bhabhi ji ghar par hai ---------- भाभी जी घर पर हैं

 







bhabhi ji ghar par hai  ----------  भाभी जी घर पर हैं








 मेरा नाम विश्वास है और घर में सब मुझे विशु कह कर बुलाते हैं अभी मेरी उमर 21 साल है, मैं अपने परिवार के साथ जयपुर में रहता हूं




 मेरे 52 साल के पिताजी एक फैक्ट्री चलते हैं....... मां की उमर 50 साल है और वो गृहिणी हैं...... मेरे भाई की उमर 30 है और वो एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं  और उनकी पत्नी यानि की मेरी भाभी रेणुका जो की 28 साल की बहुत ही मदद और कामुक जिस्म की असली हैं




 उनका 36सी - 28 - 38 है, उनकी मदमस्त जवानी मेरा लुंड खड़ा कर देती थी, वो जब से शादी कर के हमारे घर आई थी मेरा लौड़ा तबी से बेकाबु हो गया था भाभी का घर का नाम रेणु है सब उन्हीं है नाम से बुला




 ये किस्सा तकीबन 2 - 3 साल पहले का है तब मेरी 12वीं की पढाई शुरू हुई थी, भैया की शादी को एक साल हो गया था…




 मम्मी - पापा नीचे ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं और मेरा और मेरे भाई का काम ऊपर सीधियां चढ़ कर है, मेरे कामरे में भूत ही शुरू में एक बाथरूम है जो भैया - भाभी के कामरे साथ अटैच है




 मैं भी वही बाथरूम इस्तेमाल करता हूं मम्मी के घुटनो में दर्द रहता है इसलिये वो कभी ऊपर नहीं आती है




 एक दिन शाम के समय की बात है अचानक से बिन मौसम बहुत तेज बारिश होने लगी, मैं पढाई कर रहा था तबी मैं दरवाजे की घंटा बाजी




 मैंने दरवाजा खोला तो देखा सामने भाभी खादी थी लाल रंग की साड़ी में वो पूरी भीग गई थी...उनके जिस्म के सारे कटाव नुमाया हो रहे थे... उनको देखते ही पजामे में मेरा लौड़ा एक बांध पूरा तख्त हो गया था




 भाभी और आईन और सीढ़ियां चढ़ कर ऊपर जाने लगें... मैं भी उनके पीछे - पीछे चल दिया... हाय .... क्या मस्त गान और मटक रही थी ... उन साड़ी से चिपके हुए छुटों को  देख कर कालेजा मुझे को आ रहा था




 भाभी सीधे बाथरूम में नहाने चली गई और मैं आ कर मोबाइल में पोर्न देखने लगा अब इतनी सुंदर और महिला जिस्म वाली महिला को भीगे कपड़ों में देखने के बाद और क्या कर सकता था




 लेकिन आज मुझे पोर्न देखने में बिलकुल भी मजा नहीं आ रहा था... मेरी आंखों के सामने तो बार-बार सिरफ भाभी की तस्वीर ही आ रही थी... वो लाल साड़ी... भीगा  बदन... आआआह्ह्ह मेरा हाथ मेरे प्रशंसा को सहलाने लगा




 थोड़ी देर बाद भाभी कपड़े बदल कर बाथरूम से बहार आ गई और नीचे चली गई...उनके जाते ही मैं मुठ मारने के लिए सीधा बाथरूम को भागा




 बाथरूम में पांच कर मैंने अपना पायजामा खोला और जैसे ही सामने देखा तो सामने भाभी के भीगे हुए थे... मैने साड़ी और पेटीकोट हटाये तो नीचे ब्रा - पेंटी भी पड़ी थी मेरी धड़कने एक दम से तेज




 मैंने पहले ब्रा उठाई और उस पर लेबल देखा 36सी लिखा था… मेरे मन से वो निकल गया… मैंने नाक से लगा कर इस्तेमाल किया सूंघा उसमे से भाभी के बदन की खुशबू आ रही थी....  ..... मैं पागल सा होने लगा था




 उसके बाद मैंने पेंटी उठाई......उसका वो वाला भाग जो चुत पर लगता है वहां कुछ चिपचिपा सा लगा हुआ था शायद वो भाभी की चुत का रस था... मैने पेंटी सूंघी और पेंटी की हमें जगा को  चैट लगा ... हमें नशे में मैं पागल सा हो गया था




 मैंने आंखें बंद की और पेंटी को जल्द ही और चाटते हुए मुठ मरना शुरू कर दिया




 तबी एक बांध से बाथरूम का दरवाजा खुला और मेरे तो जोड़े के नीचे से जमीन ही खिसक गई...आंखों के आगे औरहरा सा चा गया...




