दूनों को मां अक्सर एक साथ नेहलाते स्कूल जाने से पहले। और ऐसा भी होता वीकेंड में, के विवान और आशिता एक साथ मां के बिना भी स्नान करते। बाथरूम में बहुत शोर-शराबा होता जब दोंन एक साथ पाए जाते हैं। बहुत मस्ती करते हैं बाथरूम में। पानी से खेलते हैं एक दसरे के बाल नौचते, हुलद मचाते।
क्यूंके आशिता के लंबे बाल थे मां उसे सर तक नहीं नेहलाती थी हर सुबह को स्कूल जाने से पहले बच्चे हफ्ते में सिरफ एक बार उसे बाल धोती थी। और विहान तो सर से पांव तक नहीं था एक साथ में वही बाथरूम में तो आशिता नाराज़ होती थी के क्यूं उसे सर से नहीं नहं दिया जाता, और इस पर विहान उसको चेरता के वो सर तक नहीं नहीं पाई! मां समझी के उसके लंबे बाल हैं और सुखने में वक्त लगेगा, वो बीमार हो सकती है इस लिए उसे हर रोज बाल नहीं धोना चाहिए…..
अब क्यों साथ नहीं थे वक्त विवान ने देख लिया था के चुंबन तार से उसकी मां आशिता के बाल धोते हैं इस लिए में सबून नहीं जाए नहीं तो वो बहुत चिल्लाती थी आंखों में सबुन के जाने से….
और आखिर में बाप ने एक नया बेड खरिदा उन दोंनों के लिए जिस्को दसरे रूम में लगा गया और वो रूम इन दोंन के बेडरूम बन गए। मगर शुरू में सिरफ विहान सोता था अपने बिस्तर पर रात को आशिता अपने मम्मी पापा के साथ रहती थी मगर आशिता रोने लगी ये कहकर के उसे भी नया बिस्तर पर सोना है विहान के साथ। आशिता नहीं रहना चाहती थी अपने भाई के बघैर। दोनो साथ स्कूल जाते, साथ लौटाते, साथ होमवर्क करते, साथ टीवी देखते और साथ सोने जाते। दोंनों के स्वाद भी बहुत मिलते हैं, सीरियल पास और आए तो दून को एक ही, गाना पास और आए तो भी दोंनों के पसंदीदा एक ही थे, हीरो और नायिका जो विहान के पसंदीदा वही आशिता के दो पसंदीदा होते।
स्कूल में टिफिन लेता से सिर्फ विहान, उस्सि के पास आशिता का टिफिन होता और ब्रेक में दोंन एक साथ खाना खाते थे। क्लासेस टू अलाग द डोनों के क्यों विहान बड़े क्लास में था और 2 साल छोटी आशिता आला के क्लास में थी मगर हर ब्रेक में आशिता दौड़ कर विहान के पास जाति और दून हमशा एक साथ देखते स्कूल के कंपाउंड में।
जब विहान 20 साल का हुआ तो अपने पापा से मोबाइल की मांग करने लगा क्योंकि उसके हर दोस्त के पास मोबाइल्स। घर की तंग हलत को देख कर जब उसके पापा ने समझौता के मुश्किल है एक मोबाइल ख़रीदना उस हाल में। तो आशिता ने बड़ी आसन से अपने पापा से कहा दिया के भाड़े पर खरीद में तो खरिद सकते हैं हर दुकान में भाड़े पर खरीद में मिली है मोबाइल।
अनिरुद, जो विहान के पापा का नाम था उसे कभी भी किराया खरीद वाला आइडिया पास और नहीं था। उसे कभी भी जिंदगी में कुछ भी क्रेडिट पर नहीं खरीदा था आज तक, और अब लगने लगा के बच्चन के खतिर उसे वो करना पड़ेगा।
अनिरुद्ध रात को अपनी पत्नी, सुमन से इस बारे में बात कर रहा था के अब उसे किराया खरीद पर मोबाइल ख़रीदना मिलेगा विहान के लिए। सुमन ने कहा के उसे शायद अब नौकरी कर लेनी चाहिए क्योंकि अब बच्चे बड़े हो गए हैं।
सुमन ज़िदा पढ़ी लिखी तो नहीं थी, हां इंग्लिश बोल लेती थी, और सब कुछ पढ़ भी सकती थी मगर हायर एजुकेशन वाली नहीं थी, मगर सिलाई अच्छी कर्ता थी पर शादी के बुरे बच्चे होने के बाद सिरफ घर में लगी काम …..
