मेरी प्यारी बहन Part 11





                  मेरी प्यारी बहन  Part 11




10 बजे सब के सब हॉस्पिटल में डॉक्टर का इंतजार करने लगे।  एक जग पर उन सब को बैठने और इंतजार करने को कहा गया जहान एक ऑफिस था, परामर्श भी वही था और डॉक्टर मरिज को वार्ड में देखने के बाद वहां उन लोगों से मिलेंगे और मरीज के नंगे में बात करेंगे।  विहान के फैमिली के इलावा कुछ और फैमिली मेंबर्स द वहां डॉक्टर्स से मिलने के लिए।


 आशिता ने सोचा जब तक डॉक्टर नहीं आते वो क्यों नहीं वार्ड के पास जा कर बहार से ही विहान को वार्ड के अंदर देखे।  और वो गई भी।  सेखरों किरकियान द वार्ड में तकरीबन हर एक बिस्तर के पास एक खिरकी था, मगर जहां विहान सोया हुआ था वहां की खिड़की बंद था क्योंकि वो तो नीचे में था या पता नहीं कुछ ऐसा ही होगा।  उसको हुआ किया था कुछ हदियां टूटने के इलावा….  आशिता ऑपोजिट के खिरकी से उसे देख रही थी, और एक मरिज से अंधेरावस्‍त किए के वो जाकर विहान के पास वाला खिरकी खोल दे ताके वो वहा जाकर करीब से विहान को देख और बात कर खातिर।  वो मरिज आज डिस्चार्ज होने वाला था इस लिए घूम फिर रहा था तो उसे जाकर विहान के बिस्तर के पास वाला खिरकी को खोल दिया और आशिता को उस तरह जाने को कहा।


 आशिता के इलावा की और खिरकी से कुछ लोग मेरीजन से बातें कर रहे हैं।  जब विज़िटिंग घंटे नहीं होते और जो लोग देर से खाते थे तो उसि तरह से मिलते थे यूएस हॉस्पिटल में।


 तो आशिता ने आवाज़ दिया विहान को, केई बार फुकारा उसने,


 "भाई?  नमस्ते भाई?  सुन रहे हो किया?  हेलो बॉयफ्रेंड, देखिए आपकी गर्लफ्रेंड यहाँ है, कृपया उससे बात करें।


 कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुआ विहान के तरफ से।  काफ़ी डेर तक आशिता वहीं खादी रही और फ़िकर करने लगी के आख़िर विहान को हुआ कि क्यों वो नहीं जगा रहा?  उसे डर लगने लगा के कहीं कोई खतरे वाली बात तो नहीं, और वापसी जा कर अपने मम्मी पापा को बताया।


 अनिरुद्ध ने आशिता को वापस वही भेजा यह कहकर के डॉक्टर वहां जाएगा विहान को देखने टैब खिडकी से ही आशिता उस डॉक्टर से बात करें और पुचे के क्यों विहान अभी तक जाग नहीं है।  आशिता ने वही किया, और डॉक्टर असल में आया विहान के पास, उसकी रिपोर्ट्स देखे और नर्स से कुछ बातें की डॉक्टर ने धिमी आवाज में।  आशिता खौफ भरे नजरों से डॉक्टर के चेहरे में उसकी अभिव्यक्ति को पढ़ने की कोषिश में थी और जब डॉक्टर जाने वाला था तो आशिता बोली,


 "डॉक्टर साहब, प्लीज मुझे बताएं क्यों मेरा भाई अभी तक जागा नहीं है?  वो कब आंखें खोलेगा?  कृपया मैं उससे बात करना चाहता हूँ…”


 डॉक्टर ने आशिता को ऊपर से आला देखा और पुचा,


 "तुम अकेले आई हो किया अपने भाई के लिए?"


 आशिता: "नहीं, सर मम्मी पापा भी हैं वो आप का इंतजार कर रहे हैं वहां आप के कंसल्टेशन के पास।"


 डॉक्टर: "ठीक है तुम भी वही मेरा इंतजार करो मैं बस 5 मिनट में वहन हूं।"


 आशिता वपस अगायी और अपने मम्मी पापा से कहा के डॉक्टर आने वाला है।


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 डॉक्टर के ऑफिस के अंदर, सब बैठे और डॉक्टर ने विहान की फाइल को खोल कर अपने टेबल पर रख कर उसकी एक्सरे को जांच किया और एक इकोोग्राफी की फिल्म भी देखने लगा और रिपोर्ट पर नजर दौड़ते हुए कहा,


 "कुछ भी ज़िदा गंभीर नहीं है फिल्हाल, उसकी चाट पर चोट लगी है और पेयर की एक हदी फ्रैक्चर हुए हैं, घुटनों पार हलकी छोट लगे हैं, मगर हां पुलिस की रिपोर्ट में लिखा है के उस्का सर, रोड के फुटपाथ से।  से उसके सर पर शायद ज़िदा छोट लगाने की वजह से वो एक कोमा जैसी गहरी ज़रूरत में है ऊपर से दर्द कम करने के लिए सेडेटिव पर है इसी लिए उसे अभी तक एंख नहीं खोले हेन, वो कभी शामक 8  के 4 बजे से सिरफ 6 घंटे हुए हैं, अब बरह बजने के बाद वो जाएगा।  और हां जाने पर अगर उसके सर में ज़िदा दर्द होता है तो स्कैन करना पड़ेगा देखने के लिए के सर के और ज़िदा गहरा छोट तो नहीं लगे तो उसे।  एक्सरे से टू फ्रैक्चर नहीं नजर आरा है मगर खोपरी के और सेंक्रोन नसीन होते हैं, अगर उन में कुछ बड़ा होगा तो वो सिरफ स्कैन से पता चलेगा, इस लिए अभी भी उसे जाने का इंतजार करना होगा, और 3 दिन के लिए उसे होगा।  करने को ले जाएगा, तब परिणाम आने के बाद पता चलेगा के उसको किया इलाज देना होगा।”


 वो डॉक्टर जवान था और बार बार आशिता को देखे जा रहा था।  फिर जब बातें हो गई तो आशिता निकल रही थी तब डॉक्टर ने अनिरुद्ध को और रुकने के लिए कहा, आशिता मुध कर पिच उन्को देखने लगा तो उसे कहा,


 "आप के पिता से एक निजी बात करनी है तो कृपया हमें क्षमा करें।"


 तो आशिता और उसकी माँ बहार निकले और आशिता बहोत चिंतित होकर अपनी मम्मी से कहा,


 "मां जरूर कोई बुरी खबर है इसी लिए डॉक्टर ने पापा को अकेले और रोका, कुछ बुरी खबर है मां!"  ये कहकर आशिता रोने लगी।


 तबी दरवाजा खुला और अनिरुद्ध ने आशिता की मां को भी अंदर बुलाया।  आशिता और ज़ियादा घबड़ा गई वो भी अंदर जाना चाहती थी मगर उसे रोका गया बहार ही….  आशिता बेंच पर बैठ गई रोटे हुए।


 अंदर बात ये हुई के डॉक्टर ने अनिरुद्ध से पुचा,


 "किया आप की बेटी की शादी हो गई?"


