bhabhi ji ghar par hai Part 2 ---------- भाभी जी घर पर हैं

 







bhabhi ji ghar par hai  Part  2 ----------  भाभी जी घर पर हैं









 


 मैं - भाभी.... प्लीज मान जाओ नहीं तो आज रात सो नहीं पौंगा और नींद पूरी न होने से कल की पढाई भी परेशान होगी प्लीज भाभी मान जाओ




 काफ़ी मिन्नत करने के बाद बड़ी भाभी मान ही गई और बोलिन "ठीक है तेरी पढाई में कोई परेशान ना हो इसलिये है बार और मान रही हूं लेकिन ये आखिरी बार है इसके बाद बिलकुल नहीं मानूची




 मैं - ठीक है भाभी तु लास्ट है



 इस्के बाद मैंने अपना हाथ भाभी के छूत को सहलाते हुए और नीचे तक ले गया मेरा हाथ अब पीछे से भाभी की टंगों के बीच में गया था और मैं उनके छुट पर हाथ फेर रहा था दूसरे को हाथ से



 इस बार भाभी ने जैसे ही समय खतम होने के लिए कहा मैंने अपने हाथ की बीच वाली उंगली नाइटी के ऊपर से भाभी की छुट पर जोर से डबा दी है बार उनगली को एक बांध सही जागाह मिल गई और रात मेरी वही भी  मैं घुस गई




 भाभी..... आआआह्ह्ह्ह्ह ......... आह्ह्ह्ह्ह औउउच्छ करते करते हुए मुझे हटाते हैं जब तक वो मुझे हटा पाता है 2 - 3 बार उंगली और बहार कर दी




 इस्के बाद भाभी बोलिन "तुम बहुत ही कमीने हो जब ऐसा कुछ करने को मन किया था फिर भी तुम नहीं माने"




 इस बार भाभी ने जैसे ही समय खतम होने के लिए कहा मैंने अपने हाथ की बीच वाली उंगली नाइटी के ऊपर से भाभी की छुट पर जोर से डबा दी है बार उनगली को एक बांध सही जागाह मिल गई और रात मेरी वही भी  मैं घुस गई




 भाभी..... आआआह्ह्ह्ह्ह ......... आह्ह्ह्ह्ह औउउच्छ करते करते हुए मुझे हटाते हैं जब तक वो मुझे हटा पाता है 2 - 3 बार उंगली और बहार कर दी




 इस्के बाद भाभी बोलिन "तुम बहुत ही कमीने हो जब ऐसा कुछ करने को मन किया था फिर भी तुम नहीं माने"




 मैं - 'सॉरी' भाभी लेकिन मेरी क्या गल्ती आपकी बॉडी इतनी हॉट है मैं खुद को रोक ही नहीं पाया



 भाभी - चल झूठे ज्यादा बात न बना तूने ये पहले ही सोच रखा होगा



 मैं - नहीं भाभी आपकी हॉट बॉडी की वजह से मैं अपने होश खो बैठा




 भाभी - चल अब सो जा मैं भी सोने जा रही हूं



 भाभी और मैंने एक दसरे को अच्छी रात कहा फिर भाभी चली गई और मैं भी इतना गया








 भाभी मेरी मायूसी समाज लेते है और भाभी सरप्राइज के तौर पर अपनी ब्रा पैंटी से मुझे खेलने के लिए डेटी है और रात को भी मेरी बात को माने हुए अपने जिस्म पर हाथ लगाने वाली है







 रात को भाभी के जाने के बाद में सोने की कोशिश करने लगा लेकिन बार भाभी को याद कर के मेरा लुंड खड़ा हो जाता था...  मैंने अपने पर कबू बनाया राखा और आखिरी मुझे नींद आ ही गई




 लेकिन सुबह जल्दी ही मेरी नींद खुल गई मैंने घड़ी डाली तो 6:30 बज रहे थे...रात से सुबह हो गई थी लेकिन मेरा लुंड अभी भी खड़ा ही था... मैने थोड़ी देर तक और  सोने की कोषिश की लेकिन खड़ा लुंड ले कर सो नहीं पाया




 मैं बिस्तर से उठा और जा कर सीधा बाथरूम में घुस गया... फिर मुझे पिछला किस याद आ गया और मैंने इस बार गल्ती ना करते हुए दरवाजे की कुंडली अच्छे से लगा ली




 दरवाजा की कुबड़ी लगा कर मैं वापस घूम गया और पजामा खिस्का कर लुंड बहार निकला और हाथ से हिलाने लगा...तभी मेरी सामने को गई




 वहन भाभी की ब्रा पैंटी अभी भी लटकी हुई पतली...तभी मुझे याद आया की भाभी रोज सुबह इसी समय पर तो नहीं के लिए जाती हैं...ब्रा पैंटी देख कर एक बार फिर मेरी धड़कन तेज हो गई




 मैंने ब्रा - पैंटी उठा ली और नाक से लगा कर सूंघने लगा लेकिन बार उनमे से भाभी के जिस्म की खुशबू नहीं आ रही थी... मैने कहा खुशबू नहीं है तो क्या हुआ है तो ये भाभी की ही ब्रा पैंटी  अपना तो काम हो जाएगा




 मैंने ब्रा को लुंड पे लापेट कर मुथ मारने शुरू कर दिया और अपने लुंड के सर (सिर) को पैंटी पर रागदने लगा... कुछ ही डर में मेरा गरम - गरम लावा भाभी की पैंटी पर गिरने लगा




 मैंने अपना पूरा माल अच्छे से भाभी की ब्रा और पैंटी पर फेल दिया दिया खास कर मैं जहां पर जैसे की पैंटी का वो हिसा जो छुट पर तकराता है और ब्रा का वो हिसा जिस पर निप्पल लगते हैं...उस पर गढ़ा  - गढ़ा फेला दिया ......... ब्रा पैंटी जैसी तंगी हुई पतली वैस ही तंग कर बाथरूम से बहार आ गया




 मैं बाथरूम से निकल कर अपने कामरे में जा ही रहा था की बीच में ही भाभी से मुलकत हो गई ......  जा कर बैठा मैं नहीं कर चाय ले कर आती हूं"




 मैंने भी हां में सर हिला दिया फिर भाभी बाथरूम की तरफ चली गई और मैं अपने कामरे में आ कर दुबारा गया और मुझे कब नींद लगी पता ही नहीं चला




 मेरी जरूरत तब जा कर टूटी जब किसी ने मुझ पर पानी फेंका मैं हददते हुए बोला "कौन है?




 सामने भाभी गुसे वाले अवतार में खादी पतली दुबारा से मुझ पर थोड़ा पानी डालते हुए बोलिन "उठ जा कुंभ करण की औलाद अब समझ आया तू आज जल्दी क्यों उठा था"




 मैं - भाभी...... क्या हुआ ?



 भाभी - तू ज्यादा अंजान मत बन तुझे थोड़ी सी आजादी क्या दी तू कुछ ज्यादा लगने लगा रुक तेरे भैया को नाह कर निकलाने दे फिर आज तो तेरी सारी मस्ती निकलवा कर ही बांध लूंगी




 अब भैया का नाम सुन कर मेरी फटी पड़ी मैं अब तक इतना गंभीर नहीं था....... पर भाभी का गुस्सा देख कर लग रहा था कि वो सच में भैया को बताने वाली है




 मैं - भाभी गल्ती हो गई माफ़ कर दो प्लीज़......अब कभी ऐसा नहीं करूंगा



 भाभी - मैंने अच्छे से नहीं धोकर पहनने से वो सारा मेरी बॉडी पर लग गया तेरी वजह से मुझे दोबारा नहना पड़ा आज तू नहीं बचेगा तेरे भैया को नाह कर आने दे फिर बाती आज तो तू गया



 तबी बाथरूम के दरवाजे की आवाज सुनायी दी भाभी आवाज देते हुए बोलिन "अज्ज्जी... जरा इधर तो आना"




 भैया अपना सर तौलिया से पोंछते मेरे कामरे में आए और बोले "क्या हुआ"



 मेरी तो एक दम सांस ही रुक सी गई थी भाभी मेरी तराफ इशारा करते हुए बोलिन "ये देख लो अपने भाई को"




 भैया ने मुझे भाभी के जोड़े में गिरा हुआ देखा और बोले "तू वहन नीचे क्यो पड़ा हुआ है"




 भाभी - मैं बताती हूं ना



 मेरी तो गान फट गई की भाभी ने अब सब कुछ बता और उसके बाद भैया मार - मार कर लाल पीला कर देंगे बेटा विशु हो जा अब तू तैयर मार खाने को




 भाभी - ये कह रहा है की अब से ये रोज़ सुबह उठ कर सबसे पहले आशीर्वाद लेगा उसके बाद ही कुछ करेगा




 भइया - इस्मे मुझे बुलाने की क्या जरूरत थी...तुम्हारा आशीर्वाद ले रहा है तो तुम दे दो




 भाभी मेरी शकल देख कर जो उस समय रोटली हो रही थी अपनी हांसी दबाती हुई बोली "क्या तुम्हारा भी आशीर्वाद चाहिए...तभी तो तुमको बुलाया"




 भैया - अच्छा.....पर पहले तो मम्मी पापा का आशीर्वाद लेना चाहिए ना



 भाभी - मैंने भी इसे यही कहा तो कह रहा है पहले आप मिल गई तो आपसे ही आशीर्वाद ले लेता हूं




 फिर भाभी मेरी तरफ देख कर बोलिन "चल अब क्या देख रहा है अपने भैया का आशीर्वाद भी ले ले"




 मैंने जल्दी से भैया के जोड़ी चू लिए भैया बोले "ऐसे ही अच्छे से मन लगा के पढ़ाई करो"




 भैया वापीस चले गए भाभी हंसते हुए मेरे गाल को मसाला हुए बोलिन "क्यो कैसी रही"




 मैं - हां...... भाभी चिढ़ा लो जितना चिढ़ाना है अभी आपका टाइम है




 भाभी - अरे इतने से मजाक में बुरा लगने लगा और जो तू मेरे कपड़े गंदे कर के आया था कुछ कुछ नहीं




 मैं - भाभी उसके लिए 'सॉरी' तो कह आप कहो तो एक बात फिर से आप की जोड़ी पका लेता हूं..... लेकिन ऐसा मजाक मत किया करो भाभी, मेरी जान हलक में आ गई थी




 भाभी - वो तो तेरी शकल देख कर ही समझ में आ गया था



 मैं - भाभी... अब आपके जबर्दस्ती में ये सूबा जल्दी उत्थान आशीर्वाद लेने का तोता और पलवा दिया




 भाभी - ठीक है तो मैं तेरे भैया को सच बता देता हूं फिर वो तेरे सारे तो उड़ देंगे



 मैं - नहीं....सुबाह जल्दी उठना ही ठीक रहेगा मेरे लिए




 भाभी - 'गुड बॉय' चल जा अब मुंह हाथ धो ले मैं चाय नास्ता बनाने जा रही हूं




 मैं बाथरूम की तरफ चला गया और भाभी किचन की तारफ चली गई नाहा धो कर तयार हुआ तब तक भाभी चाय खराब ले कर आ गई पतली मैंने नशा किया और अपनी पढाई में लग गया




 अब मेरा अगला टारगेट प्री बोर्ड में अच्छे नंबर ले कर आना था...लेकिन इस बार सिलेबस और ज्यादा कठिन हो गया था... पहले - पहले किमीतो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था लेकिन पढ़ कर और घर  मुझे पढ़ते-पढ़ते समझ आ गया




 अब मैं पहले से भी ज्यादा जी जान लगा कर पढाई कर रहा था मैं बार कोई कसर बाकी नहीं रहने देना चाहता था और भाभी की शर्तों पर खरा उतरना था




 लगभाग तीन माहिन की जोरदार पढाई के बाद प्री-बोर्ड का टाइम टेबल भी आ गया।




 मैंने भइया को रिपोर्ट कार्ड देखा... भैया भी काफ़ी खुश हुए



 भैया के जाने के बाद मैं सीधी भाभी के पास में गया और बोला "क्यों भाभी इस बार तो तुम्हारी हालत के लिए मैंने क्वालिफाई कर गया ना"




 भाभी - हां... क्या बार उतने प्रतिशत तो आ गए जितने मैंने तय किया कि लेकिन इस बार इंसेंटिव नहीं मिलेगा




 मैं - क्यो ?..... ये तो गलत बात है तो बार तो मैंने क्वालिफाई भी किया है



 भाभी - पिच्ली बार बिना क्वालिफाई किया दे दिया था इसलिये है बार का घटा हो गया




 मैं - भाभी आप अपनी बात से पलट रही हो, मुझे इंसेंटिव चाहिए




 भाभी - ठीक है ला अपना मोबाइल मुझे दे



 मैंने अपना मोबाइल भाभी को दे दिया फिर भाभी ने अपना मोबाइल मुझे पक्का दिया और बोलिन "जा बाथरूम में जा कर देख ले और कुंडली लगा लेना"




 मैं - क्या भाभी .... 80% लाने पर भी सिरफ पोर्न दिखा कर ही ताल कुत्ता ?




