पलट के देखता है तो तूरंत ही उसके लुंड में हरकत होने लगती है..
आरोही और सोनिया दोनो कमाल की लग रही थी.. लगा जैसा वो दो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़कियों में.. आरोही ने स्कर्ट या क्रॉप टॉप कहना था और सोनिया उसका तो कहना ही क्या.. ब्लैक कलर की ड्रेस थी जो उसके ऊपर तक ही थी जिसमे से उसकी मखमली चिकनी दूध सी सफेद जंघन साफ साफ चमक रही थी और ऊपर कांधे से स्ट्रैप के जरीये पिचे जा रही थी..गहरे गले के करन बहुत ही अच्छे से उसका क्लीवेज दिख रहा था। पहले उसके एक तिल था जो उपयोग और कटिलाना बना रहा था...ये तिल उसकी किशोरों सुप्रिया, स्नेहा और सोनिया के लेफ्ट साइड यानि बूब्स के थोड़ा सा ऊपर या कह सकते हैं कि स्तन की जद पर था लेकिन आरोही और अरुण के नहीं ..
और आरोही वो भी गजब दा रही थी..उसका क्रॉप टॉप उसकी नाभि से ऊपर ही था तो उसकी नाभि देख के और सपत पेट देख के उसके लुंड में हलका सा झटका लगा। उसकी स्कर्ट भी शॉर्ट थी पर सोनिया से तो आला ही थी..
अरुण को ऐसे देख कर आरोही को तो बड़ी हसी आ रही थी पर सोनिया को गुस्सा आ रहा था वो दोनो आला आती है और सोनिया 2 बार छुटकी बजाती है अरुण के सामने और कह रही है "ड्राइवर अरुंधति चलें तो बहुत देह हैं हम तेरी..'सोनिया बहुत ही उससे बोलती है..
तब तक सुप्रिया वहा आ जाति है "तय्यर हो गए तुम लोग..वाह..कितनी खूबसूरत लग रही हो दोनो..और अरुण तुम भी बहुत अच्छे लग रहे हो तो फिर लेकिन थोड़ी जल्दी आने की सुप्रिया के लिए। करण वो दो नहीं लाते और फिर सब बहार निकल कर अपनी गाड़ी से रॉयल क्लब में चले जाते हैं..
क्लब में पांच कर सोनिया और आरोही तो अपने दोस्तों के साथ मस्ती करने लगते हैं और अरुण बार पर कुछ कर कुछ पीने के लिए लेने लगते हैं..तब तक आरोही पास में आती है और कहती है "आह सोनिया..." जो सिर्फ अरुण को सुना देता है लेकिन वो थोड़ा गुसे से आरोही को देखता है तो आरोही कान पक्कड़ के अरुण के गले में हाथ दाल कर वही पास में बैठता है "बोर तो कुछ हो रहा है .. किसी से बात .. अच्छे लोग हैं। इतना अच्छा क्लब है डांस के लिए हजार लड़कियों मिल जाएंगे किसी से पुछो तो .."
उसके तारिके से बात करने से अरुण के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वो हां में सर हिला देता है.. "तुम जाओ सोनिया के साथ करो मैं किसी को धूल ही लुंगा का आनंद लो।" तो आरोही वहां से चली जाती है। .
"तू सेल ऐसी जगाह क्यों नहीं देख..चारों तारफ छूत, मम्मे, गंडे आह्ह्ह्ह.."
अरुण ये बैट मैन में सुन के सोचने लगता है।
वैसा अरुण पहले दो टिन बार क्लब आया था अपने दोस्तों के साथ लेकिन इतना शोरगुल पसंद नहीं था.. तो कम ही आटा था..
ऐसा ही पार्टी बीट रही होती है सोनिया आरोही और उनके दोस्तों डांस कर रहे हैं..अरुण भी एक लड़की से ऐसे ही बात कर रहा है जो उस के कॉलेज से होती है..
थोड़ी देर में उसके कांधे पर एक हाथ आता है अरुण जब देखता है तो हलका सा गुस्सा आता है पर वो जहीर नहीं करता..