 अनिरुद: "नहीं वो अभी पढ़ रही है"


 डॉक्टर: “किआ आप उसे शादी मुझसे करोगे?  मुझे वो बहुत पासंद आई"


 तबी अनिरुद्ध ने सुमन को भी अंदर बुलाया।  और अंदर डॉक्टर सुमन से भी यही बातें कर रहा था।


 सुमन को कोई एतराज नहीं था और उसे हां कहा।  टू डॉक्टर ने कहा के विहान हो थिक हो जाने दिया जाए तब वो आधिकारिक तौर पर करेगा डोनों को सूचित करें।


 सब वपस घर जाने लगे और आशिता सवार पर सवाल किए जा रहे थे डॉक्टर ने किया कहा, क्यों उन दोंनों को अकेले बुलाए कि हुआ था विहान को वघैरा वघैरा।  उसे कोई जवाब नहीं दिया गया।


 बस में सुमन और अनिरुद्ध एक साथ बैठे और सुमन ने कहा, "एक तार एक बुरी बात हो गई हमारे विहान का दुर्घटना हो गया और एक तार इतना अच्छा रिश्ता मिल गया आशिता के लिए, एक डॉक्टर, कितनी खुशी की बात है?"


 अनिरुद्ध ने कहा,


 “ये सब शायद भगवान की प्लानिंग थी।  विहान का एक्सीडेंट होना ही था तब नहीं डॉक्टर हमसे मिलते, तब नहीं वो आशिता को देखता और उसे हाथ मांगा"


 सुमन ने कहा,


 "हां उसका खेल भी निराला है, हमारे बचे के हदी तोड़वा कर आशिता का रिश्ता भजना था उस ऊपर वाले को!"


 दोनो सिरफ उस रिश्ते के बारे में बात करते हुए घर तक।  विहान को जिसे भूल ही गए, और आशिता सिरफ और सिरफ विहान के नंगे में सोची गई, बहोत उदास थी बार बार उसके लिए एन्खों से ऐसे भी रहे थे।


 अनिरुद्ध ने रिश्ते को लेकर ये भी कहा के अभी आशिता शादी के लिए नहीं मानेगी, अभी पढ़ रही है तेज है, और पढना चाहेगी।  तो सुमन ने कहा के डॉक्टर ने कहा तो दिया के उसे पढने देंगे, एक रोका करेगा, फिर मांगनी और शादी 3 या 4 साल बाद करेगा, तब तक दूं मिलेंगे, रोमांस करेंगे, सब कहा नहीं डॉक्टर ने?  तो इस में किया गलात है?


 घर के अंदर आते ही आशिता अपने काम में नहीं बालके विहान के कामरे में उसके बिस्तर पर गई और बिस्तर पर लेत कर विहान को गंध करने लगी…।  वो जो विहान करता आया था इतने सैलून से, आज आशिता कर रही थी।  विहान की आदत थी आशिता को गंध करना, जब वो पास नहीं होती तो आशिता के कपड़ों को सुनना, उसके रात को सुनना, आशिता बिस्तर पर जहान सोती है उस जग को सुनगना, उसे तकिए में उसकी बाल को फिर से खुश करना  करता था, आज आशिता की बारी थी….. और कुछ डर तक विहान को तस्सवुर में उसके साथ बिस्तर पर महसूस करने के बाद, आशिता उठ कर विहान के उन कप्तानों को लिया जो कल पहचान था और अभी तक धूला  सुनने लगी, उस में से विहान के खुश्बू आरे थे, उस्कि डिओडोरेंट और पासिन की मिक्स खुशबू आरे द और आशिता उसको सुंघते हुए उसजित होती जा रही थी, उसे बहुत ज्यादा मन कर रहा था उसे महसूस कर रहा था।  , हमें किस करने को, और उस से किस करने को….. आशिता धीरे धीरे अपने स्तन को दबाती गई और धीरे से अपने हाथ को अपने पेठ पर फिरते हुए अपने पेठ के आला तक उनग्लियों को फेरा और पेंटी को आप में  खुद को गिला पाया आशिता ने, उसकी सांसें रफ़्तार  पकडने लगी थी और उसकी दिल की धड़कनें और ज़िदा तेज़ होने लगे थे विहान को मन में बसाए हुए आशिता अपने भाई के अघोष में खो जाना चाहती थी...।  उसके मुं से ये शब्द तड़पती आवाज में निकले,


 "भाई, कब आओगे, आई लव यू भाई, मुझसे तुमसे बहुत प्यार करना है, मिस यू लाइक हेल माय डियर लविंग बॉयफ्रेंड, तुमको चुनने को मन करता है, तुम्हारे टंगों में पहले की तरह अपने टंगों को जकरने का मन कर रहा है।  तुम्हारे कपड़े उतरने का मन कर रहा है, और खुद को नंगा करके तुम्हारे नंगे जिस्म पर चढ़ने का मन कर रहा है, जल्दी वापस आओ भाई अब मुझसे और सहा नहीं जाएगा, उफ्फ्फ!"


 शाम को 4 बजे विजिटिंग आवर्स था तो सबको जाना था और डॉक्टर से रिपोर्ट भी जाना था के स्कैन की किया रिपोर्ट आया है।


 अनिरुद्ध को काम पर जाना था, सुमन को भी मगर दोंनों ने फोन करके पत्ते ले लिए, और आशिता भी घर पर रह गई, कॉलेज से बंद।


 अब अनिरुद्ध आशिता को बताना चाहता था उस डॉक्टर के प्रस्ताव के बारे में, वाइज तो हमें पहले से पता था के डॉक्टर कामयाब नहीं होने वाला क्यों आशिता साफ करेगा करेगा।  मगर जिस वक्त डॉक्टर ने उस से पुचा था टैब तो उसको वेइसा करना पड़ा सुमन को और बुला कर डॉक्टर वाली बात बता कर, वर्ण अगर डॉक्टर अलग से सिरफ सुमन से बात करता तब कुछ और भी हो सकता था।  अनिरुद्ध ने सुमन के सामने बात किया ये देखने के लिए के सुमन किया कहेंगे, उसे सोचा था के सुमन इंकार करेगा ये कहकर के आशिता अभी पढ़ रही है कोई 4/5 सा के बाद वो उसमें बदल जाएगी  हां कर दिया तो अनिरुद्ध ने हां में हां मिला हलां के उसे पता था कि फ्लॉप होने वाला है।


 अस्पताल जाने से पहले सुमन न जाने गई तो जल्दी से अनिरुद्ध आशिता की कामरे में गया और बात बताय डॉक्टर वाला को वापस करने के लिए।  आशिता अपने पापा से नराज हुआ के क्यों उसे साफ नहीं किया।  फिर भी अनिरुद्ध ने कहा दिया के "तुमको बस इन्कार करना है बाकी मैं संभल लुंगा, कोई मुद्दे नहीं होगी देख लेना"


 आशिता उस डॉक्टर को याद करते हैं सोचा लगा किस तरह से वो उसको घुर रहा था अपने परामर्श में, फिर आशिता ने जिसे फ्लैशबैक में जाकर देखा के जिस वक्त वो 10 बजे खिड़की के पास खड़ी विहान के बिस्तर पर उस डॉक्टर को  आया था तब आशिता ने उस से पुचा था के क्यों विहान में नहीं खोल रहे तो जिस तरह से डॉक्टर ने उसे देखा था, अब आशिता उस के नजर पर गौर कर रही थी...  .  वो आशिख हो गया था उसी वक्त आशिता का….