 भाभी - आर टू बाथरूम में जा कर मोबाइल में देख तो सही ऐसा वीडियो कभी देखा नहीं होगा




 मैं - भाभी वीडियो तो बहुत सारे देखे हैं लेकिन मुझे लगा था आप इंसेंटिव के लिए कुछ स्पेशल राखी




 भाभी - बिना देखे भी कैसे कह सकता है की कुछ खास नहीं है एक बार जा कर देख तो ले फिर कहना




 मैं बाथरूम में चला गया .... मैंने बाथरूम की कुंडली लगा कर पायजामा नीचे कर के मोबाइल को ऑन किया...उसमे केवल एक ही वीडियो था  ...... मैंने हमें वीडियो को प्ले कर दिया




 वीडियो के शुरू होते ही मैं चौक गया... वीडियो में भाभी एक सेक्सी सी नाइटी पेहन कर बेठी थी... जिसमे से उनका क्लीवेज दिख रहा था और वो मुथ मारने के लिए ऊंचा रही पतली




 भाभी बहुत ही मदद और कामुक अदाओं के साथ वीडियो में मुठ मारने के लिए बढ़ा रही पतली ... मैंने उनकी कामुक अदाओ के देखते हुए मुठ मारी ... सच में बड़ा मजा आया




 मैंने बहार आ कर भाभी को धन्यवाद कहा और उन्हे मोबाइल वापीस कर दिया




 भाभी - क्यो अब बोल स्पेशल था या नहीं:




 मैं - हां...... लेकिन आपने ये कब रिकॉर्ड किया




 भाभी - मुझे तुझ पर याकीन था की तू इतने नंबर ले ही आएगा...... मैंने ये वीडियो तेरे 2 टर्म के एग्जाम के टाइम बना लिया था




 जब पहली बार में ही भाभी ने मुझे अपनी ब्रा पेंटी खेलने के लिए दे दी थी और दूसरी बार में भी उन मेरे लिए अपना वीडियो बनाया, जिस से उनी तरह से किए गए ऑफर के प्रति मेरा विश्वास गया था और अब  अच्छे नंबर लाने लगा




 जो शायद उनको कतील जवानी की झलक से आगे और भी अच्छा होगा, जिस मैं कहानी के अगले भाग में आप लोगो के सामने लाऊंगा आप लोग आगे भाग का इंतजार करे और अपने कॉमेंट देना ना भूले












 


 मैं बाथरूम में चला गया .... मैंने बाथरूम की कुंडली लगा कर पायजामा नीचे कर के मोबाइल को ऑन किया...उसमे केवल एक ही वीडियो था  ...... मैंने हमें वीडियो को प्ले कर दिया




 वीडियो के शुरू होते ही मैं चौक गया... वीडियो में भाभी एक सेक्सी सी नाइटी पेहन कर बेठी थी... जिसमे से उनका क्लीवेज दिख रहा था और वो

 मुथ मारने के लिए ऊंचा राही पतली




 भाभी बहुत ही मदद और कामुक अदाओं के साथ वीडियो में मुठ मारने के लिए बढ़ा रही पतली ... मैंने उनकी कामुक अदाओ के देखते हुए मुथ

 मारी...... सच में बड़ा मजा आया:




 मैंने बहार आ कर भाभी को धन्यवाद कहा और उन्हे मोबाइल वापीस कर दिया




 भाभी - क्यो अब बोल स्पेशल था या नहीं:




 मैं - हां...... लेकिन आपने ये कब रिकॉर्ड किया




 भाभी - मुझे तुझ पर याकीन था की तू इतने नंबर ले ही आएगा...... मैंने ये वीडियो तेरे 2 टर्म के एग्जाम के टाइम बना लिया था




 इस्के बाद मैं अब फाइनल्स की तयारी में जुट गया...मैं कुत्तों की तरह रात दिन एक कर के पढाई करने लगा...भाभी भी मेरे खाने-पीने और सेहत का पूरा ध्यान राखी पतली...  ...मैं बस अपने कामरे में ही रह कर पूरा समय पढ़ाई करता रहता था शाम को थोड़ी देर घुमने ही जाता था




 जल्दी ही मेरे बोर्ड के परीक्षा भी शुरू हो गए मैंने अच्छे से पढाई कर के सभी विषय के पेपर अच्छे से लिखे गरीब एक महाना पढाई करने और पेपर देने में बीट गया फिर बोर्ड परीक्षा खतम हो गए




 मैं आखिरी कागज दे कर घर आया तो भाभी ने मुझे एक मस्त अश्लील क्लिप देखने के लिए दी ...... जिस देख कर मैंने अपने अंदर की इतने दिन की गरमी निकल दी




 अब मुझे अपने रिजल्ट का बड़ी बेसब्री से इंतजार था वैसे तो मेरे सारे पेपर बहुत अच्छे गए थे लेकिन रिजल्ट के टाई पर थोड़ा डर तो जरूर ही लगता है परीक्षा दिए एक महिने से ज्यादा हो गया और अब रिजल्ट का समय आने वाला था




 आखिर 15 दिन के बाद परिणाम आ ही गया भाभी और मैं साथ में कंप्यूटर चालू कर के बैठे हुए करीब आधे घंटे बाद परिणाम खुला




 मेरे इज बार 87% बने थे…मुझे खुद अपने आप पर याकेन नहीं हो रहा था भाभी ने मेरे गाल पर किस किया और बोलिन "देखिए... आपने कर दिखाया"




 मेरे घर में सब बहुत खुश हुई और आज पहली बार भैया ने मुझे शबाशी दी वर्ण मुझे हमशा भैया दांत और फटकार ही खाने को मिली थी




 इस्के बाद भैया ने भाभी से कहा "रेणु..... तुमने जादू ही कर दिया मुझे बिलकुल भी याकीन नहीं था की ये कभी इतने नंबर भी ला सकता है"




 अगले दिन भैया के ऑफिस जाने के बाद मैं भाभी के पास गया और बोला



 मैं - भाभी से अब तक ?




 भाभी - अब क्या?




 मैं - आपने बोला था की मेरे सारे सपने सच करेंगे आप




 भाभी - क्या सपना है तेरा ?




 मैं - आप को प्यार करने का




 भाभी - अभी तेरे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश नहीं हुआ है




 मैं - तो क्या बोर्ड में 87% लाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा




 भाभी - अपनी आंखें बंद करें




 मुख्य - क्यो ?




 भाभी - तुझसे जीता कह रही हूं उतना कर फालतू के सवाल ना कर




 मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और चुप चाप खड़ा हो गया....... भाभी ने मेरी आंखें पर कपड़ा बांध दिया और मुझे उन्हें चुना (स्पर्श) से मन कर दिया




 कुछ डेर बाद मुझे मेरा पायजामा नीचे सरकता हुआ महसूस हुआ ...... भाभी ने चड्डी के ऊपर ही लुंड पर हाथ रख कर मसाला दिया ...... फिर भाभी ने मेरी चड्डी भी नीचे सरकार दी और मेरे लुंड  को सहलाने लगिन




 इस्के बाद भाभी ने हाथ से मेरे लुंड की मुठ मारनी शुरू कर दी लगभाग 5 मिनट की पथपाकर के बाद मैंने भाभी से कहा "भाभी 87% लाने पर भी केवल हैंडजॉब ही कुत्ता क्या... अपने तो 80 के लिए कहा  था और मैं 87 लाया हूं"




 भाभी ने मुझे चुप रहने को कहा



 अगले ही पल मुझे अपने लुंड पर भाभी की जीब महसूस हुई मैं एक बांध गंगना उठा




 फिर भाभी ने मेरे लुंड के सर (सिर) को अपनी जिंदगी से चाट लिया और चाट कर इस्तेमाल में मुझे भरने लगा




 उन्होन एक बार मुं से निकला कर हाथ से लुंड को हिलाने लगा तो मैंने भाभी से केवल मुं से करने को कहा




 भाभी ने अपना हाथ हटा लिया और फिर से मैं ले कर मेरे लुंड को चुनने लग गया भाभी से लुंड चुस्वाने में बड़ा ही मजा आ रहा था




 शुरू में तो भाभी सिरफ लुंड के टॉप को ही मुझे ले कर चूस रही थी लेकिन बाद में वो थोड़ा ज्यादा और भर कर चुनने लगी




 थोड़ी देर की और चुसाई के बाद मुझे लगा की मैं झूमने वाला हूं....... लेकिन मैंने भाभी को कुछ नहीं कहा भाभी बेफिकर हो कर तेजी से मेरे लुंड को अपने मुझे भारते हुए हैं ब्लोजोब दे रही पतली




 भाभी लगार अपने मुं को मेरे लुंड पर चले जा रही पतली... मेरा लुंड उनके मुंह के तपमान को और सेहन नहीं कर सकता और अगले कुछ में ही मेरे लुंड ने जवाब दे दिया और मेरा पानी भाभी के मन के और  निकलने लगा




 भाभी जब तक संभल पाटी तब तक बहुत डर हो चुकी थी मेरा लुंड पूरा भाभी के मुंह में खाली हो गया था भाभी ने मुझे ढका दे कर पीछे किया और बोलिन "साले कुट्टे .... बोल नहीं सकता था"




 मैंने झट से आंखों से कपड़ा हटा कर देखा तो मेरे पानी से भाभी का मुंह भरा था जिसे उन्होनें मेरे सामने अपने हाथों पर थू दिया अभी भी मेरा थोड़ा पानी उनके हांथों पर लगा हुआ था




 मैं बुरी तरह से थाक गया था और हनफ रहा था मैंने भाभी को पहले सॉरी और फिर थैंक यू कहा




 भाभी - चल अब जा कर पढने बैठे जा




 मैं - अब तो परीक्षा हो गए हैं अब क्या पढ़ाई ही करता रहूं




 भाभी - अभी परीक्षा हाय क्लियर किया है कोई इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला इतना खुश होने की जरूरत नहीं है अगर प्रवेश नहीं मिला तो अपने सपनों को भूल ही जाना




