महाविद्यालय जीवन - एक सफल सपना Part 3

 




महाविद्यालय जीवन - एक सफल सपना Part 3


By  AKSHAY 



अगली सुबह भी में नहीं उठ पाया बस आज भी मैंने निशा के नंगे में वही सपना देखा या राहुल ने मुझे कल


 के अंदाज में ही उथया या आज भी भगते दोते कोल उम्र के लिए निकले मुझे समझ नहीं आ रहा पिचले दो दिन से मुझे हो क्या गया है निशा का रोज रोज सपने में आना में अपने रोज के समय पर भी नहीं  रूटीन भी फोल ओ नहीं केर पा रहा हूं


 मैं ये सब सोचते सोचते कार चला रहा था कुछ ही डर में हम लोग कोल उम्र पाहुच गए गाड़ी पार्क करी या हम चले गए क्लास के लिए फर्स्ट क्लास एंड करी या वापस हम लोग कैंटीन में बैठे थे या नास्ता केर रहे द आज मुझे निशा  कहीं पर भी नहीं दिखी ना क्लास ना कैंटीन पर मुझसे हमसे क्या क्यो में हम के नंगे में इतना सोच रहा था में ये सब सोच ही रहा था की मेरा फोन बाजा जो की मेरी सेक्रेटरी पूजा का था अमन:- नमस्कार ओ पूजा सुप्रभात


 पूजा :- गुड मॉर्निंग अमन क्या तुम अभी फ्री हो


 अमन:- अभी तो मुझे कोल ऐज में हु कुछ छोटा सा।  कम है क्या


 पूजा :- हा अमन ऑफ़ आइस मे कुछ इम्प।  काम है क्या तुम भी बर्फ आ सकते हैं अमन: - ठीक है में अभी आता हूं


 इस्के खराब में फोन कट केर दिया अभी में राहुल या रिया को देखा दोनो मुझे घुर घुर केर देख रहे थे अमन :- क्या हुआ भाई इस तरह से क्यों घुर रहा है


 राहुल :- पूजा को है या कब से चल रहा है ये सब


 मैं राहुल की बल्ला पर हलका मुस्कान दीया हलंकी पूजा मेरी दोस्त भी थी पर हम लोग दोस्त तक ही उसके आगे हमारे बिच कुछ नहीं था या पूजा का पहले से ही प्रेमी भी था या मेरे आदमी में पूजा के प्रति कभी भी कुछ भावनाएं नहीं थी


 अमन:- अबे बीरबल की औलाद पूजा मेरी सेक्रेटरी है तू भी बत्त को कह से कहा तक लेकर गया राहुल:- ओह सोर य भाई पर जिस तरह से तू बात केर रहा था मुझे ऐसा ही लगा अमन: चल वो अभी अभी मुझे  ऑफ़ आइस के कल आया है तो मुझे निकलना होगा कुछ इम्प।  काम है आज में लास्ट क्लास नहीं ले पाउंगा तो क्लास में भी इस्का अनाउंसमेंट करवा देना राहुल:- ओके भाई फिर में भी आज मूवी चला जाता हूं रिया के साथ में रिया की तरफ देखकर हलका मस्कुरा दिया या फिर मैं वहा से उन दोनो को बाय  बर्फ के लिए कुछ ही डर में बर्फ के पाहुचा वहा पर सभी को सुबह की इच्छा किआ या अपने केबिन के बाद बैठा गया या बेल बजाई या चपरासी और आ गया का कहकर निकल गया


 चपरासी :- हाँ सर


 मैं:- पूजा को इंफॉर्मेशन केर दो में पाहुच गया हूं चपरासी:- ओके सर


 इस्के बुरा वो चला जाता है 5 मिनट की पूजा भी वहा जाति है साथ में भैया भी दोनो वह प्रति आते जाते हैं


 मैं :- हा पूजा क्या महत्वपूर्ण काम था


 पूजा :- अमन पुणे की एक कंपनी हमसे डील करना चाहती है या अगर हमारी कंपनी के साथ डील सक्सेसफुल हुई तो हमें बहुत प्रॉफिट होगा


 मैं :- ओके मुझे कंपनी के बारे में जानकारी दे


 पूजा :- अमन अग्रवाल ग्रुप की कंपनी है जिसके मालिक है रणदीप अग्रवाल जैसे ही मैंने ये नाम सुना में शॉक रहा मुझे पता चल चुका था की कोई या नहीं निशा के डैड ही मैं बस इसी सोच में डूबा था