जहान अनिरुद्ध काम करता था वहां उसके बैंक के कुछ करीब एक नया बुटीक खुला हुआ था और उसकी मालकिन ने अनिरुद्ध की बैंक से ऋण का बंदोबस्त किया था।
तो दुसरे दिन अनिरुद उस बुटीक के मालकिन से मिलने गया अपनी पत्नी के लिए नौकरी की तलाश में। क्यूंके बुटीक के मल्किन अनिरुद्ध को जनता था उसे जब जाना के सुमन को सिलाई आती है तो उसे कहा के अक्सर ऐसा होता है के जब कोई लड़की एक सूट खड़ी होती है तो उसमें समायोजन करना वही पढ़ा होता है, सब समान भी मौजूद है तो किया सुमन वो कर सकती है… बाकी दिन भर बुटीक की देख भाल और ग्राहकों को भी शामिल होगी….
तो इस तरह से सुमन भी काम पर लग गई।
विहान को अच्छा नहीं लगा के उसकी मां काम करने लगी और लडका कुछ खुदा था तो उसे अपने पापा से कहा के उसको मोबाइल नहीं चाहिए भाड़े पर खरीद पर कुछ नहीं खड़ीना होगा उस्को।
अब विहान कंप्यूटर क्लास में बहुत तेज़ था। घर पर उसके पापा के लैपटॉप पर काम करता था मैटलैब स्कूल वर्क्स करने के लिए अपने पापा के लैपटॉप इस्तमाल करता था, मगर उसे लैपटॉप भी अपनी पर्सनल चाहिए था।
तो विहान ने किया ये के एक डील किया इंटरनेट कैफे के मालिक से के हफ्ते में 4 दिन वो शाम को 4 से लेकर रात 11 बजे तक उसके हर कंप्यूटर मुद्दे को हल करेगा। काम तो बहुत सारे होते हैं एक इंटरनेट कैफे में जहां 30 से ज़िदा कंप्यूटर होते हैं हर किसी एक कंप्यूटर में कुछ नहीं कुछ मुद्दों होता है दिन भर।
तो इस तरह से विहान को पार्ट टाइम जॉब मिल गया करने को। माँ बाप बहुत खुश हुए के उन्का बेटा कितना खुदार और मददगार है।
जिन्न दिनों को विहान काम पर जाता स्कूल से वापस आने के बाद आशिता को अकेले घर में अच्छा नहीं लगता तो उसे एक दिन विहान से कहा, "भाई मुझे भी अपने साथ लेचलो नहीं अपने जॉब पर!"
विहान ने जवाब दिया, "तू पागल है किया री? रात को 11 बजे तक मेरे साथ इंटरनेट कैफे में किया करेगा तू?”
आशिता: "चलो थिक है, मैं शाम को 6 बजे वापस आउंगी, 4 से 6 बजे तक तो तुम्हारे साथ रह सकती हूं वहां?"
दोंनों में बेह्ज़ हुई और विहान ने माना किया। बात माँ बाप तक गए तो माँ बाप ने भी आशिता को विहान के साथ जाने को मन किया।
आशिता को खामोश होना पड़ा मगर मुंह फूला लिया।
मां ने एक नई अलमारी खारिदे उन दोंनों के लिए जो उन के काम में लगा गया। और विहान और आशिता के सभी कपड़े मां ने अपने वाले अलमारी से निकल कर उस नई अलमारी में रख दिए और दोंनों को देखा दिया के चुंबन के कपड़े कौन सी वार्ड में हैं। आशिता ने चुना कर लिए के राइट वाला दूर उसस्की है और लेफ्ट वाला विहान का। विहान ने स्वीकार कर लिया।
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एक दिन हुआ ये के विहान ने आशिता वाले अलमारी की दूर को खुला किया तो उसके हाथ 3 ब्रा लगे मध्यम आकार के। उस वक्त आशिता नहीं गई थी और मां बाप दोंन काम पर चले गए थे और स्कूल की छुट्टी के दिन थे….. या अब तो विहान कॉलेज जाने लगा था
विहान को नहीं पता था के आशिता ब्रा बाय इस्तेमाल करने लगी है... असल में लड़की की जिस्म किस उमर में काफी बढ़ जाती है और कुछ लड़कियों के ब्रेस्ट निकल आते हैं तो आशिता की मां ने वो सब बंदोबस्त कर दिया। ... केई लड़कियों की तो और भी बाली उमर में ही ब्रेस्ट निकल आते हैं, वो जिस्म की ग्रोथ पर निर्भर करता है...।
तो उस दिन को विहान ने उन 3 ब्रा को जांच किया, हाथ में लेकर काफ़ी डर तक देखता रहा…. फिर पता नहीं क्यों विहान ने तीनों ब्रा को किस किया फिर नाक से लगा और उन्को सुंघा…. और उस्का खड़ा हो गया!