 मैं - भाभी प्रवेश भी अब तो मैं ले कर ही रहूंगी




 भाभी - पढाई नहीं करेगा तो कहां से प्रवेश मिलेगा चल जा जल्दी से पढ़ने के लिए बैठा जा




 मैंने आंख मार कर 'जी भाभी जी' कहा और फिर उसी दिन से मैं आईआईटी की पढाई में लग गया




 कहानी के इस भाग में आपने पढा की भाभी के कहे अनुसार मैंने बोर्ड में अच्छे नंबर लाए और भाभी ने भी अपना वड़ा पूरा करते हुए दिए गए इसके साथ ही उन लोगों में सचमुच में कॉलेज दिया है।  प्रवेश नहीं मिला तो मैं अपने सपनों को भूल ही जौन




 मैंने अब कॉलेज में प्रवेश लेने की तो थान ली है लेकिन क्या मुझे प्रवेश मिलेगा या जो सपने मैं देख रहा हूं वो चकनाचूर हो जाएंगे ये मैं आपको कहानी के अगले भाग में बताऊंगा टैब तक इंतजार करेन मैं जल्द ही दूंगा  देना ना भूले



मैंने थान लिया की अब तो इंजीनियरिंग में प्रवेश लेना ही है वर्ण इतना जो मैंने मेहंदी की है उस पर पानी फिर जाएगा...  हार नहीं सकता अब तो मुझे है बार भी जीता ही है




 मैं आईआईटी की तयारी करने लगा एक महान मैंने अच्छे से पढ़ायी की उसके बाद मैंने परीक्षा दीया...परीक्षा के लगभाग 15 दिन बाद रिजल्ट आ गया...मेरी मेरिट में 2596 रैंक लगी थी




 मेरे घर में सब लोग खुशी से झूम उठे, रिश्तों को तो याकेन ही नहीं हुआ की मेरी 2596 रैंक आई है... भैया ने खुश हो कर मुझे 25000 रुपये का नकद इनाम दिया




 भैया के जाने के बाद भाभी मेरे कामरे में और बोलिन "बधाई को विशु तुमने कर देखा"




 मैं - भाभी ये सब आपके बिना बिलकुल भी संभव नहीं था......




 भाभी - मैंने क्या पढ़ायी तो तुमने ही की थी......




 मैं - लेकिन अगर आप मुझे पढाई के लिए प्रीत नहीं करता तो मैं आज भी फेल ही हो रहा होता




 भाभी - अब पुरानी बातों को क्यों सोचना अब तो पास होना लगा है ना




 मैं - अच्छा...... अब मुझे मेरा जैकपॉट तो दे दो




 भाभी - क्या चाहते हैं ..... नया मोबाइल ... बाइक ... लैपटॉप ... क्या चाहिए बोल ?




 मैं - मुझे आप चाहिए.........




 भाभी - हां ... मेरी ब्रा - पेंटी ले ले ... बोल नई वाली दूं या इस्तेमाल वाली?




 मैं - भाभी...इस बार तो मुझे आप का जिस्म चाहिए




 भाभी - मेरे जिस्म का क्या अचार डालेगा भी सौदा अच्छा है कुछ और मांग ले




 मैं - नहीं ... मुझे तो आप का जिस्म ही चाहिए मैं प्यार करना चाहता हूं आप को ?




 भाभी - क्यो..... अभी भी मुझसे प्यार नहीं करता क्या ?  तू नफ़रत करता है क्या मुझसे बोल?




 भाभी उस बात को मजाक में उड़ना चाहती थी पतली....... पर मैंने इसका मौका नहीं दिया और सीधा बोल दिया




 मैं - भाभी मुझे आप के साथ सेक्स करना चाहता हूं




 ये सुनते ही भाभी एक दम चुप हो गई... फिर 2 मिनट चुप रहने के बाद बोलिन "देख विशु... तेरे भैया से मैं बहुत प्यार करता हूं... तेरे भैया भी मेरी  हर जरुरत को पूरा करते हैं...... मुझे वो बिस्तर पर पूरा संतोष करते हैं और मैं उनके साथ धोखा नहीं करना चाहता




 मैं - लेकिन भाभी .... आपने मुझसे वादा किया था ... अगर ऐसी बात थी तो आप पहले ही मना कर देती से काम मैं ऐसी उम्मेद तो नहीं रखता




 मेरा पूरा मूड एक झटके में खराब हो गया लेकिन भाभी की बात भी मुझे सही लगी इस्के अब मैंने और कुछ नहीं बोला और चुप चाप उठा कर बहार घूमने निकल गई जिस से मैं ये सब बातें हूं




 मैं शाम को थोड़ा देर से घर आया तब तक भैया और पापा भी ऑफिस से आ गए थे रात के खाने के टाइम टेबल पर भाभी से मुलकत हुई उनसे नजर मिले ही मैंने नजर हटा लिया और चुपचाप खाना खाने लगा




 मैं अब उनके लिए अपने मन में कोई भी बुरा विचार नहीं आने देना चाहता था इसलिये मैं थोड़ा सा उने अनदेखा कर रहा था




 भाभी - विशु ... ले हलवा ले न तेरी पसंद का गाजर का हलवा बनाया है ड्राई फ्रूट्स वाला




 मैं - नहीं ..... भाभी और नहीं चाहिए पेट भर गया है




 भाभी - ऐसे - कैसा नहीं चाहिए मुझे पता है गाजर का हलवा तुझे इतना पसंद है की पेट भरा होने पर भी तू कह जाता है इसलिय ले थोड़ा तो लेना पड़ेगा




 भाभी ने जबर्दस्ती प्लेट में हलवा दाल दिया कहां मैं जलदी से खाना खा कर उठना चाहता था पर अब हलवा खतम कर के ही उठना पड़ा इसके बाद मैं अपने रूम में आ गया और हम दिन जलदी सो गया




 आखिर मैंने आईआईटी के परीक्षा में फतेह हासिल कर ही ली और अब मेरा कॉल लेटर आने वाला था लेकिन जब मैंने भाभी की उनका किया हुआ वड़ा याद दिलाया तो वो ये कहते हुए मुकर गेइन की मैं तुम्हारे भैया के साथ और भी ढोना चाहता था  उनकी ये बात सही लगी इसलिये मैंने भी उनसे ज़िद नहीं की और उनके प्रति अपने विचार बदल लिए




 दोस्तों अब आप को क्या लगता है क्या मेरा सपना पूरा होगा या सब कुछ हासिल करने के बाद भी मैं कुछ नहीं पा सकता हूं क्या भाभी अपना वादा निभाएगा पर उन्होन तो साफ कह दिया है कि वो ये नहीं में सब कुछ है।  मिलेंगे जब आप कहानी का अगला भाग पढ़ेंगे जिसे मैं जल्द ही लेकर आउंगा थोड़ा सा इंतजार करूंगा और अपने कमेंट देना मत भूल जाना



कुछ दिन ऐसे ही बीट गए भाभी से अब मेरी ज्यादा बात नहीं होती थी तब भी एक दिन भाभी मेरे पास आए और बोलिन "क्या हुआ है तुझे"




 मैं - कुछ भी तो नहीं




 भाभी - आज कल गुमसुम सा रहता है कुछ बात भी नहीं करता




 मैं - हा ..... भाभी पढाई के सिलसिला में इतना समय कहां मिलता है मैं अभी से इंजीनियरिंग के बारे में जानकारी निकला रहा हूं




 मैं भाभी से नज़र नहीं मिला रहा था और मोबाइल चलते हुए बात कर रहा था … भाभी ने मेरे हाथ से मोबाइल ले लिया और बोलिन "पहले तू मेरी तरह देख कर बात कर"




 मैने भाभी की तरफ देखा तो वो बोलिन "हा....... अब बता क्या बात है"




 मैं - सच...... भाभी कुछ नहीं:




 भाभी - तो आज कल बात क्यों नहीं करता मैं जहान होती हूं वहां से ऐसे भगता है जैसा कोई भूत देख लिया हो




 मैं - भाभी अब मैं आपके लिए अपने मन में कोई खराब विचार नहीं रखना चाहता इसलिय थोड़ी दूर रख रहा हूं ... जब मैं अपने विचारों पर नियंत्रण पा सकुंगा तो सब कुछ ठीक हो जाएगा




 भाभी - ऊह ... तो ये बात है तुझे लगता है की तू ऐसे कंट्रोल कर सकता है अपने ख्यालो पर




 मुख्य - हा ......



 भाभी - इस से कुछ नहीं होने वाला तू फल्तु ही परशान हो रहा है और इस्का तेरी पढाई पर भी असर पड़ेगा




 मैं - भाभी मेरे पास इसके अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है




 भाभी - लेकिन मुझे तो पता है की तू मेरे लिए ऐसा सब सोचना कैसा बंद कर सकता है




 मैं - तो बताओ कैसे ?




 भाभी - मैंने कल काफ़ी सोचा और एक फैसला कर लिया है




 मुख्य - कैसा फैसला ?




 भाभी - पहले तेरे प्रवेश का कॉल लेटर आ जाने दे फिर बता दूंगा




 मैं - नहीं भाभी अभी बताओ ना




 भाभी - ठीक है बताता हूं .... तेरा कॉल लेटर आने के बाद ..... जिस दिन घर पर कोई नहीं रहेगा ... हम दिन में भर के लिए तेरी रहूंगी .....  .....




 मैं खुश होते हुए बोला "सच...... भाभी"




 भाभी - हा ..... लेकिन याद रहे ... सर एक ही दिन ... उसके बाद तुम मुझे टच भी नहीं करोगे




 मैं - ठीक है ..... भाभी लेकिन ये भी तो धोखा ही होगा ना




 भाभी - हा .... पर मैंने जो वादा किया था वो तोडना भी तो गलत होगा इसलिय मैंने सोचा की सिरफ एक बार तुम्हारे लिए कर देता हूं उसके बाद कभी नहीं बार बार करने पर धोखा कहलेगा




 मैं - ठीक है भाभी .... हमें पूरे दिन ... जैसा मैं कहूंगा ... आप को वैसा ही करना पड़ेगा




 भाभी - ठीक है...... मुझे मंजूर है




 मैं - हां... एक और बात भाभी




 भाभी - क्या ?




 मुख्य - हमारे दिन मुख्य कंडोम का उपयोग बिलकुल भी नहीं करूंगा




 भाभी - नहीं.... प्लीज कंडोम टू यूज़ कर लेना... तेरे भैया भी बिना कंडोम के नहीं करते हैं




 मैं - नहीं ..... भाभी काम से कम इतनी बात तो मान लो ..... मुझे सिर्फ एक दिन ही तो मिलेगा ... मैं हम दिन को मेरे लिए और आप के लिए यादगर बनाना चाहता हूं




 भाभी - ठीक है ... जैसी तेरी मारी ... मैं आज से ही गोलियां लेना शुरू कर दूंगा




 इसके कुछ दिन बाद ही पापा - मम्मी चार धाम की यात्रा के लिए चले गए




 मैंने भी भइया के दिए हुए उन 25000 से मेरे सपनों के दिन के लिए जाम कर खरीद दारी कर डाली....मैंने भाभी के लिए स्टाइलिश नाइटी....ब्रा - पेंटी....बिंकी आदि चीजन खड़ीदी




 तीन दिन बाद ही मुझे रात को मेल आया की मेरा एडमिशन मुंबई के एक नामी आईआईटी इंस्टिट्यूट में हो गया था




 मुझे अब बस सूबा का इंतजार था....... मैं सुबा उठा कर जब नीचे गया तो भइया बुरा कर रहे थे।




 मैं - क्या बात है भैया आज आप कुछ ज्यादा ही जल्दी जॉब पर जा रहे हैं?