 सामने भाभी खादी पतली ......... मैंने जलदबाजी में कुंडली ठीक से नहीं लगायी थी, इस वजह से दरवाजा खुल गया था ...




 मेरे हाथ में भाभी की पेंटी थी और लुंड पजामे के बहार निकला हुआ था... 




 भाभी और आए और मुझे एक ज़ोरदार तमाचा लगायी और मेरे हाथों से पेंटी छिनी और नीची पड़ी ब्रा उठा कर वापस चली गई




 अब मैंने दरवाजा सही से बंद किया और फुवारे (शॉवर) के नीचे खड़ा गया पानी मेरे जिस्म से होते हुए नीचे गिर रहा था पर मुझे कुछ अहसास नहीं हो रहा था... मेरा हिस्सा सुन सा पद गया था




 काफ़ी डेर बाद में बाथरूम से बहार आया तो देखा भाभी के काम में कोई नहीं था




 मैं नीचे आ गया .... भाभी रसोई में खाना बना रही पतली .... मैं चुप चाप टीवी के सामने जकर बैठा गया




 थोड़ी देर बाद मम्मी ने मुझे खाना दिया और मैं चुपचाप खाना खा कर अपने काम में आ कर सो गया...  ......... मुझे पक्का याकीन था की भाभी भैया को सब बता देगी और मैं बहुत डरा हुआ था जैसे तैसे कर के नींद आ ही गई और मैं सो गया


सुबा जब में उठा तब तक भैया उठ चुके थे तबी भाभी कामरे में आए और मुझे देखते हुए बोली "तुम्हारे भैया तुम्हें बुला रहे हैं"




 इतना सुनते ही मेरी तो जान ही सोख गई और डर से पहले से ही लग रहा था तो अब तो और भी ज्यादा फटत रही थी... मैं हिम्मत कर के भैया के पास गया

 भैया से नजर मिलते ही भैया ने मुझे बुलाया मेरी सांसें रुक सी गई थी




 मैं भैया के पास जकर बैठा गया मैं भैया के गुसे और दांत से भरे अल्फाजों का इंतजार कर रहा था




 लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं भैया ने बस मेरी पढाई के बारे में पूछा और फिर नहीं जाने चले गए...  थी की कोई मुझे देखता तो अपनी हांसी नहीं रोक पाता




 शायद भाभी ने अभी तक भैया को अभी तक नहीं बताया था, इस्के एक महिन तक मैंने भाभी से नजरे भी नहीं मिलाएं और भाभी ने भी मुझसे बात नहीं की मेरा पूरा माहिना उसी में बीट गया




 तबी मेरी तिमाही परीक्षा का परिणाम आ गया था और मैं भौतिकी और गणित में फेल था मेरे कुल 38% नंबर हाय आए थे

 रात भैया ने आ कर मेरा रिजल्ट देखा तो मुझ पर खूब चिल्लाए... मैं नजरे झुके बस उनकी दांत को सुनता जा रहा था




 भैया ने गुस्से में आ कर मुझे एक तमाचा जड़ दिया और दुबारा से मरने वाले ही दी भाभी ने बीच में आ कर उनका हाथ रोका और बोलिन "कृपया आप मारो मत का उपयोग करें ......... विशु  आगे से मन लगा कर पढाई करेगा"




 या सुन्ते ही मुझे हिरानी हुई मैं तो सोच रहा था की मेरी धुनाई देख कर तो भाभी को बड़ी खुशी होगी पर यहां से भाभी मेरा बचाव कर रही पतली ......... मैने भाभी की तरफ देखा तो एक बांध सामान्य  पतला




 भैया ने कहा "मैं तो ही लड़के से परशान हो चुका हूं....... पढेगा ही नहीं तो जिंदगी में क्या करेगा ......... इस जिंदगी खराब हो जाएगी और हम कोई हमेश ही इसके साथ  थोड़ी ना रहेंगे पढ़ लिख लेगा तो कुछ बन जाएगा पर इसी समाज में कुछ आता नहीं"




 भैया एक बार फिर गुसे में मुझे मारने के लिए मेरी तारफ बढ़े लेकिन भाभी ने फिर से उन रोक लिया और बोलिन "आप चिंता मत करो अब से ये खूब पढेगा इसे बार मौका और दे दो अच्छे नंबर लेकर आएगा"




 भइया - ठीक है रेणु ......... तुम कहती हो मान लेता हूं .... अब तुम ही संभालो इस्को ......... मैं अब से 12वें के बाद ही बात करूंगा