 आशिता सोचने लगी के किया देखा उस डॉक्टर ने उस में हम वक्त तो जिस ड्रेस में थी अभी उसी में थी, आशिता आईने के सामने जाकर खुद को देखने लगी और एक बिना आस्तीन की पोशाक में थी जिस में उसी गोरी ही बाजू दिख रहा था  उसकी ब्रा की स्ट्रैप नज़र आरे थे, फिर आशिता ने खुद अपने स्तन के रूप में उस पोशाक में, तो पाया के उसके स्तन के रूप बहुत साफ नज़र आरे थे, और उसकी घुटनों के थोड़ा सा ऊपर तक पोशाक था तो उसस्की जांगों की ऊपर उनकी पोशाक  भी दिख रहे हैं….  आशिता खुद को निहारने लगी आईने में देखते हुए और विहान को सोचा और खुद से कहा,


 "भाई इस जिस्म का मालिक है, उसे मेरे जिस्म का हर एक हिसा पास और है, अब सोच रही हूं वो इतने दिनों में ऐसा अपने सामने देखता है, अगर डॉक्टर आशिक हुआ तो मेरा अपना साल से मेरा आकाश जो  है उस पर किआ बीटा होगा इतने दिनों में उसे मैं ने अपने से दूर रखा, अपनी जिस्म से उसे मेहरूम रखा, कितना तड़पा होगा मेरा विहान मेरे लिए?”


 और तूरंत आशिता ने सोचा कितने सारे हॉट पिक्स लिए हैं विहान ने उसके अपने मोबाइल में तो झट से उसके दीमाग में बात आई के मोबाइल कहां है?  आशिता का मन खन्ना, एक डर सी लगी उसको ये सोच कर के कहीं मोबाइल किस्सी और के हाथ तो नहीं लग गया?  आशिता याद करने लगी के उसने विहान के जिस्म पर चारो तरफ हाथ फेरी थी, मगर उसके पास बिस्तर पर उस्का मोबाइल नहीं था...  के मोबाइल के तलाश में।


 सोचते हुए जा रही थी के किस से पुछेगी?  तो रास्ते में ही सोचा के पुलिस थाने में पहले पुछना चाहीये उन लोगों को पता होगा क्योंकि वही लोग उससे सड़क से उठा कर अस्पताल ले गए थे।


 आशिता थाना पहुंची को।  वहन के सारे थरकी नजरें आशिता को ऊपर से आला घुर रहे थे।  आशिता ने सारी बात बतायी तो वहां के सभी पुलिस वालों ने कहा के नाइट शिफ्ट वाले पुलिस वालों ने विहान को हॉस्पिटल पहला था तो उन लोगों को पता होगा के मोबाइल किधर होगा।


 आशिता, अपने भाई की दुर्घटना और तमाम हलात को चेहरा करते हुए थोड़े चिड़चिड़ा सा आया उस में और घुस्सा आया उस्को तो कुछ यूं कहा उस पुलिस वाले से जो आराम से अपने कुर्सी पर बैठा हुआ था और जैसा उसे वहां से हिलने का  , आवाज़ को थोड़ा ऊंचा करके आशिता ने उसके चेहरे में गंभीर से देखते हुए कहा,


 “रजिस्टर में सब कुछ लिखा नहीं होता है?  अगर मोबाइल को नाइट शिफ्ट वालों ने रखा होगा तो किया वो कहीं किसी दराज में नहीं पर होगा?  किसी लॉग बुक या रजिस्टर में रात की पाली वालों ने नहीं लिखा होगा उसके बारे में और यूएस दुर्घटना और घायल व्यक्ति जिसे अस्पताल ले जाया गया था?  ये सब किया मुझे आप लोगों को सीखना होगा?  आप ज़रा उठ कर चेक करने के लिए करेंगे या यदि आप अनुमति देते हैं तो क्या मैं इसे स्वयं सत्यापित कर सकता हूँ?"


 थोड़ा सा अंग्रेजी झरने से आशिता ने सोचा वो पुलिस वाला कुछ हिल दो करेगा, और उसकी अंग्रेजी काम कर गई, वो आलसी पुलिस वाले ने आशिता के चेहरे में देखते हुए झट से लॉग बुक खोला और चेक करते हुए कहा,


 “हां मैडम जी ये रहा लिखा है के एक घायल नौजवान को रोड से उत्थान अस्पताल लेजाया गया 2.30 बजे को।  वह नशे में था लिखा हुआ है और नाम लिखा है विहान ???  और समाज में नहीं अरहा सरनेम किआ है मैडम जी, हां और लिखा है के कोई पर्सनल आइटम नहीं रखा…” और…  ,….  "उसके पास मोबाइल था जिसे हमने खुद अपने पंत के जेब में डाला और उसे खुद अपना नाम बताया और पता भी, बेहोश होने से पहले।  यह हिट एंड रन का मामला था मैडम जी।  बस यही लिखा है, और कुछ उसके बीच से यहां रखा गया होता तो जरूर इस में लिखा होता।"


 टू आशिता ने पुचा "तो उसका मोबाइल कहां गया, उसके पास तो नहीं मिला मुझे?"


 तब तक एक दशहरा पुलिस वाला जो शायद पहले वाला से ज़िदा बड़े पोस्ट पर था सब बातें को सुनते हुए आशिता के पास आया और आराम से कहा,


 “देखिए, आप जाकर हॉस्पिटल में सर्च कीजिए।  आ वहां पर कैजुअल्टी डिपार्टमेंट में पुच ताज कीजिये तो जिन्न लोगों ने उस वक्त उस्का मोएना किया होगा, जिस डॉक्टर ने आप के भाई को कंसल्ट किया, पट्टी वाघैरा लगवाया उसि ने मोबाइल रखा नर्स वागा है।  को हॉस्पिटल में जरूर पता चलेगा, आप खमाखन घुस्सा कर रहे हैं हम लोगन पर, हम भी इंसान हैं मैडम जी और हम भी तो काम ही कर रहे हैं ना?!"