 भैया - जॉब पर नहीं....विशु मैं 3 दिन के लिए ऑफिस के काम से बंगलौर जा रहा हूं....तू घर का और अपना भाभी ला ध्यान रखना.....




 मैं - जी भैया..... मैं आप को स्टेशन छोड़ देता हूं




 भइया - नहीं...इसकी कोई जरुरत नहीं....कैब आने वाली होगी....कंपनी ने कैब और फ्लाइट सब का अरेंजमेंट किया है




 तबी कैब आ गई फिर भैया कैब में बैठा कर चले गए




 कैब के निकलद ही मैंने गेट लॉक किया और मोबाइल पर एडमिशन वाला ईमेल खोल कर बीज रसोई में घुस गया



मैंने भाभी के पीछे जा कर मोबाइल उनके सामने दिया... भाभी ने मोबाइल देखा और जैसा ही कहा "वाह तेरा एडमिशन आईआईटी मुंबई में हो गया है" मैने भाभी के छुएं चला कर दिए




 भाभी - अरे..... पागल नहा तो ले पहले




 मैं - भाभी अब तो आपके साथ ही नहीं है




 भाभी ने पिंक कलर की टी-शर्ट और ब्लू कलर की स्कर्ट पाहन राखी थी...




 मैंने भाभी की टी-शर्ट ऊपर करके उतर दी और पीछे से हुक खोल कर उनकी ब्रा भी खोल दी...




 इस्के बाद मैंने अपनी टी-शर्ट, पजामा और चड्डी उतर दी…मेरा लुंड पूरा टाइट हो गया था....मैंने भाभी की स्कर्ट ऊपर उठाई और पेंटी नीचे खिस्का कर तांगों में गिरा दी




 मैंने अपना हाथ छुट पर लगा तो भाभी की छुट गीली हो गई थी




 मैं - वाह... भाभी आपकी छुट तो गीली हो राखी है




 भाभी ने कुछ नहीं कहा और 'आहं' भरने लगिन... फिर मैंने भाभी को झुकाया और अपना लुंड  ...ssssshhhh... iiisshhh




 मैने भाभी को छुट पर लुंड रगदते हुए पुचा "भाभी..... बताओ ना आपकी छुट गीली क्यों है?"




 भाभी - iiiiiisssshhh ..... कमी तू ही तो अपना वो रागदे जा रहा है और पक्का है गीली क्यों है "




 मैं - भाभी..... मैं क्या रागद रहा हूं बोलो ना और आपकी क्या गीली है?




 भाभी - तू अपना वो जो रागद रहा है




 मैं - भाभी नाम ले कर बताऊं क्या रागद रहा हूं




 भाभी - तू अपना लुंड जो रागद रहा है मेरी छुट पर और कहता है मेरी छुट क्यों गीली हो रही है




 मैं - भाभी...आप मेरे लुंड पर झूठा आरोप मत लगाओ....आपकी छुट तो पहले से गीली हो राखी थी




 भाभी - IIIisssshhhh ... ssshhhh ...... सच बताउ तो अपने देवर से ये सब करने के बारे में सोच कर ये गीली हो रही है




 मैं - क्या करने की सोच कर




 भाभी - iiiisssshhh...... आआह्ह्ह्ह्ह ... वही जो हम कर रहे हैं




 मैं - मैं क्या कर रहा हूं भाभी?




 भाभी - iiiisssshhhh ......... sssssshhh ssss ... ssss ..... ssssskkkkssss




 मैं - हिंदी में बोलो ना




 भाभी - iiiissshhh ... sssshhhhh तुम मुझे छोड रहे हो




 मैं - भाभी..... अभी कहा छोड रहा हूं ... छोडूंगा तो अब




 ऐसा कहते हुए मैंने 'गप्प' से लुंड भाभी की छुट में घुसा दिया




 पहली बार में ही मेरा आधा लुंड भाभी की छुट में घुस गया...भाभी एकदम कसमसा वहां और थोड़ा आगे को खास गया...जिस से मेरा थोड़ा लुंड बहार आ गया...मैंने भाभी के शोल्डर  पकडे और अबकी बार 'गप्प' से पूरा लुंड भाभी की छुट में घुसा दिया




 भाभी - iiiisssssshh ... ssssshhhhhh ...... आह्ह्ह्ह .. nnnnoooooo




 अब मैंने शोल्डर छोड़ दिए और भाभी की नीची झूलती हुई चूंचियां पकाड़ ली और 'घापगप' बिना रुके भाभी की छुट को लगाने लगा




 भाभी ..... Aaaahhhh ....... Aaaahhhhh ..... Iiiisshhh ........ Aaahhhh ....... Vishu ....... nnnn ....  ..ooooo......PPleassee....Ssslllow कहते हुए सिसक रही पतली




 पूरे रसोई घर में मेरी जान और भाभी के छुटपुटों के भी जाने की आवाज रही थी




 करीब 7 - 8 मिनट की लगार चुदाई के बाद मैं जोर से कराह उठा और मैंने अपना लुंड भाभी के अंदर ही झड़ दिया




 कुछ डर बाद मैंने अपना लुंड भाभी की छुट से बहार खेंचा और मैं हंफ्ता हुआ नंगा ही बहार सोफ़े पर आ कर बैठा गया




 कुछ डेर बाद भाभी नाशता ले कर बहार आईं और मुझे बुरा देते हैं बोलिन "कमीने ... कितनी जोर से कर रहा था ... ऐसे करते हैं क्या"




 मैं - सॉरी भाभी....मुझे क्या पता मेरा तो पहली बार था....लेकिन पहली बार ही आपके साथ करने को मिला तो मजा आ गया




 भाभी - अच्छा..... किसी और के साथ करने को मिला तो मजा नहीं आता क्या




 मैं - इतना तो नहीं आता जितना आप के साथ में आया




 भाभी - क्यों....ऐसा क्या है मुझे ?




 मैं - सबसे पहली बात तो की आप मेरी भाभी हो और ऊपर से आप इतनी खूबसुरत हो ना आपके एक कटाव बड़ी ही फुर्सत से तराशे हुई हैं इसलिय आपके साथ चुदाई करने में बड़ा मजा आया




 भाभी थोड़ा शर्मते हुए बोलिन "कुछ तो शर्म कर भाभी हूं तेरी...मेरे सामने ऐसे शब्द का इस्तमाल तो मत कर"




 मैं - भाभी... एक ही दिन तो है मेरे पास फिर कौन सा मैं आप से रोज़- रोज़ ऐसी बात करने वाला हूं




 भाभी - ठीक है बुरा कर ले नहीं तो ठंडा हो जाएगा




 मैं - आप नहीं खोगी क्या?




 भाभी - तू खा ले मैं नहीं जाने जा रही हूं फिर खाउंगी




 मैं - आप तो सबसे पहले नहीं लेते हो आज देर कैसे हो गई




 भाभी - मैंने तो नहीं लिया था पर अभी जो तूने मुझे गंडा कर दिया इसलिये अभी फिर से नहीं जाने जा रही हूं




 मुख्य - ठीक है




 फिर भाभी नहाने चली गई और मैं बुरा करने लगा ... मैंने थोड़ा सा ही ख्याल और उठा कर मैं भी बाथरूम पांच गया देखा तो और से कुंडली लगी हुई थी




 मैं - भाभी.....कुंडी खोलो ना




 भाभी - क्या है ?




 मैं - कुंडी तो खोलो तबी बताउंगा




 भाभी ने कुंडली खोली तो मैं भी बाथरूम में घुस गया




 भाभी - अरे चल बहार निकल नहीं आने दे मुझे




 मैं - भाभी... अब मेरा मन भी नहीं का हो रहा है




 भाभी - मुझे नहीं दे फिर नहीं लेना .... वैसा भी तू तो नशा कर रहा था न इतनी जल्दी हो गया नाशता




 मैं - हां.... मैने तो खा लिया लेकिन अब इसे भुख लगी है और ये खाना मांग रहा है (मैं अपने लुंड को पक्का कर भाभी को देखते हुए बोला)




 भाभी - तुझसे पहले तो उसे ही नशा दिया था न




 मैं - हां ... उसे ज्यादा भुख लगती है



 भाभी - ठीक है अभी नहीं दे फिर उपयोग पेट भर कर खाना खिला दूंगा




 मैं एक बांध भाभी के पीछे में गया और भाभी की कमर में हाथ दाल कर उन्हे पकड लिया मेरा लुंड उनकी छुट को स्पर्श करता हुआ उनकी जांघों के बीच में घुस गया




 मैं - भाभी....इसको तो अभी ही खाना चाहिए




 भाभी - iiisssshhhh ..... क्या कर रहा है




 मैं - इसकी भूल मिटाने की कोशिश कर रहा हूं




 लगता है अब इसे खाना खिलाना ही पढेगा कहते हुए भाभी पलट गई और नीचे बैठा कर उन्होनें मेरे लुंड को हाथ में पक्का लिया और इस्तेमाल हिलाने लगी




 कुछ डेर बाद भाभी मेरे लुंड के सिर को अपनी जीब चाटने लगिन मुझे बहुत मजा आया था मेरा लुंड झटके खाने लगा था... फिर भाभी ने थोड़ा थोड़ा मेरे लुंड अपने मुझे ले कर चुना शुरू




 पहले तो वो सिरफ लुंड के टॉप को चुनोती रही फिर उन्होन और ज्यादा और लेकर चुसना शूरू कर दिया कुछ ही डर में भाभी गपगप मेरे लुंड को अपने मैं में और बाहर करते हुए चुनें राही पतली




 फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने लुंड मुन्ह से बहार निकला दिया और खादी हो गई.....  एसएसएसएसश्ह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह्ह की सिसकारियां निकलने लगा




 मैंने भाभी की जांघों को पक्का कर थोड़ा फेलया तो उनकी छूत भी खुल गई और मैंने अपनी जिंदगी में उनमें दाल दी और छुट चाटने लगा आज मैं पहली बार भाभी की छुट चाट रहा था...




 मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था एक अलग ही स्वद मेरे मन को मिल रहा था और साथ ही साथ एक मधुर से खुशबू मेरी नाक में भर रही थी ...  मैंने छुट चटना बंद कर दिया और खड़ा हो गया




 मैंने भाभी के हाथ दीवार पर रखवा कर उन्हे झूका दिया और उनके पीछे आ कर चुन के होने को अपने लुंड से रागदने लगा




 फिर मैंने भाभी की कमर पक्कड़ कर अपना लुंड और घुसा दिया और 3 - 4 ढकके लगाये शूरु में तो मेरे ढकों से भाभी थोड़ा सा कसमसाई इसे बाद आराम से सिसकारी ले गए मेरे लुंड को ऐपनी चूट में लेने लगे




 मैं सात - सत् पीछे से अपना लुंड भाभी की छुट में पलते हुए बोला "ऊह्ह भाभी बड़ी खूबसूरत छूत है आपकी बहुत मजा आ रहा है"




 भाभी - iisssshhhhh ... तू इसे खूबसूरत रहने देगा या नहीं




 मैं - भाभी .... मैं से इस्को और ज्यादा खूबसूरत बना दूंगा




 भाभी - iiisssshhh .... sssshhhh ऐसे पीट - पीट कर ख़ूबसूरत बनायेगा




 मेरी जान और भाभी के छूत के मिलन से " फट - फट " की आवाज पूरे बाथरूम में गूंज रही थी मैं भाभी की चुनचियो को दबते हुए जोर से छूत में लुंड पेलने लगा




 कुछ ही डर में मेरे लुंड ने अपना गुसा ठुक दिया और मैंने अपना पूरा माल भाभी की छुट में भारते हुए झड़ गए.....थोड़ी डेर मैं भाभी के ऊपर ही झुका रहा...फिर मैंने अपना लुंड छू से बहार  खेंचा और शावर के नीचे खड़ा हो गया




 मैं शॉवर के नीच खड़ा हो कर पानी की ठंडी फुहार का मजा ले रहा था...  मेरा माल बहार निकला राही पतली




 भाभी ने जैसे से जोर लगा उनकी छुट से मेरा सफ़ेद गढ़ा पानी बहार को बहने लगा...