 एक घंटे की दांत - फतकार के बाद मैं अपने कामरे में आकार किताब खोल कर बैठा गया ......... अब मैं थोड़ा आराम हुआ .... भाभी के लिए मेरे मन में जो भी गंदे विचार द वो  इस घाटा की वजह से मिट चुके थे और मैं अपने आप में खुद को बहुत ही शर्मिंदा महसूस कर रहा था




 भैया के सो जाने के बाद रात को मैंने भाभी के मोबाइल पर संदेश किया



 मुख्य - सॉरी भाभी



 भाभी का तूरंत हाय रिप्लाई आ गया "सॉरी क्यों"



 मैं-उस दिन के लिए



 भाभी - इट्स ओके'



 मैं - थैंक्स भाभी …… भैया से मुझे बचाने के लिए




 भाभी - शुभ रात्रि ...... सुबा बात करते हैं




 इसके बाद पूरे एक महान बाद मेरे चेहरे पर मुस्कान आई थी... सुबाह भैया ऑफिस और पापा फैक्ट्री जा चुके थे, भाभी मुझे जगाने आए




 मैंने "सुप्रभात" कहा और मुस्कान दी ...... भाभी ने भी वाणी मुस्कान दी




 मुख्य - क्षमा करें फिर भाभी



 भाभी - मैं वो सब भूल चुका हूं अब तुम भी वो सब भूल जाओ और सिरफ अपनी पढाई पर ध्यान दो




 मैं - मुझे लगा था की आप भैया को वो सब बता देंगे




 भाभी - हां, बताने वाली थी पर मुझे लगा की तुझे इस बार एक मौका दे दी होगी शायद तू फिर दोबारा से ऐसा कुछ नहीं करेगा




 मुख्य - बहुत बहुत धन्यवाद भाभी




 भाभी - चल अब छोड हमें बात को और अब केवल पढाई पर ध्यान दे ......... इस बार तेरी जिम्मेदारी मैंने ली है, तुझे अब तेरे भैया को अच्छे नंबर ला कर दिखाना ही होगा ...  ... मुझे फाइनल में तेरे 80% से ऊपर नंबर चाहिए




 मैं - हलवा है क्या भाभी 80% लाना ?  मेरे तो यहां पास होने के भी लाले पड़ रहे हैं




 भाभी - मैं कुछ नहीं जांती मुझे बोर्ड्स में तेरे 80% चाहिए ........ मैं चाहता हूं कि तेरा एडमिशन एक अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में हो


भाभी- चल अब छोड हमें बात को.. अबू

 केवल पढाई पर ध्यान दे.. तेरी

 जिम्मेदारी इस बार मैंने ले ली है।  तुझे अब तेरे भैया को नंबर ला कर दिखाना ही पड़ेगा।  मुझे बोर्ड्स में तेरे 80% से ऊपर नंबर चाहिए।




 मैं- हलवा है क्या भाभी 80%?  मेरे लिए

 पास होने के ही लाले पड़ रहे हैं।




 भाभी- मैं कुछ नहीं जान... मुझे

 तेरे बोर्ड में 80% चाहिए.. मैं

 चाहती हूं की तेरा प्रवेश एक अच्छे

 इंजीनियरिंग कॉलेज में हो।




 मेन-इंजीनियरिंग...पर भाभी मुझे से भौतिकी और गणित की अब सीडी भी नहीं आती मैं से 12वीं के बाद सब्जेक्ट हाय बदलने की सोच रहा हूं




 भाभी - अगर तू मुझे अपनी भाभी मानता है तो तू 80% भी लेगा और इंजीनियरिंग भी करेगा




 मैं - लेकिन भाभी मेरा पढाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता है फिर इतने नंबर कैसे आएंगे




 भाभी - मुझे सब पता है की तेरा मन किस चीज में लगता है




 मैं - भाभी अब आप मेरी खिंचायी शुरू मत करो



 भाभी - अच्छा सुन तेरे में गंदी आदत के करन ही कम नंबर आते हैं ना..... अब इन चीजों के करन ही तू मन लगा कर पढेगा




 मैं - लेकिन भाभी मेरे तो नर्सरी में भी कभी 80% नहीं आए फिर अब कैसे आ जाएंगे




 भाभी - नर्सरी में भले ही ना आए हो पर अब तो लाने ही पाएंगे



 मुख्य - लेकिन कैसे



 भाभी - अच्छा सुन अगर मैं कहूं की तेरे जो भी गंदे सपने हैं जो ट्यून मन में सोचेंगे तो सब सच हो जाएंगे ... अगर ट्यून 80% ले आया तो क्या तब भी बात नहीं बनेगी?