ये हाथ है उसके कॉलेज के एक प्लेबॉय विक्की का.. विक्की कॉलेज में मशहूर है क्योंकि उसके बाप मिनिस्टर हैं और दिखता भी अच्छा है पर दिल का बिलकुल भी अच्छा नहीं है। धूम्रपान, शराब पीना, ड्रग्स, लड़ाइवगैरह उसी के काम हैं। लड़की तो ऐसा बदलता है जैसे कपड़े। उसे एक बार सोनिया को प्रपोज किया था पर सोनिया ने मन कर दिया था। तबसे उसके दिल में सोनिया को पाने की इच्छा और बढ़ गई है। उसे थान रखा था की किसी न किसी तारिके से सोनिया को हासिल करके ही रहेगा। अरुण भी ज्यादा पसंद नहीं करता है लेकिन सरल ही हैलो चलती है। विक्की ने काई बार इस्तेमाल अपने साथ पार्टी में आने को कहा जिससे वो सोनिया के करीब या यू कहे उसके घर आना जाना शुरू कर स्के लेकिन अरुण उससे दूर ही रहा..
टू यूज़ करने के लिए अरुण झुटी स्माइल देता है और ही बोलता है..विक्की अपने 5 6 दोस्तों के साथ है। दोस्त क्या उसके टुकड़े पर पालने वाले कुट्टे कह सकते हैं..विक्की को ये बात अभी 2 दिन पहले ही पता चली है की अरुण और सोनिया की बिल्कुल नहीं बनती..तबसे उसके मन में कुछ कुछ ना कुछ प्लान बन रहा है।
वो भी बोलकर अरुण के पास बैठा है और सबके लिए ड्रिंक ऑर्डर कर देता है।
"और अरुण क्या हाल है..देख रहा हूं अपनी दोनो बहन के साथ आए..अब जब क्लब में आए हो तो थोड़ी मस्ती वगैरह करो यूं खली बार पर क्यू बैठे हो.."
"नि विक्की ऐसे ही थिक हूं...तुम बताओ आज किसके साथ हो.." अरुण ड्रिंक करते हुए बोलता है..
"कहां भाई मैं तो सिंगल हूं आजकल साली कोई धंग की लड़की पसंद ही नहीं आ रही.." विक्की भी ड्रिंक करते हुए बोलता है..
"धांग की लड़की..यहाँ इतनी लड़किया हैं कोई तो पसंद होगी.. किसी को भी पा लो वैसे भी तुझे तो कोई लड़की मन करेगा नहीं.." अरुण कहता है..
"हां भाई बात तो ठीक है लेकिन एक ने माना किया है.."
अरुण को ये बात नहीं पता है की विक्की ने सोनिया को प्रपोज किया था कभी..
"तुम्हे किस पागल ने मना कर दिया यार..?"
"भाई नारज मत होना नाम लेने पर..."
"मैं क्यू नराज होने लगा..बताओ ना ??"
"सोनिया ने..मैं सही में पसंद करता हूं.. मुझे पता है की वो तुम्हारी छोटी बहन है तो गुस्सा मत करना यार..." विक्की भी मुखौटा लगा के कहता है..
ये बात सुन के अरुण थोड़ी देर के लिए खामोश हो जाता है...
"तेरी माँ का... बिक्री अपनी बहन पर नज़र डालता है। तेरी तो.."
अरुण को थोड़ा गुसा तो आता है लेकिन वो इस्तेमाल पी जाता है.. "कोई नहीं यार उसे मन कर दिया तो कर दिया..."
"भाई लेकिन मुझे वाकई पसंद है कृ..प्लज़ यार कुछ न शायद तेरे कहने से कुछ काम बन जाए बाकी तुझे किसी चीज की समस्या नहीं होगी मेरे रहते..." विक्की आंख मार्ता है और उन लोगों से पैसे का इशारा करता है।
अरुण दो मिनट का उपयोग देखता है फिर कहता है "विक्की मैं तेरा दोस्त हूं तो बटा रहा हूं छोड़ दे.. मेरी बहन के पिच मैट पैड नहीं तो थिक नहीं होगा..संझा" अरुण थोडा गर्म होके कहता है लेकिन शांत रहता है।
विक्की समाज जाता है की उसकी दाल नहीं गलने वाली। लेकिन उसी के अहंकार को चोट लगी है कि दोनो भाई बहन ने उसके ऑफर विक्की के ऑफर को ठुकरा दिया वो आदमी में ही उससे बदला लेने की सोचा है...