 मैं शावर से हट कर भाभी के पास आया और बोला "भाभी... मैं आप की छुट को साफ कर देता हूं"




 भाभी - नहीं ... मैं खुद कर लूंगी




 मैं - जब गंदी मैंने की है तो मैं ही साफ करूंगा




 ऐसा कहते हुए मैंने हाथ की बौछार उठा लिया और उसका दबाव तेज कर के भाभी की छुट पर मारने लगा पानी की धाए भाभी की छुट से तकरायी तो भाभी फिर से सिसकारियां लेने लगी




 मैंने भाभी की छुट को खोल कर और पानी की धार मारी तो भाभी कसमसते हुए गाल पदिन....इइश्च्स्ह सस्शः... आआह्ह्ह्ह... कमी छोड मुझे"




 मैं लगतार पानी की धार को छूत पर मरता रहा और साथ ही अपने हाथ से छूत को रागद भी रहा था......  मैं घुसा दी




 भाभी iiisssssshhh ...... औच्छ कहते हैं आगे को हुई ... मैंने उनगली को छुट में और बाहर करना चालू कर दिया .... थोड़ी देर में मैंने 2 उनगली और घुसा दी और तेज भाभी की छूत को  उनगली से चोदने लगा




 मैं तेज़ से भाभी की छुट में छूत कर रहा था और कुछ ही डर में भाभी की छुट ने सिकुदने और फेलना शुरू कर दिया.....  अंदर ही कास कर जकाद लिया




 भाभी का बदन कानप रहा था तब से फिर से ढीली हुई और अबी उसे मेरी उनग्लियों को बहार की तरफ ढकेलना शुरू कर दिया तो मैंने अपनी उनगली बहार निकला ली




 भाभी की टांगे जोर से कानप राही पतली वो ठीक से खादी नहीं रह पा रही पतली तबी उनका बदन झटके खाने लगा और उनकी छूत से रस बहने लगा...  धीरे - धीरे अपनी छुट को दबते हुए वहीं नीचे बैठे हैं




 कुछ ही पल में वो पूरी तरह से झड़ गई...उनका बदन भी कांपना बंद हो गया...भाभी खादी होती हुई बोली "इइइस्सशः...अब हो गई तस्ली या अभी और भी कुछ बाकी है  "




 मैं - अभी आपके साथ नहीं है




 ऐसा कहते हुए मैंने भाभी का हाथ पका कर उन्हे शॉवर में खेंच लिया फिर मैंने उनके पूरे बदन पर साबुन लगते हुए उनके बदन को खूब मसाला... भाभी ने मेरे लुंड पर साबुन लगा कर खूब मसाला... फिर हम  नाह कर बहार आ गए



भाभी का बदन कानप रहा था तब से फिर से ढीली हुई और अबी उसे मेरी उनग्लियों को बहार की तरफ ढकेलना शुरू कर दिया तो मैंने अपनी उनगली बहार निकला ली




 भाभी की टांगे जोर से कानप राही पतली वो ठीक से खादी नहीं रह पा रही पतली तबी उनका बदन झटके खाने लगा और उनकी छूत से रस बहने लगा...




 वो धीरे - धीरे अपनी छुट को दबाते हुए वही नीचे बैठे हैं




 कुछ ही पल में वो पूरी तरह से झड़ गई....उनका बदन भी काना बंद हो गया...भाभी खादी होती हुई बोली"

 iiissshhhhh...... अब हो गई तस्ली या अभी और भी कुछ बाकी है "




 मैं - अभी आपके साथ नहीं है




 ऐसा कहते हुए मैंने भाभी का हाथ पकड कर उन्हे शॉवर में खेंच लिया फिर मैंने उनके पूरे बदन पर साबुन लगते हुए उनके बदन को खूब मसाला... भाभी ने मेरे लुंडपार साबुन लगा कर खूब मसाला...  कर बहार आ गए




 




 मैं बहार सोफ़े पर नंगा ही बैठा और भाभी अपने रूम में चली गई... कुछ डर बाद वो रूम से निकल कर रसोई में चली गई...इसके थोड़ी देर बाद भाभी नश्ता ले कर आया और मेरे बगल में बैठा  कर खाते हुए बोलिन "तू भी करेगा क्या बुरा"




 मुख्य - हान .........




 भाभी - लेकिन ट्यून तो नहाने से पहले किया था न




 मैं - ठीक से नहीं किया था न




 भाभी - ठीक है ले इसी में से खा ले




 फिर भाभी और मैं अपने हाथ से एक दुसरे को खिलाड़ी लगे....नष्ट खत्म कर के भाभी उठ तो मैंने उनका हाथ पकड़ा और बोला "आप ने किस से पुछ कर कपड़े पहनने?"




 भाभी - क्यों अब क्या पहनेंगे ने के लिए भी तुझसे पडेगा क्या?




 मैं - हां.....आज तो मुझसे पूछ कर ही आप कोई काम कर सकती है




 भाभी - जी...जहाँपनाह...गुस्ताखी माफ़...लेकिन अब तो कपड़े पहनने लिए




 मैं - इस गुस्ताखी के लिए आपको सच मिलेगी....जरूर मिलेगी




 ऐसा कहते हुए मैंने भाभी को खिंच कर उनके पेट को अपनी जान पर पटक लिया और उनकी स्कर्ट पूरी ऊपर उठा दी … भाभी ने दुबारा से पेंटी नहीं पहनी थी




 मैंने भाभी के छुट-पुट पर एक ज़ोर दार थप्पड़ लगा... भाभी के गाल निकल गई....




 मैने भाभी की गांद पर थप्पड़ लगान जारी रखे और बोला "भाभी आप की वजह से मैं बहुत तड़पा हूं... अब आज पूरे दिन में आपको अपनी रंडी बना कर रखूंगा"




 करीब 15 - 20 तबदत्तोड़ थप्पड़ों के बाद मैंने उनके चुतदों की धुनाई रोक दी ... भाभी के गोरे - गोरे चुतड़ पूरे लाल हो गए थे .... फिर मैंने भाभी को छोड़ दिया ...  ..औच्छ...आय्यि करते हुए खादी हो गई




 मैंने भाभी को वापस जा कर ब्रा पेंटी भी जाने को कहा...भाभी अपने चुत मालते हुई चली गई और थोड़ी देर बाद वापस आ गई




 भाभी - लो पाहें कर आ गई .... अब




 मैंने "चित्तियां कलाइयां" गाना चालू कर दिया और भाभी को डांस करते हुए अपने कपड़ों को कहा... भाभी ने पहले तो माना कर दिया तो मैंने कहा "ये आपकी साजा है आप को करना पड़ेगा"




 भाभी - जी ....जहाँपनाह:




 फ़िर भाभी 'चित्तियां कलाइयां' गाने पर डांस करने लगें .... अनहोन डांस करते हुए अपनी टी-शर्ट उतर दी ... कुछ डर वो ऐसे ही डांस करती रही ... फिर भाभी ने पीछे झुकते हुए अपनी स्कर्ट भी  उतर दी और सिरफ ब्रा - पेंटी में मेरे सामने डांस करने लगिन




 थोड़ी देर बाद वो वापस घुम गई और उन्होन अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और सामने की तरफ पलट गई....मैं काम से उन देखता ही रह गया....फिर भाभी ने अपनी ब्रा की एक कंधे पट्टी नीचे खिस्का  दी और फिर दुसरी वाली भी निकला दी .....




 इसके बाद भाभी ने अपने हाथों से अपने छोचों को धनते हुए ब्रा खोल कर मेरे मुंह पर फेंक दी......




 मैंने भी ब्रा को सूंघ कर और चूम कर उनका अभियान किया... फिर भाभी वापस पीछे घूम गया और झुक कर अपनी पेंटी नीचे सरकाने लगन... भाभी के छूटा अभी भी लाल द अब भाभी वपास सामने घूम गया और  अपने हाथ हटा कर पूरी नंगी हो कर डांस करने लगिन




 थोडी डेर में गाना खतम हो गया और मैंने भाभी को सोफ़े पर बैठा बुला लिया...सामने टेबल पर 'नूतेला' रखा था... मैने भाभी से पूछा "आप नूतेला खोगी क्या"




 भाभी ने 'हां' कहा तो मैंने नूतेला का डिब्बा खोल कर एक उंगली से नूतेला निकला और अपने मैं में दाल लिया... फिर मैंने अपना मुंह खोल कर भाभी को इशारा किया




 भाभी ने कातिलाना मुस्कान दी और अपनी जिंदगी निकाल कर मेरे मैं दाल दी ... फिर हमने एक लंबा स्मूच किया ... इसके बाद मैंने फिर से नूतेला का डिब्बा उठा और अपने खड़े लुंड को उसमे डबा में...




 भाभी ये देख कर हंसने लगे और बोलिन "तू ना पूरा पागल है"




 फिर भाभी झुक कर मेरा लुंड चाटने लगा...भाभी अपनी जीवन से मेरे लुंड पे लगा नूतेला धीरे - धीरे बड़े ही बड़े ले कर चाट रही पतली... कुछ ही डर में भाभी ने मेरे लुंड पर लगा और फिर चाट लिया




 मैंने दुबारा से लुंड को दिब्बे में दुबया और मेरे लुंड से नूतेला भाभी के चूंचों पर लगा दिया और चाटने लगा...  ...इस्के बाद मैंने भाभी की छुट को चाट कर नूतेला बहुत ज्यादा मजा आया




 इस्हाह बाद मैंने भाभी को उठा और दीवार के सहे चिपका कर खड़ा कर दिया और सामने की तरफ से भाभी की छुट में लुंड दाल दिया और उन दीवार से चिपका कर छोडने लगा भाभी के मुंह से...




 मैंने थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई की इसके बाद मैंने भाभी को टेबल पे झुका कर घोड़ी बना कर छोडने लगा...  भाभी की लगार चीख निकल रही थी ... iiissshhh ... sssshhh ... आआ ह्ह्ह्ह् ..... आआआह्ह्ह्ह




 कुछ डर डॉगी पोज में छोडने के बाद मैंने भाभी को नीचा फरश पर लेटा दिया और मिशनरी स्टाइल में लुंड भाभी की छुट में घुसा दिया और जाम कर छोडने लगा




 भाभी - iiisssshhh ... sssshhhh ... आह काम से कम फ़र्श पर कुछ बिचा तो लेटा




 मैं - भाभी..... अभी उसके लिए समय नहीं:




 मैं तेज़ से घपघप भाभी की छुट में लुंड पेल रहा था लगभाग 5 मिनट की चुदाई के बाद भाभी बुरी तरह से चीखने लगिन और मेरी पीठ नहीं लगाने लगी। मेरी चुदाई की रफ़्तार बहुत तेज़ थी




 भाभी - आउच्छ ... आआह्ह्ह्ह ... इइइश्च्स्ह ... आआआह्ह्ह्ह ... विशु




 मैं - क्या हुआ .... भाभी ?