 मैं - क्या मतलब मैं कुछ समझ नहीं?



 भाभी - अब ज्यादा बनो मत समझ में तुम्हारी सब आ गया होगा




 मैं - नहीं भाभी बताओ ना



 भाभी - मतलाब ये मेरे थरकी देवर..... की अगर तुम अच्छे नंबर से पास करोगे तो... मैं तुम्हारे अपने साथ वो सब कुछ करने दूंगा जो तुम्हारे मन में सोचा है




 मुख्य - सच भाभी



 भाभी कतिलाना अंदाज़ में मुस्कुराते हुए बोलिन "हां... मेरे थरकी देवर"




 मुझे याकेन नहीं हो रहा था मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था................. मैं कहीं खो सा गया था की तबी भाभी ने मुझे तोकते हुए कहा




 भाभी - ओये ... शेख - मिर्च ... ज्यादा ख्वाब न देख ... ये सब तबी होगा ... जब तू अच्छे से केवल पढ़ायी में मन लगायेगा ... अच्छा सुन मैंने तेरे लिए  कुछ शर्तें बनाई हैं जिन्हे तुझे फॉलो करना होगा




 मुख्य - कैसी हालत भाभी



 भाभी - हा बता रही हूं


 (1. तू 15 दिन में केवल एक बार पोर्न देख सकता है और हस्तमैथुन कर सकता है।


 2. हस्तमैथुन केवल रात में करेगा और सो जाएगा


 3. मेरे बारे में परीक्षा खत्म होने तक गंडे विचार नहीं लाएगा)



 मैं-अगर रिजल्ट आने पर आप अपनी बात से मुकर गई तो?



 भाभी - मैं क्या तुझे इलेक्शन में वोट माँगने वाली कोई नेता लगती हूँ क्या जो अपनी बात से मुकर जाउंगी



 मैं - आपका क्या भरोसा अपना काम निकलवा कर आप बदल गया तो?




 भाभी आगे बढ़ और मेरे गाल पर एक सेक्सी सा चुम्मा ले लिया



 भाभी - ये ले कमी तेरी टोकन मनी तू इस बारे में तनाव मत ले ... मैं अपना वादा नहीं तोडुंगी और तुझे बीच - बीच में मुझे आश्चर्य प्रोत्साहन भी मिलेगा




 मुख्य - सच भाभी



 भाभी - हां... लेकिन ऐसी भी कुछ हालत रहेगी अगर तू हालत के हिसाब से जाएगा तो तुझे फायदा होगा



 मैं - अब उनकी क्या शर्तें है भाभी




 भाभी - (1. सेकंड टर्म मी ऑल सब्जेक्ट क्लियर के साथ 65% से ज्यादा लाने पर फर्स्ट इंसेंटिव मिलेगा


 2. प्री-बोर्ड मी ऑल सब्जेक्ट क्लियर करने के साथ 75% या उससे ज्यादा लाने पर सेकेंड इंसेंटिव मिलेगा


 3. बोर्ड्स मी 80% हां हमसे ज्यादा लाने पर थर्ड इंसेंटिव मिलेगा



 इतना ही नहीं इसके अलावा अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में तुझे एडमिशन मिलने पर तुझे जैकपॉट भी मिलेगा




 ये सब सुन कर तो मैं पागल सा हो गया था.....मैं किसी लुटे की तरह भाभी को घोर रहा था



 भाभी मस्कुराते हुए बोलिन "चल अब जा बाथरूम जा कर फ्रेश हो जा और अपने मिशन पर जी जान से लग जा अगर अपने सपने सच करने हो तो"




 मैं उठा कर बाथरूम में फ्रेश होने चला गया




 दोस्तो कहानी अच्छी लग रही है या नहीं अपनी प्रतिकृति आपके कमेंट के रूप में देते रहे जिस से कहानी लिखने के प्रति मेरा उत्सव बना रहे हैं कहानी का अगला भाग जलद लेकर आउंगा आप लोग कहानी का आपने ले लिया है



अगले दिन से ही पढाई पर जोर देने लगा और मैंने तूशन पर भी नियमित जाना चल कर दिया...मेरे तूशन में एक लड़का था वो पढाई में बहुत होशियार था



 मैं एक दिन पढाई के लिए उसे घर ले कर आ गया तबी थोड़ी देर में भाभी मेरे कमरे में आई और उन्होन हम साथ में पढाई करते हुए देखा