 आशिता ने हमें एक मुस्कान से धन्यवाद कहा और निकल गई।


 हॉस्पिटल के तार बढ़ते हुए आशिता को इस बात की फ़िकर थी के किसी ने उसस्की तस्वीरों को कहीं देखा तो नहीं होगा मोबाइल में, और ज़िदा फ़िकरमंद होने लगी थी ये सोच कर के अगर किसी ने मोबाइल चुरा तो कभी कभी लिया है  पिक्स नहीं मिलेगी, और पता नहीं किसी ने उन पिक्स को इंटरनेट पर किसी सेक्स फोरम पर अपलोड कर दिया तो गजब हो जाएगा।  उस के इलावा आशिता को ज़िंदा अफ़सो इस बात का हो रहा था के विहान ने बड़े प्यार से उसकी तस्वीरों को डर साल पहले से बचाता है आ रहा है और उसकी और भी निविदा उम्र की तस्वीरों को विहान है और क्या हम बचाते हैं  दिन बड़े प्यारे द और हमेश कहा करता था के वे दिन वापस नहीं आने वाले इस लिए उन तस्वीरों को निशानी की तोर पर जिंदगी भर रखेगा।  भावनात्मक मूल्यों को बहोत करने के लिए आशिता के लिए उन तस्वीरों और वीडियो की, और खास कर विहान के लिए तो उसके प्यार की निशानियां द सब।  फिर खुद आशिता को अब अपने पिक्स को देखने का मन कर रहा था क्योंकि जिन्न दिनों शूरु में विहान ने उस्के तस्वीरें लेना शुरू किया था आशिता उस से दूर रह रही थी लेकिन उसको पता है के गर्म वहां हैं।


 हॉस्पिटल पहंचने तक आशिता ने याद करने की कोशिश की के किया पासवर्ड होगा विहान का मोबाइल अनलॉक करने की?  याद कारती गई के किआ कभी विहान ने उस मोबाइल के पासवर्ड के बारे में कुछ कहा था या नहीं?  आशिता विहान से दूर रख रही थी इतने महान, सैलून से फिर भी उसस्की हर एक छोटी सी छोटी बात को दिल से लगा कर रखती थी, तो उसे थोड़ा बहुत याद रखना था के जब नया तो नया कॉलेज लाया था  से पहले हमें बताएं कि हमें पासवर्ड या उंगलियों के निशान और बायोमेट्रिक्स की कुछ बातें कहते हैं…।  और आखिर में आशिता को थिक से याद आया के आशिता ने विहान से पुचा था,


 “अगर किस्सी ने मेरी ऐसी तस्वीरें जो तुम ले रहे हो ड्रेस बदलते वक्त;  किसी तरह देख लिया इस मोबाइल में तो किया होगा?"


 और उस वक्त विहान ने बड़े फक्र से कहा था,


 "क्या कोई नहीं देख सकता कभी भी क्योंकि ये मेरे उंगलियों के निशान से अनलॉक होता है, 15 सेकंड के बाद स्क्रीन लॉक हो जाता है और इसे कोई भी उपयोग नहीं कर सकता है मेरे सीवा, तुम भी नहीं, दुनिया में भी कोई नहीं मिलेगा  इस्के और हेहेहे!  और फिर मेरी गर्लफ्रेंड के पिक्स को मैं एक सिक्योर फोल्डर में सेव करता हूं और वो फोल्डर भी मेरे फिंगरप्रिंट से ही खुल जाएगा!


 तब आशिता की जान में जान आई के चलो कोई मोबाइल को ओपन तो नहीं कर पाएगा……


 और आशिता हॉस्पिटल में फिर दखिल हुई……




 आशिता पहले कैजुअल्टी में गई जहां सबसे पहले मरीजों का मोएना किया जाता है वहां पर पुछ ताज किया से उधार भी वही प्रतिक्रिया मिली के कल रात की शिफ्ट वालों को पता होगा।  बहोत भिध द और ऑफिसर्स कम, तो आशिता ने बेहतर समझौता के डॉक्टर से दूधर पता लगाये विहान की मोबाइल की।  और खुद से मस्कुराते हुए आशिता ने कहा,


 "उस रोमियो डॉक्टर को फिर फेस करना पडेगा धात, मैं उसे नहीं पता लगेगा दूंगा के मेरे घरवालों ने मुझे उसके प्रस्ताव के बारे में बता दिया है... पक्का वो मुझसे अब फ्लर्ट करेगा, मुझे यकीन है"


 पुरा हॉस्पिटल का चक्कर काटना पड़ा आशिता को डॉक्टर को धुनने के लिए, कोई कहता कंसल्टेशन में होगा, वहन नहीं मिले तो किस्सी ने कहा, किसी वार्ड में अपने मरीजों को देखने गया होगा, तो कहीं पर कहां जाता है पता है डॉक्टर  .


 चक्कर लगाते वक्त आशिता एक बार विहान के वार्ड के खिलाड़ी के पास रुका तो पाया के विहान को किसी दुसरे बिस्तर पर लेजया गया है।  वो उस बिस्तर पर नहीं था जहां पहले थे, नर्स के केबिन के करीब वाले बिस्तर पर था अब।  और उसी हाल में था।  तो आशिता ने एक नर्स से देखा कि किया उसस्की स्कैन हो गई तो जवाब हां में मिला, आशिता ने रिजल्ट पुचा तो कहा गया के रिजल्ट डॉक्टर के पास है।  और सवाल किया के कब विहान की आंखें खुलेंगे तो नर्स ने कहा वो जागा हुआ था कुछ डर पहले पर इंजेक्शन देना पर उसे सुलाने के लिए क्योंकि दर्द से तड़प रहा था।  सीरम अब भी लगा हुआ था।  अब आशिता ने उस नर्स से मोबाइल के बारे में पुचा और विहान के निजी सामान, पैसे, बटवा वघैरा के बारे में नर्स ने कहा वो चेक करके के बता है।


 नर्स अपने ऑफिस में देखने गया फिर वापस आया विहान की बातवे के साथ और कुछ छोटे छोटे कागज के टुकड़े के साथ जो संभल के रखा था, वो विहान के जेब से निकले गए थे।  नर्स ने पुचा के हमें वापस रख दिया जाए या वो उन बच्चों को ले जाएगी।  आशिता ने सब ले लिया और मोबाइल के बारे में पुचा तो नर्स ने कहा के बस इतना ही कुछ है विहान के नाम से उसके ऑफिस में।  उस नर्स ने आशिता से एक फॉर्म पर साइन करवा के उस ने वो चीजों को वापस ले लिया है, और एक नोट लिखा के मोबाइल नहीं है उन लोगों में।  आशिता ने साइन किया और बटवा ले लिया उन गगज़ोन के टुकड़ों के साथ।  फ़िर वापस डॉक्टर को धुनते हुए आशिता हॉस्पिटल के चक्कर काटने लगी।


 और के जगों पर पुचने के बाद आशिता को बताया गया के डॉक्टर किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने को गए हुए लेकिन वहां कहीं होगा।  और हो ये रहा था के जब आशिता उधर जटा डॉक्टर को धुंडने, तो वो इधर होता, और जब आशिता इधर और ढुंडने, तो डॉक्टर उधार होता।


 इस चक्कर में विजिटिंग टाइम करिब हो रहा था से एक टेलीफोन बूथ से आशिता ने घर फोन करके अपने माता-पिता से कहा के वो घर वापस नहीं अरही है, वही हॉस्पिटल में ही उन्का इंतजार करेगा, क्योंकि विजिटिंग टाइम क्लोज हो रहा था उस वक्त।  आशिता ने ये भी बता दिया माता-पिता को के विहान की स्कैन हो गई है और रिजल्ट डॉक्टर के पास है मगर डॉक्टर कहीं दिख नहीं रहा है और वो उसी की तलाश कर रही है।  और ये भी बताया आशिता ने खुश होते हुए के विहान ने खोले थे मगर दर्द हो रहा है इस लिए उसे इंजेक्शन दिया गया है और वो अभी तो रहा है और बेड चेंज किया गया है उस्का।


 आशिता ने अपने पापा से बात किया था फोन पर और जब अनिरुद्ध ने सब कुछ सुमन को बताया ये कहते हुए,


 "देखा हमारी बेटी कितनी सयानी है, सब कुछ पता कर चुकी अपने आप, वो हॉस्पिटल में सब पता कर चुकी, अपने भाई को देख भी लिया और पता लगा लिया के स्कैन हुआ के नहीं, विहान का हाल भी बता दिया।  गया और वो अब डॉक्टर से मिलने जार ही है….”