 भाभी - आआआह्ह्ह्ह ... मुझे दर्द होने लगा है धीरे कर




 मुख्य - बस 2 मिनट और फिर हो जाएगा




 मैंने वैसा ही तेजी से भाभी को छोडना जारी रखा .... जब मेरा माल निकलाने वाला था तो भाभी ने लुंड बहार निकला और नूतेला का डिब्बा उठा कर मेरे लुंड को हिलाने लगा




 मैं - भाभी .... ये क्या कर रही हो ?




 भाभी - ये मेरे लिए है इसे सिरफ मैं ही खाउंगी




 ऐसा कहते हुए भाभी ने मेरे लुंड को हिलाना जारी रखा ..... कुछ ही डर में मेरे लुंड से गढ़ा वीर्य निकला जिस भाभी ने गरीब नूतेला के डिब्बे में निकलवा लिया और इस्तेमाल किया नूतेला में अच्छे से मिला लिया




 मैं बहुत थाक गया था और वही फ़र्श पर ले गया...भाभी मेरे देखे पर हाथ फिरते हुए बोलिन "विशु...ऐसे सपने देखता था भी...मेरे साथ?




 मैं - भाभी.... ये तो ट्रेलर है... अभी तो पूरी तस्वीर बाकी है




 भाभी - अच्छा .... जा रूम में जा कर बिस्तर पर आराम कर ले यान्हा नीच मत चलो ... कितना थाक गया है




 मैं - ठीक है भाभी




 फिर भाभी नूतेला का डिब्बा ले कर किचन में रखने चली गई और मैं रूम में आ कर ले गया









 


 भाभी ने मेरे लुंड को हिलाना जारी रखा ..... कुछ ही डर में मेरे लुंड से गढ़ा वीर्य निकला जिसे भाभी ने पूरा

 नूतेला के डिब्बे में निकलवा लिया और इस्तेमाल नूतेला में अच्छे से मिलालिया




 मैं बहुत थाक गया था और वही फ़र्श पर ले गया...भाभी मेरे देखे पर हाथ फिरते हुए बोलिन "विशु...ऐसे सपने देखता था भी...मेरे साथ?




 मैं - भाभी.... ये तो ट्रेलर है... अभी तो पूरी तस्वीर बाकी है




 भाभी - अच्छा .... जा रूम में जा कर बिस्तर पर आराम कर ले यान्हा नीच मत चलो ... कितना थाक गया है




 मैं - ठीक है भाभी




 फिर भाभी नूतेला का डिब्बा ले कर किचन में रखने चली गई और मैं रूम में आ कर ले गया








 मैं अपने काम में ले गया था ... भाभी बहुत डर बाद नंगी ही मेरे कामरे में आई ... भाभी को देखते ही मैं उठा कर बैठा और पूछा "आप क्या करने लग गई पतली इतनी डर तक"




 भाभी - बाथरूम में थी तूने गंडा जो कर दिया था साफ कर रही थी




 मुख्य - अच्छा.......




 भाभी ने कामरे को अच्छे से देखा... मैंने कामरे के परदे लगा रखा था और सिरफ एक लाल रंग का जीरो बल्ब जला रखा था... मैने सीलिंग फैन लटकने वाले हुक से एक रस्सी लटका राखी थी




 भाभी - ये रस्सी किस लिए....विशु ?




 मैं - अभी बताता हूं भाभी....आप है रस्सी के नीचे खड़े हो जाओ




 भाभी रस्सी के नीच खादी हो गई ... मैंने भाभी के दो हाथ ऊपर कर के रस्सी से बांध दिए और भाभी की आंख पर पट्टी बांध दी




 फिर मैंने एक मोरपंख उठा और भाभी के नांगे जिस्म पर धीरे-धीरे फिरने लगा




 मैने भाभी के चेहरे से फिर हुए मोरपंख को भाभी के निपल्स पर फेरा और फिर नाभि से फिर से नीचे जाने पर फिर लगा




 भाभी बुरी तरह कसमसा रही पतली...... फिर मैंने भाभी की छूत पर मोरपंख फेरा तो भाभी बुरी तरह सिसकारियां लेने और अपनी टांगे सिकोड़ने लगी...  .iiisssshhh....मत कर




 मैंने मोरपंख को भाभी के गरीब बदन पर घुमाया उन्हे बहुत गुडगुडी हो रही थी....इसके बाद मैंने मोरपंख एक तार रख दिया और एक रेशमी कोड़ा (शिकारी) उठा लिया।




 अब मैं भाभी के पीछे गया और कोड़े को भाभी की गांद पर फिर लगा... फिर मैंने कोड़े से एक जोरदार शॉट भाभी की गांद पर मारा...




 फिर मैंने कोड़े को भाभी की चोंचो पर फर्ना शूरु कर दिया और फिरते हुए चुनियों के नीचे एक शॉट लगा भाभी फिर से गाल पदिन आउच्छ आआह्ह्ह्ह्ह...




 अब मैं भाभी की जान पर कोड़े को फ़र्ने लगा और एक ज़ोरदार शॉट भाभी की छूत पर मारा है बार भाभी बहुत जोर से गाल पदिन आउच्छ... आआह्ह्ह्ह




 मैंने भाभी के होते अपने होते हैं मैं भर लिए और भाभी के हाथ खोल दिए और भाभी को बिस्तर पर देता दिया और मिशनरी स्टाइल में भाभी के ऊपर चढ़ कर मुझे लुंड घुसा दिया पहले ही ढकके में भाभी बोल पड़ी "आउउच्छ"  और कितना छोडेगा छोड - छोड कर छुट में दर्द होने लगा है"



 मैं - भाभी..... आप चीज ही ऐसी हो की मन ही नहीं भर रहा है




 भाभी - iiissshhh ... आआह्ह्ह ... मन नहीं भर रहा तो क्या मेरी छुट को भरता रहेगा



 मैं - हां.... विचार तो कुछ यही है




 भाभी ने 'आा' कहने के लिए जैसे ही मैं खोला मैंने अपनी जीभ उनके मुंह में दाल दी और उनके होने को अपने होने से सील कर दिया .... फिर भाभी के बदन को अपने बदन एसडी दबाते या हुए जोर -  लगा




 मेरे ढक्कों से पलंग हिल रहा था .... भाभी चीख रही पतली लेकिन उनके गाल मेरे मैं में गी घुट्ट कर रह गई और मैं उन खूब जोर से छोडने लगा ... करीब 10 - 15 मिनट तबादतोद धक्के लगाने के बाद में भाभी के  अंदर ही झड़ गया.................




 कुछ डर बाद मैंने लुंड भाभी की छुट से निकला और उनके बगल में जाने दिया.... हम दोनो की सांसें तेज - तेज चल रही पतली ... हम बहुत ठक गए और थकन की वजह से हम दोनो को जल्दी ही नींद  आ गई




 मैं शाम के 5 बजे उठा देखा तो भाभी अभी भी सो रही पतली मेरी नजर उनकी छूत पर गई....  ......




 मैंने चुप चाप अपना पायजामा और भाभी के लिए एक सातिन की पेंटी और एक लंबी शर्ट निकला कर बिस्तर पर रख दिया....अब मैं नीचे रसोई में गया और मैगी बनाने लगा




 जब मैं मैगी तयार कर के खाने की मेज पर बैठा .... तब भाभी सीढ़ियां उतर कर नीचे आईं ... भाभी लंबी शर्ट में 'विक्टोरिया स्ट्रीट' की किसी मॉडल से कम नहीं लग रही पतली ... भाभी ने मुझे मुस्कान  दी और मेरे बिना कहे आ कर मेरी जान पर बैठ गई




 भाभी - अकेले - अकेले ही खा रहा था




 मैं - आप की राह ही तो देख रहा था अकेले खाना होता तो अब तक खतम कर दिया होता .....




 भाभी - ठीक है चल खिलाड़ी अब मुझे




 मैंने काँटे से भाभी को मैगी खिलाते हुए बोला "भाभी... आप थक गई होंगी...आओ आराम से दूसरी सीट पर बैठ सकती हैं"




 भाभी बे मुझे छूते हुए कहा "नहीं... मुझे तो मेरे प्यारे देवर की भगवान में ही बैठना है... हां अगर भी थाक गया है तो बता दे उठ जाऊंगी"




 मैं - नहीं....आप बैठी रहो !  अच्छा ये बताता कैसा लगा आपको?




 भाभी - सच बातें ... मुझे बहुत मजा आया ... मैंने ये सब पहले कभी नहीं किया था




 मैं सिर्फ मस्कुरा दिया, फिर हम मैगी खतम करके कामरे में चले गए




 मैंने शाम के लिए खाना भी ऑर्डर कर दिया...मैं भाभी के लिए जितनी भी ब्रा पेंटी लाया था सब भाभी को दे दी...




 भाभी - तूने क्या ब्रा - पेंटी की पूरी दुकान ही लूट ली?




 मैं - आप ही तो कहती पतली एक ही जोड़ी बच्ची है आप के पास इतनी सारी आप के लिए ले आया




 भाभी - वो तो पुरानी बात थी




 मैं - मैं तो ले आया अब आप की इच्छा आप रखूंगा या मात रखूंगा




 भाभी - क्यो नहीं रखूंगी !  मेरा देवर इतने प्यार से जो लाया है 'धन्यवाद'




 मुख्य - आपका स्वागत - आओ




 भाभी - चल मैं तुझे ये सब ब्रा पेंटी पेहन कर दीखाती हूं




 इस्के बाद भाभी ने सारी ब्रा पेंटी मुझे पेहन कर दिखें....तभी दूर घंटी बाजी... हमारा खाना आ गया था.... हमने साथ में डिनर किया...




 इसके बाद भाभी बोलिन "अब क्या करना है... विशु ?




 मैं - कुछ नहीं भाभी




 भाभी - बस हो गया तेरा..... चल तेरे लिए एक सरप्राइज है मेरे पास ... तू यहीं रुक जब मैं आवाज दूंगा तुझे तब आना




 मैं - ठीक है ......




 इसके बाद लगभाग 20 - 25 मिनट बाद भाभी ने मुझे आवाज लगायी.....मैं भाभी के काम में गया....तो मैंने देखा भाभी के काम में केवल एक जीरो वाट का बल्ब जल रहा था




 भाभी बिस्तर पर एक लाल साड़ी में बैठी पतली और बिस्टर पर गुलाब की पंखुड़ियां बिखरी हुई पतली .........




 मैंने भाभी का घूंघट उठा और एक लंबा स्मूच किया....फिर मैंने भाभी को खड़ा किया और उनकी साड़ी खोल दी....अब मैंने खड़े-खड़े ही भाभी के ब्लाउज के हुक खोले और ब्रा को ऊपर कींच कर भाभी की छुंची  को चुना लगा ......