 भभु ने उपयोग थोड़ा क्लीवेज दिख कर और उसके गालों पर अपना गाल फिरते हुए बोलिन "प्लीज....रमेश तुम टुशन के बाद रोज एक घंटा ईधर आ जया करो और विशु को रिवीजन करवा दिया करो




 रमेश पूरा लाल हो गया और उसे हां कर दिया...अब मैं सब काम छोड़ कर केवल पढ़ायी में लग गया था...  क्लीवेज के थोड़े बहुत दर्शन करा दिया कार्ति पतली




 ऐसे ही तीन महीने तक मैंने सब काम छोड़ कर लगार पढाई की जिसमे भाभी ने भी मेरा पूरा साथ दिया भाभी रात को 1 - 1 बजे तक मेरे लिए कॉफी बना कर लाती पतली




 भाभी ने मुझे कहा था की 15 दिन में जब भी पोर्न देखने इच्छा हो तो मैं उनको बता दूं



 मेरा अश्लील देखने का जब मन होता है मैं भाभी को बोल देता भाभी खुद ही मुझे अश्लील वीडियो और तस्वीरें निकल कर दीखाती पतली ताकी अश्लील ढूंढ़ने में मेरा समय बरबाद ना हो




 तीन महीने का समय इतने जल्दी बीट गया पता ही नहीं चला कुछ ही दिनो में मेरे परीक्षा भी हो गए और फिर मेरा दूसरा कार्यकाल का परिणाम आ गया



 क्या बार का परिणाम देख कर मेरे भैया तो बहुत खुश हुए लेकिन मैं उदास था मैंने सब सब्जेक्ट टू क्लियर कर लिए लेकिन सिर्फ सिर्फ 63% नंबर ही आया था इसका सीधा सा मतलब ये था की भाभी की हालत के साथ मुझसे भाभी का सरप्राइज  असंवेदनशील नहीं मिलेगा और मेरी उदासी का यही करन था




 शाम के 5 बज रहे थे बारिश शुरू होने वाली थी, मुझे पता था की भाभी ने जो कहा था मेरे पर्केंटेज से कम बने लेकिन मैंने सोचा एक बार भाभी से बात कर के देखा भी फिर में क्या होता है  पास गया और भाभी से इंसेंटिव देने के लिए कहां



 मैं - भाभी अब तो मैंने सब सब्जेक्ट क्लियर कर लिए प्लीज....अब तो वो सरप्राइज इंसेंटिव दो ना




 भाभी - देवर जी लगता है पढाई कर के आप की याददस्त कम हो गई है तुम भूल रहे हो मैंने शर्त 65% से ज्यादा लाने की बनाई थी और तुम्हारे तो 65% भी नहीं आए हैं




 मैं - प्लीज भाभी अगली बार और ज्यादा नंबर लौंगा ना



 भाभी यात्रा हुई बोलिन "नियम नियम हैं और संख्या नियम कहते हैं की तुम असंवेदनशील नहीं मिलना चाहिए अब नियम तोड तो नहीं सक्ते ना वो तो मन्ने ही पाएंगे"




 इस्के बाद मैंने भाभी से कुछ नहीं कहा मेरी समझ में आ गया की भाभी नहीं मनने वाली, मुख्य बालकनी में आया और मैं लटका कर खड़ा हो गया बाहर घने बादल चले गए थे थंडी थंडी हवा चल रही थी




 मैं खड़ा थांडी हवा लेने लगा और उन घने बादलो की तरफ देखने लगा लगभाग 15 मिनट के बाद भाभी भी बालकनी में आए और मुझे बदलने की तरफ देखते हुए देख कर बोलिन "क्या हुआ ऊपर क्या देख रहा है"




 मैं - कुछ नहीं लगता है तेज बारिश आने वाली है



 भाभी - बारिश को छोड तू जा बाथरूम जा कर फ्रेश हो आ मैं चाय बनाती हूं




 मैं - मुझे नहीं जाना.........



 भाभी - जा तो ताज़ा हो कर आ फिर ऐसी मस्त चाय बना कर पिलाती हूं की सारा मूड ठीक हो जाएगा



 मैं बुझे मन से बाथरूम की तरफ चल दिया तबी पीछे से भाभी ने आवाज लगा कर कहा "कुंडी धंग से लगा लेना"




 मैं बाथरूम में घुस गया और कुंडली लगा ली दरवाजे की कुंडली लगा कर जैसे ही मैं घूमा सामने भाभी की ब्रा पेंटी तंगी हुई थी




 तब्जी दरवाजे के दूसरी तरह से डबरा भाभी की आवाज आई "प्लीज..... गंदी मत करना मेरे पास ये एक ही जोड़ी बची हुई है"