 ये सुनकर सुमन ने कहा,


 “अरे वो डॉक्टर से मिलने जा रही है तो डॉक्टर ने उस दिया के उसने हम से उसका हाथ मंगा है शादी के लिए तो किया होगा?  आशिता तो साफ इंकार कर देगी, तो आप ने उसे रोका क्यों नहीं के डॉक्टर से नहीं मिले वो?  कुछ नहीं और आप को बड़े खुश हो रहे हैं के बेटी सयानी हो गई, हां सयानी तो है मगर सब बड़ा के रख देगी अभी, इतना अच्छा रिश्ता आया है उसे डॉक्टर से ही शादी करवा देना चाहिए अब!"


 अनिरुद्ध थोडा आते हैं अपनी पत्नी के चेहरे में देखते हुए कहा,


 “तुमको अपने बेटे की चिंता ज़ियादा है या अभी बेटी की शादी की परी है?  किया ज़ियादा महत्वपूर्ण है अभी?  रिश्ता तो आशिता की कभी भी कहीं से भी एक शक्ति है, पढ़ कर डिग्री हासिल कर लेगी तो इससे भी बड़ा रिश्ता आ सकता है, तो कौन सी बड़ी बात होगी अगर डॉक्टर को माना भी कर दिया?"


 सुमन ने थोड़ा घुस्सा होते हुए जवाब दिया,


 “मुझे पता था आप इस रिश्ते से खुश नहीं हो, मुझे मलूम था आप किसी तरह आशिता को नहीं करने दोगे उस डॉक्टर से शादी;  उस वक्त डॉक्टर से बात करते वक्त ही मुझे दिख गया था के आप उसे करना चाहता हो, मगर मैं बात को आगे जरूर बढ़ाऊंगी देख लेना उसि के साथ आशिता की शादी करउंगी, हूं कह!"


 अनिरुद्ध ने हंसते हुए उसके पीठ के पीछे भुनभुनाते हुए कहा,


 "देख लुंगा, विहान के होते हुए उसकी शादी कहीं और करवाओगी तुम, तुम निराश हो जाओगे प्रिय पत्नी!"


 सुमन ने मुधकर पुचा,


 "किया कहा आप ने?"


 अनिरुद्ध ने हल्की सी मुस्कान में कहा,


 "कुछ भी तो नहीं मैं तो ग़ज़ल गुनगुना रहा हूँ!"


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 आशिता चलते हुए डॉक्टर के ऑफिस की तरह दोबारा बढ़ रही थी और दसरी तरह से डॉक्टर ने आशिता को दूर से देख लिया था और मस्कुराते हुए उसि के तरफ देखते हुए थे।


 दोनो मिले से डॉक्टर एक हवा भारी नज़रों से आशिता को ऊपर से आला तक देखते हुए कहा,


 "नमस्ते सुंदर युवा महिला किआ आप अभी तक यहां हो सुभा से?"


 आशिता ने एक टू पीस पेहनी हुई थी और सच में बहुत हॉट दिख रही थी, ब्लाउज के ऊपर वाला बटन खुला हुआ था, जिस में उसकी क्लीवेज नजर आरे थे, और स्कर्ट घुटनों के ऊपर था जिस्स में उस जो उस्कि अपने जोंगों सुरक्षित  रंग को कुछ ज़िदा निहार रहे थे और स्कर्ट की डार्क ब्लू कलर के कॉन्ट्रास्ट से और भी साफ दिखाई दे रहे थे।  उस सेक्सी पार्ट को डॉक्टर साहब की नज़र में कुछ ज़िदा ही देख रहे थे जो आशिता ने नोटिस किया कि उसके चेहरे में देखते हुए जब उसे बात किया तो।


 आशिता कुछ बोले ही जा रही थी के डॉक्टर ने कहा,


 "चलो मेरे कार्यालय में मिलते हैं मैं आपको स्कैन परिणामों के बारे में बताऊंगा।"


 ये कहते हैं डॉक्टर ने आशिता के कानधों पर हाथ रखते हुए अपने ऑफिस के तार बढ़ते जो कोई 3 मीटर के फासले पर था।


 कदम में आशिता से ऊंचा होने के करन डॉक्टर को उस वक्त आशिता की दरार और भी जियादा दिख रहे थे जिसको चलते वक्त वो देखते जा रहा था।


 आशिता उस्का हाथ अपने कांधों पर महसूस कर शक्ति थी और हमें समझ में आया के डॉक्टर कुछ थरकी टाइप का है या रोमियो टाइप वाला है।  आशिता ने कुछ नहीं कहा और नॉर्मल चलती गई उसके ऑफिस के तराफ मस्कुराकर औपचारिक रूप से बात करते हुए।


 जब ऑफिस पहंच गए टू डोर ओपन करते वक्त यूएस डॉक्टर ने आशिता के कांधे से अपने हाथी को हलके से फिरते हुए आशिता के बाजू पर हाथ चलाते हुए आशिता के कलायी तक किया और उसके हाथ थाम के उसको ऑफिस के और लाया।  आशिता ने सब अच्छी तरह से महसूस किया।  और इस लिए खामोश रही क्योंकि उसे सोचा के इस वक्त ये डॉक्टर उसके भाई का देख भाल कर रहा है कहीं आशिता ने कुछ जियादा किया या कहा तो कुछ बड़ा नहीं जाए।  आशिता ने इसे कैजुअली लिया।


 अब ऑफिस के अंदर आ गए तो डॉक्टर अपनी कुर्सी पर नहीं बैठा बालके एक सोफा था, उसके डेस्क के सामने जिस पर आशिता को बैठने को कहा और खुद उसे पास बैठा जैसा के कोई चुंबन को अपने लाउंज या लिविंग में मिलता है करता है।  डॉक्टर ने जान बुझ कर आशिता को वहन बिठाया क्योंकि उसे पता वहां बैठने से आशिता की स्कर्ट और भी थोड़ा ऊपर उठ जाएगी जिस में उसकी गोरी जागीं और भी नजर आएगी उसे।


 दोनो बैठे तो डॉक्टर की हिम्मत देखो के सीधे अपने हाथ को आशिता के जांघ पर रख कर पुचा,


 "आप के मम्मी पापा ने कुछ नहीं बताया आप को?"