 भैया :- अमन कहा खो गया


 अमन :- कहीं नहीं भैया आप बोलो


 भैया :- अमन में चाहता हूं कंपनी के साथ डील तू करे में अभी भी सोच रहा था की मुझे वो डील करनी चाहिए की नहीं अमन: तुमने कंपनी का प्रोफाइल चेक किया


 पूजा :- हाँ अमन मेने सब कुछ जानकारी चेक केर ली सब कुछ अच्छा है कंपनी की हमारी उन से बात भी हो चुकी है वो हमसे आज दिन में मीटिंग करना चाहते हैं अमन :- ठीक है फिर आज दिन की मीटिंग फाइनल केर दो या मुझे  इस डील से संबंधित साड़ी की जानकारी दे क्या मैं उपयोग करता हूँ पढ़ें केर देता हुआ


 पूजा :- ओके अमानी


 इस्के खराब पूजा वहा से चली जाती है भइया से कुछ डर बल्ले हुई या उसके बुरे वो भी अपने केबिन में चले गए या पूजा ने भी मुझे डील से संबंधित फाइल थामा दी या मैं उपयोग करें पढ़ने के लिए लगा मुझे उसमे इतना व्यस्त हो गया की मुझे  टाइम का पता ही नहीं चला या जब मैंने सब कुछ खत्म किया तो देखा 2 बज चुके में पूजा को फिर बुलाया


 मैं:- पूजा मीटिंग कितने बजे फाइनल हुआ


 पूजा :- अमन 3 बज


 मैं :- ओके तुमने लंच ले लिया


 पूजा :- नहीं बस अब लेने ही वाली थी


 मैं:- ठीक है मुझे भी करना है साथ में ले जाने देते हैं


 इस्के खराब हमने लंच लिया लंच के लिए खराब टाइम देखा से 2:30 हो गए अभी मीटिंग शुरू होने में 30


 मिन की डेरी थी इसिलिए में अपने केबिन में चला गया कुछ डर के खराब पूजा:- अमन वो लोग पाहुच चुके हैं मीटिंग हाल में तुम्हारा ही इंतजार है अमन:- ओके मी पहुचता हूं


 इस्के बुरे में वहा से निकला या बर्फ के 2 कर्मचारियों के मेरे साथ और पूजा थी हम चारो वहा से बैठक हाल में पाहुचे जैसे ही मैं वहा में प्रवेश हुआ तो मैंने देखा वहा निशा भी मौजूद थी साथ में 4


 से 5 लोग या बैठे में जिन्हे में नहीं जनता था एक बार का तो मुझे निशा को देखने वाला झटका लगा आज मैं अलग रूप में देख रहा था आज उसने फॉर्मल का इस्तेमाल हुआ था या अभी वो बड़ी गंभीर लग रही थी में भी वह प्रति जकर बस  चुप चाप बैठा में अभी निशा की तरफ देख रहा था वो बस मुझे देख कर हलका सा मुस्काना दी इस्के खराब मैंने अपना मुह दुसरी तारफ केर लिया या फिर मेरा मिस्टर रणदीप के साथ परिचय हुआ या वह बैठा या लोगो के साथ साथ  मिस्टर रणदीप के नंगे मुझे बता दो


 रणदीप अग्रवाल :- इनकी उम्र 50 साल है या मैं एक बहुत बड़े बिजनेसमैन है हलंकी में ये सब अपने बल बुटे पर बनाया है ये बड़े शालीन स्वभाव के है या बड़े समाजदार भी है निशा इनकी एकलौती बेटी है इस प्यारे से  हम की हर मांग पूरी होती है रणदीप :- हेलो मिस्टर खुराना मैं रणदीप अग्रवाल और वो मेरी बेटी निशा अग्रवाल मैं :- हेलो अमन खुराना वो मेरी सेक्रेटरी पूजा है और ये हैं -


 इस्के खराब एक दसरे से परिचय हुआ या हमारी मीटिंग शूरू हो गई पुरी मीटिंग में सिरफ निशा को देखता रह गया उसके बल्ले करने का सालिका, उस्का उपस्थिति मन में निशा का आज एक अलग रूप देखा था मुझे याकेन नहीं हो रहा था ये वही  उम्र वली निशा है में बस उसे या तराफ देख रहा था पर उसका ध्यान अभी मुझसे मिल रहा था