 मैंने ब्रा - पेंटी उठा ली.... वो एक्वा कलर की सिल्क की थी मैं तो जैसे पागल सा हो गया था मैंने फटाफट से अपना पाजामा उतारा और ब्रा को अपने लुंड पर लापेट कर पेंटी को सूनघने और चाटने लगा




 मैं एक अलग ही दुनिया में पांच गया था रेशम की ब्रा मेरे लुंड पर किसी गुलाब की पंखुड़ी की तरह बहुत ही नारम सी लग रही थी



 मैंने हाथ को लुंड पर रख कर लुंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया... बहुत माजा आ रहा था भाभी की पेंटी से बहुत ही मदद सुगंध आ रही थी शायद उन्हीं में अभी उतर कर वहा राखी पतली




 फिर मेरा निकले ही वाला था मैंने मैंने भाभी की पेंटी अपने लुंड के सिर पर लगा दी और लुंड को पेंटी पर रागदते हुए मैंने अपना लावा भाभी की पेंटी पर उगल मेरा लुंड का पानी पेंटी के साथ साथ ब्रा पर भी गिर गया था




 मेरे झड़ने के बाद लुंड ढीला पद गया और इसी के साथ ही मैं भी अपनी दुनिया में वापस आ गया और तब मुझे ध्यान आया की भाभी ने पेंटी गंदी करने के लिए माना किया था, मैंने तो बहुत ही सही दिया था




 लेकिन अब क्या हो सकता है अब तो ब्रा पेंटी भी छुकी थी मैंने भिड़ी हुई ब्रा पेंटी वपस वहीं तांग दी और बाथरूम से बहार आ गया




 मौन बाथरूम से निकला और सीधा भाभी के पास में गया भाभी नीचे किचन में चाय बना रही पतली मैंने भाभी को "धन्यवाद" कहा और पूछा "अगला इंसेंटिव क्या होगा"



 भाभी - अभी से जान कर क्या करना है अभी तो चाय पी और पढाई पर ध्यान दे 75% से ज्यादा ले आना और खुद देखना लेना



 भाभी ने मुझे चाय दी मैंने चाय पी फिर भाभी अपने काम में लग गई और मैं टीवी देखने लगा रात का खाना खाने के बाद में अपने कामरे में पढ़ाई कर रहा था




 रात के 11 बजे भाभी मेरे लिए दूध ले कर आए हैं मुझे दूध का गिलास दिया और बोलिन "देवर जी बहुत ही कमीने हो तुम"



 मैं- क्यो भाभी ?



 भाभी - मैंने कहा था न ब्रा पेंटी गंदी मत करना पर तुमने वही किया जिसके लिए मना किया था



 मैं - 'सॉरी' भाभी वो गल्ती से ऊपर ही निकल गया था




 भाभी - तेरे सॉरी से क्या होता है मैंने कहा था न मेरे पास एक ही जोड़ी बच्ची है अब मैं अभी क्या पहनूंगी



 मैं - इस्का मतलब की भाभी आपने अभी और कुछ नहीं कहना




 भाभी - कैसे पहनूंगी अभी धो कर डाली है गीली हैं लेकिन तुझे इतनी खुशी क्यो हो रही है



 तूने जान पुच कर गंदी की थी है ना




 मैं - नहीं भाभी आपकी ब्रा पेंटी इतनी अच्छी खुशबू आ रही थी मैं अपने होश खो बैठा और फिर वो गंदी हो गई




 भाभी - ठीक है चल अब मैं जा रही हूं तू अच्छे से पढाई कर




 मैं - भाभी 2 मिनट रुको ना




 भाभी - क्या हुआ?




 मैं - कुछ कहना है आप से




 भाभी - हा....तो बोलना




 मैं - भाभी मुझे एक बार चू कर देखने दो ना




 भाभी - क्या ?




 मैं - भाभी मैं उन दोनो जग को चू कर देखना चाहता हूं जिन पर आप ब्रा पेंटी पहचान हो




 भाभी - 'ओये' ये मत भूलो की तुमने हालत साफ नहीं की है मैं कुछ चुनूंगी नहीं दूंगी




 मैं - भाभी प्लीज.....मान जाओ ना




 भाभी - नहीं.....क्यो मानू कंडीशन के हसब से तो तुम्हें कुछ भी नहीं मिलना था, इतना कर दिया तुम्हारे लिए हममें खुश रहो अभी और कुछ नहीं मिलेगा