 आशिता तुरंत समाज गया के डॉक्टर पक्का थारकी है और उसे छू रहा है और यौन उत्तेजना हो रहा है उस से।  पर नासमाज बनते हुए आशिता ने कहा,


 "मम्मी पापा ने?  किस बारे में?"


 डॉक्टर ने अपने हाथी को थोड़ा सा फिरते हुए आशिता के जांघों के और ऊपर किया उसकी चाट को घुरते हुए।


 तब आशिता को अपने हाथ को उसके ऊपर रखना पड़ा उसके हाथ को आगे बढ़ने से रोकने के लिए और एक झूटी मुस्कान के साथ कहा,


 "आप मुझे स्कैन के परिणाम दिखने वाले थे?"


 डॉक्टर ने तब आशिता के हाथ को अपने हाथ में लेकर कहा,


 "आप मुझे बहुत पसंद है, पहली नज़र में ही आप को देखा तो दिल मचल गया और आप के माता-पिता से कुछ बात किया था मैं ने याद है आपके पापा को रुकने को कहा था मैं आज सुभा को?"


 आशिता के मन में एक छन सा हुआ उसके बतों को सुन कर और उसके चेहरे में देखते हुए आशिता ने कहा,


 “मैं समझी नहीं आप किया कहना चाहते हो?  क्यों पापा को रुकने को कहा था आप ने और मम्मी भी गई थी और उसके बाद, मुझे कुछ नहीं बताया उन्होन ने आप बताओ प्लीज।"


 जब डॉक्टर को पता चला के आशिता को उनके माता-पिता ने अभी कुछ नहीं बताया है तो सोचा के उसे भी उस बारे में अभी कुछ नहीं बताना चाहिए।  बालके सोचा के उसके साथ फ्लर्ट करना चाहिए थोड़ा सा।


 आशिता उसके जवाब का इंतजार कर रही थी उसके चेहरे में देखते हुए तो डॉक्टर ने, फिर आशिता के बाजू पर अपना हाथ फिरते हुए कहा,


 “आप कितनी खूबसूरत हो किस्सी ने कहा है आप को ये बात?  "


 आशिता थोड़ा ब्लश हुई और तब तक डॉक्टर ने अपने मोबाइल हाथ में लिया और आशिता की तस्वीर लेना चाहा से जल्दी से आशिता ने अपने हाथी से अपने चेहरे को छुपाते हुए कहा,


 "नहीं, आप क्यों मेरी तस्वीर ले रहे हो, कृपया मत करो!"


 इतना कहा आशिता ने तो विहान की मोबाइल याद आया उससे और तूरंत कहा,


 "हां मैं इस लिए आप को धूल रही थी के मुझे मेरे भाई की मोबाइल नहीं मिल रही है और सब कह रहे हैं तो आप को पता होगा के वो कहां है?  किया आप के पास है विहान भाई का मोबाइल?”


 तब तक दोंनों के हाथ एक दसरे के हाथ में जाकरे हुए थे, आशिता की उन लोगों को डॉक्टर ने अपने उन लोगों में जाकरा हुआ था और दून एक दसरे के चेहरे में देख रहे थे, और आशिता उसके जवाब का इंतजार कर रहा था।  नजरों से देखते हैं।


 थिक तबी किसी ने ऑफिस के दरवाजे पर दस्तक दिया।


 डॉक्टर साहब को उठा पड़ा दरवाजे की दस्तक देने वाले को जवाब करने के लिए, और जब वो उठा तो अपने पंत में अपने लुंड को एडजस्ट करते हुए हुए दरवाजे खुले करने गया, आशिता ने उसे उन सब हरकटन को देखा देखा !!  और याद किया विहान की डफ्फा वेइसा कर चुका है उसके सामने !!


 जिस ने दस्तक दिया था उसने धीरे से डॉक्टर से कुछ कहा और वापस चला गया तब डॉक्टर ने दरवाजे को इस बार ताला किया जो आशिता ने देखा और पुचा,


 “आप ने ताला क्यों किया दूर को?  अभी मिलने का समय होने वाला है और मेरे माता-पिता मुझे ढुंढेंगे, भाई को देखने भी जाना है मुझे….”


 डॉक्टर फिर उसके पास बैठा और आराम से मस्कुराते हुए कहा,


 "अरे यंग ब्यूटीफुल गर्ल, लॉक इस लिए किया ताके कोई डिस्टर्ब न करे हमको, थोडा सा प्राइवेसी तो चाहिए ना एक सेक्सी लेडी के साथ थोड़ा सा वक्त गुजारने के लिए क्यूं थिक कहा नहीं जानेमन?"


 आशिता खादी हो गई और कहा,


 "मुझे जाना है कृपया मुझे बाहर जाने दें।"


 डॉक्टर ने आशिता के कांधों पर हाथ रखते हुए मस्कुराकर कहा,


 "तुम जल्दी में क्यों हो, मैं किया तुम्हारा बंग करुंगा?  फ़िकर मत करो डार्लिंग हम सिर्फ बातें कर रहे हैं, तुम क्यों इतना गंभीर ले रही हो?  डोर लॉक नहीं करुंगा तो बार बार कोई भी दस्तक करेगा डिस्टर्ब करेगा, और जब देखेंगे तो अपने आप वापस चले जाएंगे”


 आशिता असहज महसूस करने लगी थी और हमें सब बहुत अजीब लगाने लगा था फिर भी बैठा गई।


 तब डॉक्टर ने फिर अपने हाथ को उसके जांघ पर किया और कहा,


 "कितनी सेक्सी हो तुम, कितनी जगाती हो लोगों को, यहां तक ​​के खुद तुम्हारा भाई तुमसे जगाता है और तुम्हारा सेक्सी तस्वीरें देता है और तुम लेने देता हो, बताता और किया किया करता हो अपने भाई के साथ?  बहोत लकी भाई है तुम्हारा हम्म?"


 आशिता की पसीन चुत पडे और तब तक डॉक्टर का एक हाथ आशिता के स्कर्ट के आला उसस्की जाघोन के अंदर जा चुका था और दशहरा हाथ आशिता के ब्लाउज के अंदर उसकी उल्लू कुछ रहा था


 और उसका मैं आशिता के बगीचे पर फिर लगा था, डॉक्टर का जीब आशिता के चाट को चाटने लगा था और आशिता की सांसें बढ़ने लगी थी और वो कुछ नहीं कह पा रही थी...  ..

 


 आशिता घबरा गई उस वक्त।  उसके समाज में नहीं अरहा था के वो अब किया करें।  डॉक्टर जबर्दस्ती की जा रहा था और आशिता की होने को चाटने लगा, आशिता अपने हाथ से उसे पुश करने की पूरी कोशिश में लगी थी लेकिन एक 20 साल की लड़की में कहां से इतना ताकत मरेगा के एक दे का एक  सोफ़े पर दबी हुई थी डॉक्टर के वज़ान से उसपर साला डॉक्टर का हाथ आशिता के जिस्म पर चारो तार फिर रहे थे, उस्का एक हाथ लगा भाग आशिता के पैंटी पर चला गया था और उस के कुछ कुछ हरकते भी लगे थे...।


 एक पल के लिए आशिता को लगा जैसे विहान किया करता था उसके साथ रात को नींद में सोटे वक्त कुछ ऐसा महसूस हुआ….. आखिर आशिता की भी जिस्म की जरूरी तो उसि पल को आशिता ने सोचा,


 “किआ इस्को रागधने दूं ऊपर ऊपर और मोबाइल हासिल करलुन इस से?  किया करुण मैं, इस्का हाथ मेरे अंदर जाने वाला है, मैं गिली हो गई तो इसे लगेगा के मैं पैदा करूंगा।  हे भगवान बचा ले मुझे इस केहर से!”