"भाई मैं तो मज़ाक कर रहा था..तू तो खमखा नरज हो गया चल तू एन्जॉय कर मैं चलता हूं..." विक्की ये कहते चल देता है लेकिन वो पहले सोनिया के पास जाता है..मन की सोनिया ने विक्की का ऑफर ठुकरा दिया था लेकिन वो बात वागैरा कर लिया कृति थी विक्की से तो..फिर
"यार सोनिया..कफ़ी अच्छी लग रही हो आज.." विक्की यूज़ डांस फ्लोर से थोड़ा दूर ले जाके बोलता है..
"थैंक्स..और बताता क्या चल रहा है.." सोनिया हलका सा मुस्काना के कहती है..
टु विक्की बड़ा सीरियस टोन मी "यार सोनिया तुझे एक बात बतानी थी.. लेकिन खैर छोड.." वो बड़ी चलाकी से अपना जाल फेलने लगता है
"अरे बोल ना क्या बोलना है..कही फिर से प्रपोज तो न करना" सोनिया बड़े खुलकर और हंस कर बोलती है..
"क्या नहीं भाई तेरे हाथ मार थोड़ी ना खाने है लेकिन तेरे भाई से संबंधित है..वो वहा मैं उससे बात कर रहा था तो तेरी बात चली तो..." विक्की इतना कह के रुक जाता है..
"तो..बोल ना क्या बोला उसने" सोनिया थोड़ा मुझसे आने लगती है..
"नहीं ऐसे मैंने सोचा तुझे बताना चाहिए। खैर मुझे ये उम्मीद तो थी अरुण से लेकिन क्या कर रहे हैं..वो बोला की सोनिया एम..माल लग रही है ना.. तो मैंने उससे कहा की भाई तेरी बहन है तू ऐसे कैसे बोल सकता है उसके नंगे मेरे..
तो बोला बहन है तो क्या हुआ है तो लड़की ना दिन भर दसरे लड़कों के साथ रंडी पाना कृति रहती है तो मैं ऐसा देख लूंगा तो क्या फ़र्क पड़ा है..तो भाई मैं तो वहा से इस्तेमाल बाय बोलकर चला आया मैंने सोचा तुझे बताना जरुरी के अपने घर में मैं नंगे हूं बात क्रो..अरुण का दिमाग थिक नहीं आजकल... लेकिन मेरा नाम मत लेना मैं इस मामले में मैं नहीं पदना चाहता ठीक है .." विक्की इतना कह कर दूर हट जाता है... लेकिन क्लब छोडकर नहीं जाता ..
सोनिया का तो पूरा चेहरा लाल हो जाता है..उसके हाथों की मुठियां बंद हो जाती है वो बहुत तेजी से जाति है अरुण के पास और खिचड़ी कर एक थप्पड़ उसके गल पर मरती है.. अरुण के हाथ में शॉट छोटा फरश है वो पर गिर जाता है..अरुण को भी गुस्सा आ जाती है लेकिन वो अपने आप को कंट्रोल करता है "तुम्हारे साथ क्या गलत है ...? क्या हुआ मारा क्यों"
"तुम कमीने..अभी तो एक मारा है दस मरुंगी..भाई हो के ऐसी बात करते शर्म नहीं आई.." सोनिया इतने गुसे में है की सांसें ऊपर आला हो रही है..अरुण के आसपास के लोग ये नाटक देख सकते हैं लगते हैं..तब तक आरोही भी आ जाती है और अरुण के चेहरे पर उन लोगों के निशान देख कर अपने चेहरे पर हाथ रख लेते हैं.. सोनिया ने उस में मुझे एक अंगूठी पहचान है जिस्का नाग थोड़ा सा पॉइंट है तो वो उसके होठ पर लग गया लेकिन अरुण को छोटा का ध्यान ही है..