 मैं भाभी के निपल्स को काटने लगा और उनके बड़े - बड़े चूंचों को हाथ से दबाने लगा




 फिर मैंने निप्पल से मैंने हटा लिया और भाभी की चुनियों को जीब से चाटने लगा और निपल्स को छुटकी में पका कर घुमाने लगा... फिर मैंने चुनियों से नीचे भाभी के पेट को चाटे हुए नाभि पर आ गया




 मैं भाभी की नाभि को जीभ से चटने लगा बीच - बीच में मैंने एक दो बार पेट पर दांत गड़ा दिए साथ में ही निपल्स को भी घुमाना जारी रखा भाभी कसमसा रही पतली




 फिर मैं नाभि से नीचे आया और भाभी के पतिकोट का नारा दांत से पका कर खींच दिया नारा खींचते ही पतिकॉट भाभी के जोड़े में गिर गया और भाभी अब सिरफ एक पेंटी में रह गई




 अब मैंने भाभी को बिस्टर पर लिया और उनकी पेंटी को एक साइड में कर दिया और छोटू को अपनी जिंदगी से चाटने लगा...  हो गई थी.....मैंने उनकी छुट को दो उनगली से खोला और अपनी जीवन और घुसा दी और चाटने लगा .........




 भाभी ने बेडशीट कास कर पकड ली और नोचने लगिन .... मैं जीभ को छुट के अंदर - बहार करने लगा और साथ में उनके निपल्स को नरोदना जारी रख .....




 फिर मैं उनके बगल में मुझे गया ….. भाभी खादी हुई और उन्होनें अपने बदन पर बचे हुए पूरे कपड़े उतरे दिए और पूरी नंगी हो गई… फिर भाभी ने मेरा पायजामा उतरा और मेरा लुंड चुनने लगा..  ....




 फिर भाभी मेरे ऊपर बैठा और उन्होन अपने एक हाथ से मेरा लुंड पक्का और दसरे हाथ से अपनी छुट कर लुंड को अपनी छुट में घुसा लिया और आगे पीछे आने वाले इसके साथ ही मेरा लुंड उनकी छूत में लगा हूं ....  ....




 कुछ डर बाद मैंने भाभी की कमर पक्का कर नीचे से कमर ऊंचा कर मुझे लुंड पालन चला कर दिया और भाभी भी अपनी कामत को पीछे ढकेल कर अपनी छुट में लुंड लेने लग...




 करीब 5 मिनट तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा और एक कंडोम ले कर भाभी के सामने आ गया...  ....




 मैं भाभी के पीछे गया और उनकी गांद के सुरख को जीब से चाटने लगा ..... भाभी ने पूछा "विशु ..... ये क्या कर रहा है भी ?




 मैंने कुछ नहीं कहा और चुप चाप गान के सुरख को छत्ता रहा ..... फिर में तेल की बोतल ले कर आया और भाभी की गांद पर तेल लगा दूंगा ... मैंने भाभी के गांद के सुरख को अच्छे से दूर में  गिला कर दिया .......




 अब मैंने अपने लुंड की टोपी भाभी की गांड के छेद पर लगा दी...




 भाभी - प्लीज....विशु...उधार मत करो।बहुत दर्द होगा मुझे...मैं वहां से वर्जिन हूं




 मैं - अब कुंवारी नहीं रहूंगी आप



 ऐसा कहते हुए मैंने अपना लुंड भाभी की गान में घुसा दिया... लुंड के गान में भूते ही भाभी और मैं दोनो ही जोर से गाल पाए....  गया था............




 मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मैंने ढाके लगाने शुरू कर दिए और भाभी की गांद मारने लगा... भाभी का दर्द के मारे बुरा हाल हो रहा था वो खराबशीट नूच रही पतली और प्लीज...  .मत करो...बहुत दर्द हो रहा है...आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ये'ये गाल रही थी.




 भाभी की गांड बुरी तरह मेरे लुंड को जक्कड़ रही थी और मैं ज्यादा डर भाभी की गान में नहीं रुक पाया और मैंने अपना माल छोड़ दिया... झड़ने के बाद मैंने अपने लुंड से कंडोम हटा और भाभी के बगल में जाने दिया।  ........




 भाभी की आंख में आंसू आ गए थे...मैंने भाभी को अपने पास सरकार और उनके आसू को पेशाब गया...फिर मैंने थोड़ी देर उनके होने को चूमा इस्के बाद मैं उने बहों में भर कर सो गया...  ......



 मैं सुबा उठा तो देखा भाभी पहले ही उस छुकी पतली... मैंने कपड़े पहनने और नीचे आया...भाभी रसोई में पतली मैं भी रसोई में आ गया और भाभी को 'सुप्रभात' कहा




 भाभी-उठ गया भी चल जल्दी से ताजा हो जा फिर चाय देता हूं तुझे




 मैं - जी .... भाभी




 मैं फ्रेश हो कर बहार आया तो भाभी ने मुझे चाय ला कर दी...मैं बिस्किट लेने के लिए किचन में गया और मैंने भाभी से पूछा "भाभी..... बिस्किट कहा पर रखे हैं"




 भाभी जहां पर खादी पतली वहां की ऊपर वाली शेल्फ की तरफ इशारा करती हुई बोलिन "इधर रखे हैं"




 मैं - भाभी निकला दो ना




 भाभी - तू ही निकल ले मेरा हाथ वहां तक ​​नहीं जात




 मैंने बिस्किट निकले के लिए हाथ ऊपर किया लेकिन नेरा हाथ थोड़ी दूर पर ही रह गया... फिर नने जोड़े के उनगलियो पर खड़ा हो कर ट्राई की तो थोड़ा हाथ करीब पहंचा, तबी मेरा बैलेंस बड़ा गया और मैं गिरने लगा




 मैने हड़बड़ी में हाथ से खुद को संभलने के लिए आगे बढ़ा तो मेरा हाथ भाभी के धारक पर आया और मैं पीछे से पूरा उनसे चिपक गया.. मेरा सोया हुआ लुंड भाभी के छोटा पर दब गया...




 भाभी के छुटड़ से लुंड तकराने पर एक लहर सी मेरे बदन में दौड़ गई और मेरा सोया लुंड भाभी के चूतड़ की गरमी पा कर खड़ा होने लगा.....




 मैं हल्के से भाभी के धारक को दबाने लगा और छोटा पर लुंड को दबाने लगा तबी भाभी बोलिन "ये क्या हो रहा है"




 मैं - भाभी...मैं गिरने वाला था तो आपका सहारा ले कर खुद को संभल लिया




 भाभी - अब तो नहीं गिर रहा ना तो चल अब दूर हट




 मैने लुंड को छोटा पर और दबया और बोला "भाभी ऐसे ही रहने दो ना बड़ा अच्छा सा लग रहा है"




 भाभी - नहीं ... मैंने तुझे एक दिन का वादा किया था जो मैंने पूरा कर दिया है अब मैं और कुछ नहीं करूंगी




 मैं - भाभी .... मैं इसके अलावा कुछ नहीं करुंगा सिरफ ऐसे ही कपड़ों के ऊपर से ही करुंगा




 भाभी पहले तो काफ़ी डेर तक मना करती रही... फिर उन कपड़ों के ऊपर ही करने की इज़ाज़त दे दी ... मैं भाभी की जान को सहलाते हुए लुंड को उनके छूत पर रागदने लगा




 भाभी ने सलवार सूट पहनना था फिर मैंने हाथ ऊपर ले जा कर भाभी की चुनियों को कपडों के ऊपर से दबाने लगा... मैं कपड़ों के ऊपर से भाभी की गांद पर धीरे-धीरे ढका लगाने लगा




 मैंने भाभी को करीब 10 मिनट तक ऐसे ही मसाला इसके बाद मैं वापस चल दिया अभी में रसोई की दहलीज तक ही पहंचा था की भाभी बोलिन "अब कहां चल दिया"




 मैं - बस यहीं बहार जा रहा हूं




 भाभी - अब मुझे गरम कर दिया है तो ठंडा कौन करेगा




 ऐसा कहते हुए भाभी ने अपनी सलवार का नादा खिंच दिया और सलवार नीचे जोड़ी में गिर गई ... फिर भाभी ने झुक कर टांगे फेलायिन और मेरी तरह देखते हुए बोलिन "आज अब क्या सोचा लग गया"




 मैंने भी जल्दी से अपना पजामा उतरा और जा कर पीछे से भाभी की छुट में लुंड पल दिया और ढकके लगान लगा शुरू के 3 - 4 ढकोन में भाभी की हल्की से गाल निकली इस्के बाद वो मजा से iiissshhhh...  .....आह्ह्ह्ह्ह्ह की सिसकियां लेटे हुए लगाने लगा




 भाभी चुदवाते हुए बोलिन "विशु ... मैं है ना एक बात सोच रही थी"




 मैं - क्या सोच रही पतली आप ?




 भाभी - जैसे तुझे सरप्राइज मिला है वैसा ही तेरे दोस्त को भी सरप्राइज मिलना चाहिए ना




 मेन - उस्को क्योन ?




 भाभी - उसे भी तो पढाई में तेरी मदद की थी ना अगर वो मदद नहीं करता तो इतने अच्छे से पढ़ायी कर पाता क्या




 मैं - लेकिन आपने हमें से थोड़ी न वादा किया था




 भाभी - वादा नहीं किया तो क्या हुआ इनाम का हकदार तो वो भी है




 मैं - अब आपकी जैसी इच्छा मुझे क्या करना है




 भाभी - क्यों नहीं करना मैं तेरी भाभी नहीं हूं क्या




 मैं अब भाभी को धीरे-धीरे छोड़ रहा था




 मैं - आप ही नहीं मान रही हो मैं तो कह रहा हूं इसकी कोई जरूरत नहीं है




 तबी भाभी एक दम से हंसते हुए बोलिन "हा..हा...हा...जालं हो रही है क्यो देवर जी है ना"




 मैं - मुझे कोई जालान नहीं हो रही




 भाभी - अरे देवर जी नारज क्यों होते हैं मैं ऐसा कुछ नहीं करुंगी तुम्हारे साथ करने में ही 100 बार सोचना पड़ा किसी और के साथ तो सोच भी नहीं शक्ति




 मैं - तो फिर आप ये सब क्यो बोल रही पतली




 भाभी - वो इसलिय कह रही थी की मैं देखना चाहती थी तुझे जलान होती है या नहीं और तुझे जलान हुई..हा...हा..हा




 मैं - भाभी....असली जालान तो अब आप को होने वाली है




 भाभी - मुझे जालान क्यों होगी?




 मैं - अभी पता चल जाएगा




 इतना कह कर मैंने भाभी के जोड़ी आपस में चिपका दिए जिस से उनकी छुट टाइट हो गई....  .




 मेरी जांघ और भाभी की चूतड़ के तकराने की आवाज गरीब रसोई में गूंज रही थी...  ....विशु की आवाज निकल रही थी




 मैं - क्यों .... भाभी हो रही है न अब जालान या नहीं?




 भाभी - हां ... आआह्ह्ह्ह .... कृपया तांगे तो खोलने दे ...




 मैं - नहीं.... ये मुझे चिढ़ाने की साजा है




 मैंने बिना रुके करीब 10 मिनट तक भाभी की चुटकी की जाम कर ठुकाई की फिर मैं उनके अंदर ही झड़ गया हम दोनो ही हनफ रहे थे कुछ डर बाद मैंने लुंड बहार निकला और फिर रसोई से बाहर निकला आया




 इस्के बाद हमें दिन मैंने भाभी को 4 बार और छोटा... भाभी ने हर बार का मेरे लुंड का रस नूतेला के डब्बे में निकलवा कर अपने पास रख लिया...इसके अगले दिन भी भैया नहीं आए और भाभी ने हम दिन  भी मुझसे छुडाई करवा ली......