 इस्के खराब मीटिंग खतम हुई या हमारी डील फाइनल हुई मेने रणदीप अंकल से हाथ मिला में उने पोरी से मिलना अंकल ही कह रहा था क्योकी उमर में वो मुझसे बहुत बड़े इस्के खराब निशा ने भी अपना हाथ मेरी तराफ बड़ा मिला में हाथ नहीं मिला  था पर मुझ पर मजबूर था या मैं वहा प्रति कोई


 तमाशा नहीं चाहता था मैंने भी हाथ मिलाया या वो हलका सा मस्कुरा दी प्रति मेने यूज़ इग्नोर केर दिया इस्के बुरे में अपने केबिन में आ गया मेरे साथ रणदीप और निशा भी क्योकी अब हम हमारी डील से संबंधित कागजी काम और औपचारिकता पूरी करणी थी या  मैंने उनके लिए कोफ ई का ऑर्डर दिया या हमारी बात शुरू हो गई।


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 इस्के बुरे में अपने केबिन में आ गया मेरे साथ रणदीप और निशा भी क्योकी अब हम हमारी डील से संबंधित कागजी काम और औपचारिकता पूरी करनी थी या मैंने उनके लिए कोफ ई का ऑर्डर दिया या हमारी बात शुरू हो गई।


 निशा ने हमें बिच मुझसे का बार बल्ले की कोशिश कारी प्रति में उपयोग कोई मौका नहीं दिया बतो ही बातो में रणदीप अंकल को भी पता चला की निशा और मैं वही उम्र मुझे वही बैच मुझे पढते है :-


 रणदीप:- मिस्टर खुराना मतलाब एपी निशा को पहले से ही जानते हैं मैं: जी हम कोल उम्र में एमबीए के वही बैच में है या मैं वही बैच में पढ़ाता भी हूं रणदीप:- मैं कुछ समझ नहीं पाता भी है मतलाब


 फिर मेने उन्हे साड़ी बटाई या वो फिर हमारी कुछ बात हुई निशा बस मुझे देखे जा रही थी उससे तीन बार बल्ले करने की कोशीश भी करी पर मुझ पर उसे बल्ले ताल देता था इस्के खराब वो लोग चले गए बड़े उनसे मिलने के  डिमाग में रणदीप अग्रवाल की एक अलग छवी बैठा मुझे निशा और उसके पिता में जमीन आसमान का फरक लगा पर मेने वो सब इग्नोर किया


 आज एक बात मुझे या भी समझ आ गई थी ये सब डील का प्लान किया धरा निशा का ही है क्योकी वो मुझसे बात करना चाहता है तो उसे ये रास्ता अपना अब मैं सही था गलत ये मुझे नहीं पता था इसका  हाय था ठीक इसी तरह से सोचने के बुरे में मैंने समय देखा तो चूहे के 8 बज चुके थे मुझे समय का बिलकुल ख्याल नहीं रहा बहार बारिश हो रही थी इसके खराब में बर्फ से निकल गया बारिश में ट्रैफिक जाम में फसने के कर मुझे  घर पहुचते हुए 9:30 बज चुके थे वहा पर सब मेरा ही इंतजार था में भैया को डील के नंगे मुझे फोन प्रति पहले ही बता चुका था इस्के बुरा में ताजा हुआ या रात का खाना किया आज दिन बहुत थका देने वाला था या मैं रात के खाने के लिए  बुरा सोचा राहुल के कामरे में हम से भी मिल लेटा हू में ये सोच उसके कामरे में चला गया


 भाईसाहब अभी भी अपनी महबूबा के साथ फोन प्रति लगे हुए उपयोग ख्याल नहीं था की मुझे पिचे खड़ा सब सुन रहा हूं


 राहुल :- हा जान मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आ रही है "कहना अभी खाया है आज अमन अभी ऑफ आइस से आया था तो उसका इंतजार कर रहे थे"  €¦â€¦â€¦।  तुम्हें क्या लगता है मुझे तो लगता है जरूर पूजा और अमन के बिच कोई बात है।  आज जब उसका फोन आया उसके खराब ही वहा से निकला अभी घर आया आया।


 मैं ये सब सुंकर मस्कुरा दिया या फिर मेने राहुल को एक लाट चिपका डाली जिस करन से वो हड़बड़ा गया या उसे पिचे घुम केर देखा तो मुझे खड़ा था