 मैं - ठीक है भाभी आप जाओ



 भाभी - अरे अब तू मुझे कामरे से भाग रहा है




 मैं - आपने ही तो जाने को कहा था



 भाभी - सच्ची चली जाऊं मैं




 मैं - हा..... आप बात तो मानोगी नहीं और यहां रहेगी तो पढाई में मन भी नहीं लगेगा




 भाभी - ये भी ठीक ही कहा तू चल मैं जा रही हूं और कुछ चीज की जरारात हो तो संदेश कर देना




 मैं - नहीं.... मुझे किसी चीज की जरूरत नहीं आप जाओ




 इस्के बाद भाभी 'शुभ रात्रि' बोल कर चली गई और मैं अपनी पढाई में लग गया पढ़ाय करते करते कब 12 बज गया पता ही नहीं चला 12:30 बजे भाभी दुबारा से मेरे काम में आए




 मैं - भाभी आप अब तक सोया नहीं



 भाभी - हा .... मैं देखने आई थी पढाई ठीक से चल रही है या नहीं आखिर तेरी जिम्मेदारी जो ली है




 मैं - पढाई से अच्छी चल रही है



 भाभी कॉफी का कप मेरी तारफ बढ़ते हुए बोलिन "ले तेरे लिए कॉफी बना कर लायी हूं"




 मैं - मैंने कहा तो था मुझे इसी जरुरत नहीं है



 भाभी - तो इस्का क्या करू मैं तो बना कर लायी हूं फेंक दूं क्या




 मैं - ठीक है फेंक दो



 भाभी - देवर जी अब बन गई है तो पेशाब भी लो फिर मेरे पास तुम्हारे लिए और भी कुछ है




 मुख्य - क्या ?



 भाभी - पहले कॉफी तो पेशाब लो फिर अरन से बताती हूं




 मैंने जल्दी से भाभी के हाथ से कॉफी का कप लिया और जल्दी से कॉफी पी ली और बोला "अब बता क्या चीज है



 भाभी - कुछ नहीं वो तो मैंने ऐसे ही कहा था जिस से तुम कॉफी पी लो




 मैं - ठीक है अब तो कॉफी पी ली अब आप जाओ और सो जाओ




 भाभी - ठीक है तो जाति हूं मैं



 मैं - हान...... जाओ




 भाभी - अगर कुछ चाहिए तो अभी भी समय है बता दो



 मुख्य - कुछ नहीं



 भाभी - तो सच में जाउ मैं



 मेन - हा .......




 भाभी - अब चू कर नहीं देखना क्या ?




 मैं - आप कहा मान रही हो



 भाभी मुस्कुराते हुए "बोल तो रही हूं देख लो अब छू कर"




 मैं फ़ौरन भाभी की तरफ़ लपका लेकिन भाभी ने रोक दिया और बोलिन "लेकिन सिर्फ 2 मिनट के लिए ही चुनूंगी"




 मैं - हा ...... ठीक है लेकिन आपने पहले क्यों मन कर दिया था



 भाभी - वो तेरे भैया जग रहे थे न कोई ऑफिस का काम कर रहे थे




 भाभी ने ब्लू कलर की सिल्क की नाइटी पेहनी हुई थी मैने अपना एक हाथ




 मैंने अपना हाथ नाइटी के ऊपर से भाभी की तांगो के बीच पर रखना चाहा तो भाभी ने अपनी जांघे पास कर के चिपका ली




 मैं - भाभी अब चुन भी दो ना



 है भाभी ने मस्कुराते हुई मेरी तरह देखा और फिर अपनी जांघे खोल दी मेरा हाथ नाइटी के ऊपर से सीधा भाभी की छुट पे पहंच गया भाभी ने पेंटी नहीं पेहनी थी इसलिय मुझे पर ऐसा महसुस रहा था भी फिर जैसा मैं हूं




 मैंने हाथ से हल्के से भाभी के छुंछी को दबया तो भाभी ने अपने हाथ से मेरे हाथ पर मरते हुए कहा सिरफ चुनने की अनुमति है तुम्हे




 मैं भाभी की छुट और चोंचियो पर हाथ फेर रहा था भाभी के जिस्म का एहसास पा कर मैं किसी अलग ही दुनिया मैं पांच गया था तबी मिनट भाभी बोलिन "एक मिनट हो गया अब तुम्हारे पास है पास"




 मेन नाइट के ऊपर से चुटक को सहलाट ह्यूई ईके अनग्ली भाभी की चुटकी मुझे घुसानी चही लेकिन नाइट की वाजा से चूत का चम्मा नाही मिला भाभी आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हे हत्त गायी और मुजे भह दरवाजा ढकेल दीया




 मैं - भाभी क्या हुआ ?