"कैसी बात..कहना क्या चाहती हो..क्या तुम पागल हो?" अरुण चिल्ला के पुछता है।
"हां मैं ही तो पागल हूं.. तुम तो दूध के धुले हो अपनी ही बहन को गंदी नजर से देखते शर्म नहीं आती.. अपनी ही छोटी बहन को रंडी बोलने से पहले तो तुझे मर जाना चाहिए था.. मैं चाहता हूं कि मेरा कोई भाई हो हाय नहीं होता ... तेरे जैसे भाई से तो अच्छा है की मेरा कोई भाई ही नहीं होता। तुझे भी मम्मी डैडी के साथ ही हम दुर्घटना में मर जाना चाहिए था। तू ... भाई कहता है खुद को .." सोनिया इतना कहे पिचे मुट्टी है..
"सोनिया..मेरी बात सुनो..तुम मुझसे हो..मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा..मैंने कोई आर..शब्द नहीं कहा..मैं कभी ऐसा सोच भी नहीं जानता तुम्हारे नंगे मुझे..." अरुण सोनिया का हाथ पकडकर कहता है..
"हैट .." सोनिया अपना हाथ चुदाती है और बाथरूम की तरफ चली जाती है आरोही अरुण की तरफ नाम आंखों से देखती है तो अरुण यूज सोनिया के पिचे जाने के लिए इशारा करता है और खुद वहा से बहार निकलकर बाहर पार्किंग में चलाकर बाहर जटा है .. गुसा तो बहुत आ रही है सोनिया पर लेकिन माना की वो दोनो लदते बहुत से सोनिया और अरुण लेकिन दोनो के बीच कभी बात इतनी नहीं बड़ी.. अरुण ने कभी भी सोनिया पर हाथ उठने के नंगे ही सोचा .. गुसा भले ही कितनी आ रही हो सोनिया पर.. वो बिना कुछ सोचे समझे कार को फुल स्पीड से रोड पर दौड़े चले जा रहे हैं और आंखों से अनसुन निकल रहे हैं।
उपयोग है बात से बहुत ज्यादा दर्द हुआ की सोनिया किसी की भी बात पर भरोसा कर लेगी की उसे सोनिया को रंदी कहा है..और उसका दिमाग ये सोचने लगता है.. ले आया है लेकिन सोनिया और आरोही कैसे आएगी..तो आरोही के फोन पर मैसेज कर देता है की वो घर जा रहा है वहा से ड्राइवर को भेज देगा कार लेके..
और वो घर ती तरह से जाने लगता है.. घर से थोड़ी ही दूर पर उसके पास कॉल आती है.. अरुण जब कॉल को देखता है तो वो आरोही की है तो वो कॉल रिसीव करता है..
"हां..आरोही क्या हुआ? क्यूं....."
बस इतना ही कह पाया की आरोही की आवाज बहुत ही दारी दारी सी घबराई सी आती है...
"भाई...वो..वो सोनिया नहीं मिल रही कहीं...."
"भाई...वो..वो सोनिया नहीं मिल रही कहीं...."
इतना सुनते ही अरुण की जोड़ी टूट गई पर दबते चले गए और गाड़ी जितनी तेजी से हवा को चिर्ति हुई जा रही थी उतनी ही तेजी से रुक भी गई।
"क्या...क्या मतलब मिल नहीं रह...कहा हो तुम..तुम ठीक हो..क्या हुआ?" अरुण के चेहरे से परशानी के भाव साफ देखे जा सकते हैं.. समझ नहीं आया की मिल नहीं का क्या मतलब हो सकता है..उसके मन में तरह तरह के ख्याल आने लगे।
"भाई अभी थोड़ी देर पहले मैंने विक्की के साथ डांस करता देखा था.." बस इतना कहते ही अरुण को पूरी बात समझ में आ जाती है..
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