 राहुल:- अमन तू याहा।  कब आया यार एक 


 अमन:- बस तबी जब तू या रिया मेरे या पूजा के नंगे में बल्ले केर रहे थे उसने पहले से फोन प्रति रिया को अलविदा कहकर फोन कट केर दिया राहुल: भाई सोर यार मुझे ऐसा लगा इसलिय बोला था मैंने टब ही उसका फोन  आते ही निकल गया उसके खराब सिद्ध अभी आ रहा है


 अमन :- तुझे बताया तो था मेने ऑफ आइस में कुछ कम है आज एक महत्वपूर्ण डील थी उसी में व्यस्त हो गया या भाई पूजा का पहले से ही बॉयफ्रेंड है हम दोनो सिरफ दोस्तों है तू बात को कहा से कहा पर ले गया राहुल:- सोर वाई  भाई मुझे समझ गया पर रिया कहा समझने वाली है अमन :- मतलाब


 आज जब तू कैंटीन से निकला उसके खराब :-


 रिया :- तुम्हें क्या लगता है जान


 राहुल :- किस बेयर मी


 रिया :- बेवकूफ अमन और पूजा के नंगे मे


 राहुल :- उसे कहा ना वो उसकी सेक्रेटरी है


 रिया :- हा तो क्या हुआ सेक्रेटरी गर्लफ्रेंड नहीं हो सकती क्या जिस तरह से उसके एक फोन पर निकल गया मुझे तो कुछ और बात ही लगी है


 अमन:- आचा रिया का दिमाग भी कुछ ज्यादा चलने लगा है से मैं कल बात करता हूं वैसा ही आज ऑफ आइस में बहुत कुछ हुआ


 राहुल :- अच्छा ऐसा क्या हो गया


 अमन :- पहले तू बता आज तुम दोनो बहार गए कैसा रहा तुम दोनो का राहुल भाई आचा रहा पुणे में मैंने अभी घुमा नहीं था आज रिया के साथ पोरे दिन पुणे दर्शन किया अमन: चल आचा है रविवार को साथ में चलेंगे  तुझे या भी जगा घुमूंगा साथ ही हमारे अनंत आसराम में भी लेकर चलूंगा


 राहुल :- भाई हमारे अनंत आसराम में समझ नहीं अमन :- भाई ये हमारी कंपनी का बनवाया हुआ अनंत आसराम है ये अनंत आसराम हमारी कंपनी की फंडिंग से चाहता है साथ ही मैं हर रविवार को यहां के बच्चों से मिलने जाता हूं अपने,  खिलौने लेकर जाता हु दिन के 2 से 3 घनटे उसके साथ बिताता हूं या उनके साथ खेलता हूं मस्ती करता हूं, तू रिया को भी कह देना अगर इस्तेमाल करना साथ चल रहा है तो राहुल :- चल थिक वाला है  आज का बर्फ में बहुत कुछ हुआ क्या हुआ बता अमन :- भाई आज निशा का एक अलग रूप का बर्फ में देखने को मिला राहुल :- क्या निशा।  या तेरे बर्फ मे वो कैसे


 अमन:- बटाटा हू फिर मैने साड़ी बटाई या मुझे जिस का शक था वो भी बता राहुल:- प्रति भाई वो तुझसे ऐसे क्या बात करना चाहता है कि उसे इतनी बड़ी डील भी फाइनल केर दी में अच्छी तरह से जनता हूं  हमें गम्दी लड़की की इसमे भी कोई चल होगी अमन: यार मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा हलंकी है डील उनकी कंपनी को भी फायदा है राहुल: चल छोड ना बाकी बटे मुझे तो बड़ा आया निशा ने तुझसे बात करने या करने के लिए  ट्यून यूज़ पूरी तरह से अनदेखा केर दिया हमें वक़्त चाहरा देखने लायक होगा इस्के खराब मेरी राहुल के साथ कुछ डर या बल्ले हुई या मैं अपने कामरे में आ गया या वहा पर आखे बैंड केरके लता तो एक चाहरा सामने आ गया निशा का मस्कुरा  चाहा जो की मैंने आज बर्फ में देखा कितनी खूबसूरत लग रही थी वो आज जिस तरह से पेशेवर और बात केर रही थी में ये सब चिजे सोच रहा था कि इतने में मेरे मोबाइल का संदेश टोन बाजा मैंने देखा एक था अज्ञात नंबर से संदेश  संदेश :- मुझसे तुमसे कुछ बात करना है - निशा