 भाभी - तुमसे सिर्फ चुनने को कहा था लेकिन तुम हद पार कर रहे हो




 मैं - 'सॉरी' भाभी अब ऐसा नहीं होगा



 भाभी - अब वैसा भी कुछ नहीं होगा



 मैं - लेकिन भाभी मात्र 2 मिनट पूरे नहीं हुए थे




 भाभी - तुम्हारा जीता भी समय बचा था वो तुम्हारी हरकत की वजह से घटा हो गया




 मैं - भाभी ये तो गलत है पहले आप ने ही 2 मिनट कहा था अब आप बात से मुकर रही हो




 भाभी - गलत तो ये भी है की जीता मैंने कहा था तुमने उतने मार्क्स नहीं लाए फिर भी तुम्हारे लिए इतना तो कर दिया




 मैं - भाभी सिर्फ इस बार और चू लेने दो फिर नहीं बोलूंगा



 भाभी - नहीं ....तुमने चुना को कहा था तो चुना दिया लेकिन अब नहीं और वैसा ही मैंने ये इसलिये किया टाकी तुम्हारा पढ़ाय के लिए उत्साह कम ना हो वर्णा तुम मेरी हालत पर पूरी तरह से फेल हाय




 मैं - ठीक है भाभी आप जो कहो वही सही है



 भाभी - ओके तो मैं जा रही हूं तुम भी अब सो जाओ सूबा पढ़ायी कर लेना




 मैं - ठीक है 'शुभ रात्रि' भाभी



 भाभी ने भी 'शुभ रात्रि' कहा और चली गई मैं अपनी किताब समाने लगा और उन ड्रॉयर ने रख कर वापस पलंग पर जाने के लिए घूम तो कुछ ही दूर पर भाभी कहदी पतली




 मैं - क्या हुआ भाभी आप फिर आ गया कुछ भूल गए क्या



 भाभी - हा ......



 मुख्य - क्या ?



 भाभी मेरे करीब आई और बोली "ले चू ले तेरा एक मिनट तुझे वापस करने आई हूं"




 मैं - भाभी बड़ी कंजूस हो आप 2 हाय मिनट दे दो ना



 भाभी - एक मिनट चाहिए या मैं वापस जाऊं




 मैंने भाभी की छुंछी पर हाथ फिरते हुए कहा "भाभी चाहिए ना लेकिन 2 मिनट दे कुत्ते तो ज्यादा खुशी होती मुझे"




 भाभी - अच्छा चल ठीक है तू भी क्या याद रखेगा तुझे 2 मिनट



 मैं खुश हो कर भाभी की चोंचियो और छुट पर हाथ फिरने लगा बड़ा माजा आ रहा था मैं भाभी की जांगो कू भी सहलाने लगा था और जब 2 मिनट गे गरीब होने को भाभी बोलिन "चल तेरे 2 मिनट पूरे"




 मैं - भाभी रुको न एक मिनट और



 इस बार भाभी ने मन नहीं किया और अब मेरा एक हाथ भाभी की चुनचियो पर था मैं बहुत हल्के से उनकी चुनचियो को नाइटी के ऊपर से दबाने लगा और मेरा दूसरा हाथ भाभी के छोटा पर आ गया




 हैयी...... क्या मखमली चूत द बहुत मजा आ रहा था मैंने उन भी हल्के से दबने लगा लेकिन भाभी ने इस बार रोका नहीं



 कुछ डेर बाद भाभी बोलिन "तुमारा एक्स्ट्रा एक मिनट भी खतम होने वाला है चलो अब दूर हटो"




 लेकिन मैंने एक मिनट और मांग लिया है बार भाभी ने पहले तो थोड़ी नानूकुर की पर बाद में मान गए और मुझे एक मिनट और भाभी के चुतड़ या चुन्चियां सहलाने को मिल गया मैं एक अलग ही नशे में खो गया




 फिर ये मिनट भी खतम होने को आ गया था भाभी ने इस्की घोषना कर दी और मुझे दूर जाने लगिन पर मैं उनके सामने एक और मिनट की मांग रख दी तो भाभी बोलिन "नहीं अब बहुत हो गया 2 मिनट का होने को  है सीधा डबल अब और नहीं"




 मैं - भाभी... प्लीज एक और मिनट बस इस बार लास्ट... प्लीज




 भाभी - नहीं ... अब नहीं 4 मिनट तो दे तुझे अब और नहीं अब दूर हैट



 मैं भाभी के छुंछी और छोटाड को हलके हल्के से दबते हुए उनसे मिन्नतेन किए जा रहा था लेकिन भाभी थी की बार माने को राजी नहीं था



 

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