वो मन ही मान आशिता की जिस्म को सोचने लगा, अपने ख्यालों में आशिता को सामने आया और पुराने से उसे अपने ज़िप खोले और अपने लुंड पर ब्रा को लगा और अपने तने हुए लुंड पर जैसा ही उसे चुना ब्रा रागधना दाखिल हुआ!
आशिता एक ड्रेस में थी, उसके बाल भीगे हुए थे, पानी की बूंदे कुछ चेहरे पर तो कुछ उसके बाज़ुओं पर दिख रहे थे, एक तवलिया से वो सर को एक तरफ झुके हुए अपने बच्चों को रगड़ कर रही थी। क्यों उसका सर एक तार झूका हुआ था उस ने कुछ नहीं देखा के विहान किया कर रहा था, तो झट से विहान ने अपना ज़िप ऊपर किया और ब्रा को वापस रखा अलमारी में और कामरे से लाल चेहरे के साथ में …..
फिर कुछ डर बाद वो वापस कामरे में आया जब आशिता बेड पर बैठी थी। हंसते हुए वो आशिता को देख रहा था। आशिता ने उसे हंसते हुए देखा तो पुचा, "क्यूं हंस रहे हो ऐसे किया हुआ?"
विहान वेइस ही हंसते हुए अलमारी के पास गया तो मुधकर आशिता उसको नजरों से फॉलो करें फिर पुचा, "क्या हुआ किया भाई हंस क्यों रहे हो?"
तब तक विहान अलमारी का दरवाजा खोल के आशिता के ब्रा को हाथ में लेकर आशिता को देखते हुए कहा, "तुम कब से ये इस्तेमाल करने लगी री?"
आशिता लाल चेहरे के साथ झट से उत्थान वहन गई और चिल्लाते हुए कहा, "तुम मेरी वाली दूर क्यों खुले कर रहे हो चोरो इसे, ये तुम्हारा नहीं है चोरो नहीं !!" अब डोनों ने ब्रा को हाथ में थे और विहान ज़ोरों से हंसते जा रहा था। तो आशिता ने ब्रा को चोर दिया और मुंह फूला कर वापस बिस्तर पर बैठा गई।
विहान ब्रा को हाथ में लिए उसके पास गया और प्यार से कहा, "इस में नरज होने वाली किया बात है भला हम?" आशिता ने सर निचे झुकाया हुआ था जमीन देखते हुए। विहान ने कहा,
“हममरे बीच कभी कोई सीक्रेट रहा है किया? बोल? क्यूं मुझसे छुपी है? भला कब से तू ब्रा इस्तेमाल करने लगी और मुझे पता भी नहीं चला? बता नहीं कब से कर रही है ब्रा तू का इस्तेमाल करें?"
सर झुके हुए ही आशिता ने कहा, "पिछले साल से। मम्मी ने खरीदे द.!"
विहान ने उसके गाल पर हाथ फिरते हुए कहा, "सिर्फ तीन हैं? अभी तुमने एक होना है किया?”
आशिता ने नहीं में सर हिलया।
विहान: "क्यूं? अभी क्यों नहीं कहना है फिर?"
आशिता ने एक हलका सा मस्कुराहत में कहा, "नहीं, घर पर नहीं पहचान हूं, स्कूल जाती हूं तब पहचान हूं मम्मी ने कहा!"
तो विहान ने कहा, "एक सफेद है, एक काला और एक गुलाबी, बस यही 3 है?
मेरी प्यारी बहन Part 2
आशिता ने विहान के हाथ से ब्रा छिंते हुए वपस रखने गई ये कहते हैं, "हां बस तीन ही हैं अभी; मम्मी ने कहा अगले महीने और 3 खरीदेगी।”
विहान आशिता को ऊपर से आला तक निहारते हुए कहा,
"तू कितनी जल्दी इतनी बड़ी हो गई री मुझे पता ही नहीं चला और एक बात बोलूं किया?"
अलमारी का दरवाजा बंद करते हुए आशिता मुधकर विहान को देखते हुए पुचा, "किया?"
विहान ने मस्कुराते हुए कहा, "तू बहुत हॉट और सेक्सी भी दिखने लगी है मुझे अब!"
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