 मैंने जब ये पड़ा में बिलकुल शॉक रह गया की इसके पास मेरा नंबर कहा से आया इतने में मेरा मोबाइल फिर बाजा या एक या संदेश था


 यही सोच रहे हो ना की मेरे पास तुम्हारा नंबर कैसे तो मि.  मुझे बता दू की हमने आज बिजनेस डील केरी है तो तुमने अपना विजिटिंग कार्ड भी दिया था


 मैं :- सुनो मुझे नहीं पता तुम मुझसे क्या चाहता हो या ये सब क्या है डील का लफ्दा में जनता हूं ये सब तुम्हारा ही किया धारा है


 निशा :- नहीं इसमे मैंने कुछ नहीं किया मुझे भी पता चला जब डैड ने मुझे बताया था इसलिये आज में उनसे चर्चा के करन कोल उम्र नहीं आई थी


 मेने कुछ जवाब नहीं दिया प्रति 5 मिनट के खराब उसका वापस संदेश आया निशा :-तुमने जवाब नहीं दिया


 मैं :- किसका


 निशा :- मैंने तुम्हें बता करने के लिए बोला है


 मैं:- सुनिए पिछली बार कह रहा हूं, तुमसे कोई बात नहीं करना चाहता हूं अब अगर तुम्हारा कोई भी संदेश मुझे आया तो ये डील भी कैंसल केर दूंगा


 इस्के खराब मुझे कोई संदेश नहीं मिला या मुझे निशा के नंगे में सोचा सोचा कब पता के आगोश में चला गया मुझे खुद को पता नहीं चला।


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 इस्के खराब मुझे कोई संदेश नहीं मिला या मुझे निशा के नंगे में सोचा सोचा कब पता के आगोश में चला गया मुझे खुद को पता नहीं चला।


 अब आयु :-


 अगले दिन में अपने रूटीन के समय पर उठ गया या साड़ी की नियमित गतिविधियां करने के लिए बुरे में निकल गया कोल उम्र के लिए या रास्ते से रिया को चुनें किया अभी में कार चला रहा था में: तो मैडम आजकल आपका दिमाग बहुत चल रहा है


 रिया :- क्यो क्या हो गया तुम ऐसा क्यों बोल रहे हो


 मैं :- आचा कल कैंटीन से जाने के बुरे तुमने राहुल से क्या कहा रिया ने जब से ये सुना तो वो घुर घुर केर राहुल को देखने लगी तुमने सब बता दिया इसे प्रति राहुल ने जवाब दिया है


 राहुल :- बताना पड़ा रिया उसके लिए सोर य प्रति पूजा का पहले से ही बॉयफ्रेंड है वो और अमन सिरफ फ्रेंड्स है रिया: ओह्ह्ह सोर य अमन


 अमन :- फ्रेंडशिप मी नो सोर वाई एंड नो थैंक यू


 इस्के खराब हम कोल उम्र पहुच गए गाड़ी पार्क करी या निकल गए क्लास की या आज वह निशा पहले ही वहा पर बैठी थी उसके चाहरे से साफ पता चल रहा था वो कफी उदास है मुझे पता नहीं क्या हो गया उसकी उदासी जा रही है  प्रति फिर भी मैंने कुछ नहीं किया


 इसी तरह से 2 दिन कोल उम्र में कब बिट गया पता नहीं चला या कल रविवार था मैंने राहुल या रिया को बता दिया था की हम सुबाह 10 बजे अनंत आसराम जाएंगे पिचले दो दिन मुझे निशा बड़ी उदास दिखी में चूहे को बस उस के नंगे  मैं सोचता रहता था फिर मैंने सोचा अगर हमसे एक बार बत् केर लू तो शायद खुश रह शक्ति है मैंने सोचा में सोमवार को कोशिश करूंगा


 इस्के बुरे में मैं और के आगोश में चला गया आगली सुबह में उठा इस्के खराब ताजा होकर नास्ता किया या मैं या राहुल निकल गए मार्केट के लिए वहा से हमने बहुत सारे खिलौने और चॉकलेट लिए रिया ने भी हम शामिल हो गए केर लिया था फिर निकले हम स  अनंत आसराम की ओर