 डॉक्टर के हाथ आशिता की पैंटी के एंड्र चले

 जाते ज या आशिता की छुट में डॉक्टर के हाथ लगते ही उसकी चुत गिल्ली ओह जाति एच या डॉक्टर को

 बी महसूस हो ज की आशिता बी मजे ले राही या डॉक्टर उसकी या देख क्र एच एन एस देता एच या

 आशिता उसके यू हंस्ते देख कर श्रम जाति ह


 डॉक्टर उसको बोलता एच जानेमन खुल कर मजे लो

 श्रमणे से कुछ नहीं होगा

 आशिता बी अपनी छुपी तोड़े हुए

 आशिता ने आराम से, मीठी आवाज में कहा,


 "तो आप भी नहीं कितना उत्साहित हो रहे हो, देखो मेरे बाल बिखर गए, मेरा स्कर्ट पूरा ऊपर हो गया, मेरे ब्लाउज की एक बटन टूट भी गया उफ्फ, थोड़ा सब्र तो किजिये आप इतना इतना क्यों होने क्यों लगा, रुको किजिए  आराम से करते ही नहीं!”


 ये सुनकर डॉक्टर ने अपने होते हैं पर जीब फेरते हुए आशिता के चेहरे में उसी शैतानी और हवा भरे नजरों से देखते हुए कहा,


  “हम्म अगायी उंठ पहाड़ के आखीर नहीं!  तो मुझसे इतनी महनत करवा रही थी जानेमन?"


  डॉक्टर उस वक्त अपने घुटनों के बाल सोफ़े पर अपने दोंनों टंगों को आशिता के जाने के बीच किए हुए अपने लुंड को उसस्की पेठ के थिक आला तकरीबन चुत के ऊपर पैंटी पर दबया हुआ था, और अपने कमर पंत के और अपने कमर पंत के और से मैं हूं।  को थोड़ा सा रागद देते हैं आशिता के बगीचे पर किस किया और कहा,


  "ओके थिक है जबर्दस्ती बंद, तो बोलो केइस पास और कार्ति हो इसे लेना, थोड़ा सा मुं में तो लेलो डार्लिंग, लेति हो ना ?!"


  आशिता ने एक गहरी सांस लेते हुए, अपने हाथी को अपने मुंह के सामने लाते हुए कहा,


  "नहीं, नहीं, कृपया प्रतीक्षा करें, मुझे थका दिया आप ने इतना ज़बरदस्ती करके, मुझे साँस लेने दो प्लीज़!"


  और अपनी स्कर्ट को आला करके अपने जांघों को धनते हुए और ब्लाउज के बटन लगाते हुए आशिता कुछ कहने ही जा रही थी डॉक्टर ने कहा,


  "क्यूं इतना ज़ुलम कर रही हो मुझ पर, अब इतनी ख़ूबसूरत अक्षरित करने वाले जांगों को क्यों धन दिया, आँखों को तो ख़ुश होने दो, और ऊपर इतनी ख़ूबसूरत चुचियों को क्यों छुपा लिया, भाई?  चलो ब्लाउज को पूरा उतर ही दो मेरा प्यार, ख़ूब मज़ा करते हैं आने का समय शुरू होने से पहले तब चली जाना।”


  तब तक आशिता की सांसें नॉर्मल हो गए थे मगर दिल की धड़कनें अब भी तेज फिर भी उसे कहा,


  "देखिए जी,


  डॉक्टर ने स्टैंडिंग पोजीशन लिया और मस्कुराकर कहा,


  मुझे पता था आज कल के कॉलेज की लडकियां खूब एन्जॉय करते हैं,?  तेरी सहेलियां भी खूब मौज करते होंगे नहीं?  कभी मिलवाना एकात से हम भी मजा कर लेंगे!  ठीक है डील स्वीकार कर ली गई है, लेकिन अगर आप मुझे धोखा देने की कोशिश करते हैं या उसके बाद भाग जाते हैं तो मेरे पास आपको पाने के और भी तरीके हैं, इसे मत भूलना!


  आशिता ने मुंह लटके हुए कहा,


  "अब मेरे पास कहां और कोई विकल्प चोरा है आप ने, मुझे आपके साथ तब तक रहना है जब तक आप खुश नहीं हो जाते।  ठीक है, मुझे मोबाइल दे दो और परिणाम स्कैन करो, दोस्तों की तरह, हम इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से करते हैं, बिना शारीरिक शक्ति के, ठीक है ?!"


  डॉक्टर अपने डेस्क के उस तारफ जाते हुए कहा,


  "यह एक बुद्धिमान लड़की की तरह है जो अच्छी तरह से तर्क करती है।  ठीक है, तुम अपने भाई के मोबाइल के साथ जाओ, और परिणामों के बारे में मैं आपको इसके बारे में बताता हूं।"


  और आराम, से डॉक्टर ने विहान का मोबाइल थामा दिया आशिता को, उस वक्त आशिता की नजर दरवाजे की ताला पर परी, और एक हाथ से मोबाइल ले जाने वो उठना चाहती थी तो डॉक्टर ने देखा लिया के आशिता की आंखें दूर पर गई एक सेकंड  के लिए फिर कहा,


  क्यों दरवाजे को देख रही हो, भागे का इरदा है किया?”


  तो उसे मस्कुराते हुए कहा,


  "मुझसे लगा कोई दूर की हैंडल ओपन करना चाहता था नहीं सुना आप ने?  हैंडल मूव हुआ अभी!”


  डॉक्टर ने हैंडल को देखा और आशिता के पास वापस आकर कहा,


  "कोई चिंता नहीं मैं ने कहा था जब बहार से वे लोग देखेंगे के लॉक हैं तो वापस चले जाएंगे ..."


  डॉक्टर वापस आशिता के पास आकार बैठा गया सोफे पर तब आशिता ने पुछा,


  "और परिणामों के बारे में क्या?"