 कुछ ही डर में हम वहा पहुच गए या हम सारा समान और लेकर चले गए वहा के बचाओ के मेरा बहुत लगा था या वो मुझे देख कर खुश हो जाते थे मुझे भी वह पर जाने से बहुत बहुत बड़ा मिला था  मैनेजर से मिला या उनसे कुछ बाते फिर निकल गया बचाओ के पास मेरे अलावा भी कुछ लोग बचाते थे या उनके साथ खेलते रहते थे मैं वहा जकर बचाओ को चॉकलेट्स एंड टॉयज दिए मेरे साथ राहुल  इसके बुरे हम उनके साथ खेलने लगे जब भी मैं उन बच्चों के चाहरे पर खुशी देखता था मेरे दिल को बड़ी थंडक मिली थी हम वहा पर कुछ डर खेले या उसके बुरे मुझे एक कल आया जिस पर लेने के लिए मेरे पास गया में कल  के लिए बुरे जब वापस मूडर जाने लगा तो जो मैंने देखा मुझे याकेन नहीं हुआ सामने की तरफ निशा थी जो की बचो के साथ खेल रही थी या बच्चे भी उसके साथ बड़े खुश थे जैसे बड़े अच्छे से फिर से  है राही थी उसे मुझे नहीं देखा पर आज एम  एने निशा का एक या नया रूप देखा पर आज मुझे निशा के नंगे मुझे सोचने पर मजबूर हुआ क्योकी जब में उसका ये रूप देखा तो मुझे बड़ी खुशी मिली या मैने तय केर लिया की मैं आज हमें बता कर रहा हूं से खराब में  और रिया के पास पहच गया


 मैं:-राहुल मुझे कुछ छोटा सा भूत।  काम आ गया इसलिय तू रिया के साथ निकल जा मैं बुरा मैं घर पाहुच जाउंगा राहुल और रिया भी मेरे कहने के खराब वहा से दसरी गाड़ी से निकल गए या मैं एक तार खड़े रहकर सिरफ निशा को देख रहा था जो अभी भी  नहीं क्यो में अपने कदम रोक नहीं पाया या वहा से सिद्ध निशा के सामने जकर खड़ा हो गया या जब उसे मुझे वहा देखा निशा:- अमन।  तुम


 अमन :- मुझसे तुमसे कुछ बात करनी है


 जब मैंने वो बात कही तो निशा की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा इसके खराब हम दो गार्डन में एक तार चले गए या वह बैठे गए अभी हम दोनो खामोस द पर है खामोशी को मैंने तोड़ा :-


 मैं :- क्यो केर रही हो ये सब तुम


 निशा :- में कुछ नहीं समझी अमन तुम क्या कहना चाहते हो


 मैं :- देखो निशा मुझे घुमा फिरा के बात करना पसंद नहीं में पुछ रहा हु तुम ये सब नाटक क्यो केर


 राही हो पहले वो डील के होने मुझसे बात करने की कोशिश या अब आज याहा प्रति इस तरह से आखिरकर तुम मुझे दिखाना क्या चाहती है


 मेरी ये बात निशा को चुब गई उसे कुछ नहीं कहा बस उसकी आखो से आसु निकल गए मेने आज पहली बार उसे आखो में आसु देखे मुझे लगा मैंने कुछ ज्यादा बोल दिया मैंने अपने हाथ से उसके आसू साफ किए


 मैं :- सोर य निशा में कुछ ज्यादा ही बोल गया


 निशा :- सोर य तुम क्यो कह रहे हो अमन में तुमसे सोर य कहती हू या वैसा भी मैं जो बोलूंगा उपयोग तुम गलत ही समझोगे इसलिये हमारे बल्ले करने का कोई मतलब नहीं है मैं आज के बुरे तुमसे कोई बात नहीं करूंगा  मुझे ऐसे कोई कोषिश करुंगी या अगर हो खातिर तो मुझे पहले दिन के लिए इतना कहना या वो उठा के जाने लग गई पर आज जब वो जाने लगी तो शायद मुझे भी ऐसा महसूस से हुआ की मैं को  है मेरे दिल में अलग ही बेचनी होने लगी मैं :- निशा एक मिन


 पर उसे कुछ नहीं सुना बस वहा से उठकर चली गई मुझे आज अपने आप पर बड़ा गुसा आ रहा था मुझे अपनी गल्ती का अहसास हुआ मैं बस इस्तेमाल करते हुए देख रहा था में भी वहा से फाफफत उठा या उससे बाहर पिचे  लगा अभी वो अपनी गाड़ी में बैठाकर जा चुकी थी मेने सोचा कल उस से कोल उम्र में बात करता हूं इसे बुरा भी वहा से अपनी गाड़ी निकली या चल पड़ा घर की या

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