  डॉक्टर ने आशिता के कांधों पर हाथ रखते हुए कहा,


  "स्कैन परिणाम मेरे पास नहीं है, उसको मैं ने न्यूरो सर्जन को दे दिया अब वो संभलेगा विहान को, वही फॉलो अप करेगा क्योंकि विहान के दिमाग के और छोट आने से उसके मस्तिष्क के काफ़ी नसों को नुकसान हुआ है और थोड़ा सा रक्त के थक्के का गठन  भी देखे हैं दिमाग के अंदर।  वो मेरा फील्ड नहीं है इस लिए उसको स्पेशलिस्ट डॉक्टर अग्रवाल ने लिया है अपने अंडर।  वह उस वो विहान को जल्दी से ठीक कर देगा देखना में उस्ताद हैं।  फ़िकर की कोई बात नहीं है, ममूली केस है।”


  ये सब सुनकर आशिता उदास हो गई और फ़िकर भी हुआ उसे विहान के लिए।  और उसे ऐसा लगा के उसे चक्कर सा आया।  थोड़ी देर के लिए आशिता ने अपने माथे को हाथ में थाम कर सर आला झुकाया तो डॉक्टर ने उसे ठड़ी पकाने के उसके चेहरे को ऊपर करते हुए कहा,


  "आप चिंतित क्यों हैं, कुछ नहीं होगा विहान को, हमने स्कैन का अध्ययन किया यह एक मामूली मामला है।"


  तब आशिता ने उदास आवाज़ में पुचा,


  "टू सर्जन ने क्यूं केस को लिया है?  ब्रेन का ऑपरेशन होगा किया?”


  डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा,


  “ओह नो यंग लेडी, कोई ऑपरेशन नहीं होगा, सर्जन इस लिए के वो स्पेशलाइज्ड है उस फील्ड में, फॉलो अप करेगा और अगर उसे दिखाया के ऑपरेशन करना है टैब फॉलो अप के बाद तुम लोगों को बताएगा, लेकिन जैसा कि हमने उस खुद पर चर्चा की थी  कहा के माइनर केस है, दवाएं से सही हो जाएगा, ब्लड क्लॉट इंजेक्शन और दवाएं से बाधित होते हैं और खून बनेंगे ब्लड वेसल में घुल मिल जाते हैं और किडनी अपना काम करके उसे खारिज कर देते हैं, ठीक है वह मेडिकल है, तुम नहीं समझौता...  अब मुझे तुमसे एक मीठा चुंबन चाहिए, कृपया मुझे अच्छा नहीं लगेगा।'


  आशिता इस बात से खुश हो जाती है

  डॉक्टर का मुंह आशिता के मुंह के पास आया था और उसका जीब आशिता के हांथ को छू लिया था, आशिता ने सोचा के अगर अब इनकर करेगा तो डॉक्टर फिर बी यूज चुसे बगैर नहीं जाने देगा फिर आशिता बी किस स्टार्ट कर दे दूंगा।  किस करते वक्त डॉक्टर का हाथ आशिता के उल्लू को मालिश रहा था कपड़ों के ऊपर से ही;


  और आशिता की नजरें फिर दरवाजे के तारफ थे, आशिता अपने जिस्म पर उसके हाथों को महसूस कर रही थीं आशिता और मजबूरी में सब करने दे रही थी मगर उसका योजना कुछ और था...


  अचानक आशिता ने पुचा,


  “आप ने भाई की मोबाइल को अनलॉक कैसे किया, और सिर्फ तस्वीरें सुरक्षित करने के लिए फ़ोल्डर में नहीं?  तो कैसे देखा आप ने?"

  डॉक्टर मस्त चुस रहा था आशिता की मुंह उस वक्त, जब आशिता ने किस रोक कर देखा किया।  डॉक्टर ने डिस्टर्ब फील करते हुए उस्सि डिस्टर्ब आवाज में उसकी चाट को बड़े पैमाने पर हुए कहा,


  "किया यार कितना मजा आरा था चुंबन करते हुए और तुमको सवाल पूछना है, करो यार का आनंद लो!  कितना मस्त किस कारती हो जानेमन, बहुत अनुभवी हो लगता है, गुड किसर बेबी!  भाई ख़ूब अच्छा होगा नहीं तुझे हम्म ?!"


  उसे फिर आशिता की मुंह को अपने मुंह में ले लिया चुने हुए, मगर फिर आशिता ने रोका और वही देखा दोहराया।


  डॉक्टर ने कहा,


  "ऑफो इट्स सो सिंपल ना यार?  वो बेहोश था तो मैं ने उसके हाथ से उसके उंगलियों के निशान को लगा दिया जहान लगाना चाहिए मोबाइल खुला होगा… फिर 15 सेकंड में लॉक हो गया, फिर से उसके लिए उसे स्कैन किया मोबाइल पर फिर अनलॉक हुआ टैब मैं ने 15 सेकंड को  10 मिनट की सेटिंग में बदल कर दिया ताके वो 10 मिनट के बाद अनलॉक हो।  अब क्योंकि तुम्हारा ही पिक स्क्रीन पर था वो भी जिस में तुम्हारी ब्रा की स्ट्रैप दिख रहा है, ड्रेस की स्ट्रैप इतनी पाटली है, और मुस्कान रही हो, क्लीवेज थोड़ा सा विजिबल है, वो पिक मुझे बहुत पसंद आया और कितना यंग हो उस तस्वीर  में, मैं आकर्षित हो गया सिरफ यूएसएस एक तस्वीर से तब सोचा के भीड़ के और जरूर तुम्हारे और तस्वीरें होंगे, गैलरी को खोलना चाहा तो वो भी फिंगर प्रिंट मांगने लगा, फिर से विहान की उंगली को सत्या स्कैन जोन पर और वो खुल गया।  अब क्यों मैं ने उसको 10 मिनट के लिए अनलॉक होने के लिए सेट किया था तो गैलरी खुला रहा और मैं सभी की तस्वीरें देखने लगा तुमको पता है तुम्हारे कितने पिक्स हैं उस में?  2,224।"


  आशिता हीरान हुआ डॉक्टर की जिज्ञासा और कमीनेपन से।  और मोबाइल वो उस वक्त हाथ में लेकर, करना चाहा तो डॉक्टर ने कहा,


  “अभी तो अनलॉक नहीं होगा क्योंकि विहान के पास जाना पड़ेगा इस्को अनलॉक करने के लिए, मैं ने कल रात इसे 3 घंटे तक रख सारे तस्वीरें देखने के लिए एक करके, और मैं उस वक्त सोच रहा हूं।  हेन, तुम तो बहन निकली हाहाहा!"


  (अब उन तस्वीरों में से कुछ आशिता के तस्वीरें पोस्ट करता हूं। कुछ पाठकों ने तस्वीरों के साथ कहानी लिखने को कहा था, मगर मैं समझौता हूं लेखक वो होता है जो किसी तस्वीर को अपने शब्दों से वर्णन करता है, वह चित्र बनाया था)  मैं वही करता हूं अक्सर, खुद उस चित्र को लिख कर बयान करता हूं और पाठक अपने दिमाग में उस तस्वीर को अपने आप बस ले जाते हैं - मगर कभी कभी एक विचार देने के लिए मैं लड़की जैसी है  लगा देता हूं कुछ पाठकों की खुशी के लिए - तो ये रहा आशिता कुछ इस तरह दिखने लगी थी अब 20 साल की उमर में)






  और जिस तसवीरों को डॉक्टर ने दीमाघ में बसाया था उन में से कुछ ऐसे तस्वीरें दी आशिता के जो विहान ने लिए अपने मोबाइल में


    


 

   

  अब सोचना ये है के अगर आशिता के ऐसे पिक्स लीक हुए इंटरनेट पर तो किया होगा उस्का, इस्का बड़ा फिकर था आशिता को...

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