 इसके बाद भैया वपस आ गए और हम पहले की तरह ही देवर - भाभी बन गए और हमारा रिश्ता पहले की ही तरह हो गया...कुछ दिन बाद मैं मुंबई इंजीनियरिंग की पढाई के लिए चला गया....भाभी से कभी  - कभी फोन पर बात हो जाती थी....लेकिन सिर्फ पढाई के विषय में ही... अब हम ऐसी वैसी कोई बात नहीं करते थे।




 मुझे मुंबई गए 2 - 3 अच्छे हो गए थे .... एक दिन भाभी ने फोन लगा और बोलिन "तू घर कब आ रहा है"




 मैं - भाभी... अभी छुट्‌टी कहां मिल जाएगी... आगर छुट्‌टी ली तो पढाई में पिचड़ जाउंगा




 भाभी - अरे सिर्फ 3 दिन की छुटटी ले कर आ जा सब से मिल कर चले जाना




 मैं - भाभी.... अभी संभव नहीं है




 भाभी - ठीक है ... मत आ मुझे क्या ... तेरा ही जन्मदिन है ... इस्ली तेरे भैया ने कहा था तुझे यहां बुलाने के लिए




 तबी मुझे भी ध्यान आया की मेरा जन्मदिन आने वाला है




 मैं - ठीक है.... भाभी आ जाउंगा




 भाभी - नहीं ... अब भी मत ही आ ... तेरे भैया से कह दूंगी की वो तो वहां जा कर हम सब को भूल गया




 मैं - भाभी .... नारज ना हो ... मैं जरूर आउंगा ... पढाई तो हो ही जाएगी




 भाभी - हां ... मुझे भी पता है तेरी वहन कौन सी पढाई होती होगी




 मैं - नहीं .... भाभी आपकी संगत में अब मैं सुधार गया हूं




 भाभी - चल ... अच्छी बात है ... अब मैं फोन रखती हूं ... बहुत 2 दिन बाद आ ही जाना



 मैं - जी ..... भाभी




 फिर मैं 2 दिन बाद मुंबई से जयपुर अपने घर आ गया... यहां आ कर पता चला की भाभी को इमरजेंसी में अपने मायके जाना पड़ा... मैने भाभी को फोन लगा और कहा "वाह....  भाभी मुझे बर्थडे का बोल कर यहां बुला लिया और खुद वहां जा कर बैठा हो"




 भाभी - 'सॉरी' .... विशु यहां पापा की तबियत अचानक से बहुत बड़ी गई थी इसलिय मुझे आना पड़ा




 मैं - 'इट्स ओके' भाभी अब कैसी है उनकी तबियत




 भाभी - अभी पहले से ठीक है लेकिन हॉस्पिटल में ही है




 मैं - वो जल्दी ही ठीक हो जाएंगे आप अच्छे से उनका ख्याल रखना और अपना ख्याल भी रखना




 भाभी - 'फिर से सॉरी'




 मैं - कोई बात नहीं भाभी




 इसके बाद घर पर पापा - मम्मी, भैया और मैंने केक काट कर बर्थडे मनाया और फिर में अपनी पढाई के लिए मुंबई आ गए...समय कैसे निकलाता है पता नहीं चलता...




 मुझे मुंबई आए 6 माहे हो गए थे और दिसंबर में मेरे पहले सेम के एग्जाम हो गए...इसके बाद मुझे एक माहे की छुट्टी मिली...मैं अपनी छुट्टियां बिटाने अपने घर आ गया...  ...




 मेरे घर पर सब लोग बहुत खुश हुए कुछ दिन ऐसे ही बीट गए....तभी गांव से एक दिन चाचा के फोन आया...चाचा ने बताया "हमारी पुश्तेनी जमीन का जो विवाद काफी समय से अटका हुआ था....  उसका फैसला होने वाला है....तो आप लोग भी आ जाओ....आप दोनो को भी कागज पर दस्तक देंगे"




 पहले पापा - मम्मी को गानव ले जाने का काम मेरे जिम्मे आ रहा था...लेकिन भैया को एक साल में जो 15 छुट्टियां मिली पतली...उनमे से 5 दिन की छुट्टी पेंडिंग थी और अब साल के एंडिंग मी  भैया ने वो ले लिथिन.....तो भैया बोले "विशु.....तू रहने दे वैसे भी कफी दिन बाद घर आया है...तू घर आराम कर...मैं पापा - मम्मी को ले जाता हूं  "




 पापा ने भी भैया की बात पर सहमती जटायी और बोले "हां...विशु अभी छोटा ही है...उसको इन मामलों से अभी दूर ही रहना चाहिए"




 अब पक्का हो गया था की भैया ही पापा और मम्मी को लेकर गान जाएंगे......उन्को सुबह जल्दी निकलना था क्योंकी हमारे गणव तक सिरफ एक ही बस जाति थी सुबाह मैं काफ़ी डर तक सोता रहा...मेरी  ज़रूरत तब टूटी जब भाभी ने मेरे ऊपर थोड़ा सा पानी डाला




 भाभी - उठ जा मेरे कुंभ करण अब क्या सबसे ज्यादा डर तक सोने का रिकॉर्ड बनाना है हा....हा...हा...हा




 मैं उठ कर बैठे हुए बोला "मम्मी - पापा चले गए क्या"




 भाभी - नहीं ... तेरी राह देख रहे हैं कि तू उठ तो वो जाने




 मैं उठा कर नीचे नीचे भागा पर नीचे कोई नहीं था ... तब भी पीछे से भाभी हंसते हुए और बोली "हा....हा.....हा...मेरे प्यारे देवर जी वो लोग तो कब  के चले गए.... जरा घाडी देखो 9 बज रहे हैं अगर रुकते तो आज जा भी नहीं पाते.... चलो अब जल्दी से नहीं लो"




 मैं - जी ..... भाभी




 फिर मैं नहा कर आया तो भाभी मेरे लिए चाय ले आईन... मैंने चाय पी और कप रखने के लिए रसोई में गया तो भाभी कुछ बना रही पतली ... भाभी ने एक गुलाबी रंग का कुर्ता और लंबी पैरों वाली हुई थी




 मैंने भाभी की तरफ देखा उनकी लेग्गी में चुप हुए छोटे से पहले से थोड़े बड़े से लग रहे थे .... मुझे थोड़ी सी शरत सूझी और मैं भाभी के पास में गया और उनके छूत पर हाथ रखता था बन गया "भाभी  "




 भाभी ने मेरे हाथ रखने पर कुछ नहीं कहा और बोलिन "आलू के परांठे... खयेगा ना या कुछ और बना दूं"




 भाभी के छोटा पर हाथ फिरते ही मुझे पता लग गया की मेरा और आजा बिलकुल सही है भाभी की गांड का आकार पहले से थोड़ा बढ़ गया था...




 मैं अब एक बांध भाभी के पीछे खड़ा हो गया और थोड़ा उनसे चिपकता हुआ बोला "भाभी....आप तो जो भी खिला दो मैं खा लूंगा"




 भाभी - अच्छी बात है मुझे ज्यादा महनत नहीं करनी पड़ेगी




 अब मैं थोड़ा और ज्यादा भाभी से चिपक गया और मेरा लुंड भाभी की गांद के बीच में जा लगा तो बार भाभी बोल पड़ी "ये क्या हो गया है ..... तू भूल गया क्या की हमारे बीच क्या समझौता हुआ था"




 मैं - याद है ..... भाभी




 भाभी - तो फिर ये सब क्या है




 मैं - कुछ भी तो नहीं




 ऐसा कहते हुए मैंने पजामे के अंदर लुंड को सीधा नुकीला बनाया और इस बार जोर से भाभी की गांद की खाई में दबा दिया




 भाभी - iiiisssshhhhh ..... विशु अब ये क्या हटकर है




 मैं - भाभी....आप में कप्तानों में बहुत ही सेक्सी लग रही हो




 भाभी - अच्छा .... कप्तानों में ऐसी क्या खास बात है?




 मैं - भाभी...ये कपड़े आप की बॉडी पर इतने फिट आ रहे हैं जिस से आप बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही हो




 भाभी - अच्छा .... क्या अच्छा लग रहा है तुम्हें में कपड़ो में




 मैं भाभी की चोंचियों पर हाथ रखता हुआ बोला "ये" फिर मैंने अपना कमर से तेज झटका भाभी की गांद पर दिया और मेरा लुंड पजामे में से भाभी के छूत के बीच की दरर में घुस गया




 भाभी - iiiissssshhhh .... ssssshhhhh ... तुझसे थोड़ा साबर नहीं होता क्या गरीब योजना पर पानी फेर दिया




 मैं - कैसा प्लान ..... भाभी ?




 भाभी - तुझे गिफ्ट देने का




 मैं - किस चीज का गिफ्ट ?




 भाभी - तेरे बर्थडे पर है बार कोई तोहफा नहीं दे पाई थी ना और याहा थी भी नहीं तो मेरी तरफ से 'सॉरी' और गिफ्ट देना था




 मैं - तो अब दे दो ना क्या तोहफा है ?




 भाभी - अब क्या दूं तू पहले से ही तो ऊपर चढ़े जा रहा है




 मैं - भाभी .... साफ - साफ बताता न आखिर गिफ्ट क्या है ?




 भाभी - ठीक है....बतती हूं....थोड़ा पीछे हट




 मैं थोड़ा पीछे खिसक गया और तबी भाभी ने अपनी लेग्गी नीचे सरकार दी और बोलिन "ले ये रहा तेरा गिफ्ट"




 मैं - भाभी.... मुझे याकेन नहीं था की मुझे दोबारा ऐसा मौका मिलेगा




 भाभी - नहीं मिला .... लेकिन तुझे सॉरी कहने का और गिफ्ट के लिए मुझे इस से अच्छा कोई आइडिया नहीं मिला




 मैं - भाभी..... मेरे लिए इस से बड़ा और कोई तोहफा हो भी नहीं सकता




 भाभी - अब तोहफा लेगा भी या सिर्फ देख कर ही खुश होता रहेगा




 मैं - हां.... भाभी जरूर लूंगा




 मेरे सामने ही खाना बनाने के तेल का डब्बा खुला हुआ रखा था..... मैंने एक छम्मच तेल लिया और भाभी की गांद के छेद पर लगान लगा




 भाभी - बहुत आज फिर उसके पीछे पद गया वहा मत कर प्लीज




 मैं - भाभी... मेरे लिए उपहार याहि होगा...आगे आप की मर्जी अगर आप न कहोगी तो नहीं लेता




 भाभी - ठीक है.... ले ले आज तेरा तोहफा




 फिर मैंने थोड़ा तेल अपने लुंड पर भी लगा और भाभी को झुका कर उनकी गांड के छेद पर लुंड की टोपी रख दी फिर मैंने भाभी की कमर पकड कर जैसे ही लुंड को और डाला हम दोनो के ही मुंह से...  ..




 भाभी की गांद आज भी उतनी ही तंग थी जितनी की पहली बार में थी मेरा लुंड और पूरा जकाद सा गया था .. मैंने कमर पक्का कर धीरे- धीरे लुंड को और अंदर डाला तो भाभी की गाल और जोर से।  ..आआउउउच्छ्ह्ह्ह ....विशु ... बहुत दर्द हो रहा है ........ आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ःह्ःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् और याद्ध इसे इसे इसे करना चाहिए.




 मैं भाभी के ऊपर झुक गया और उनके होने चुनें हुए मैंने अपना पूरा लुंड भाभी की गांद में घुसा दिया …




 मैं भाभी के ऊपर झुका हुआ उनके होने को छूत रहा और बहुत ही धीरे-धीरे लुंड को अंदर-बहार करता रहा...




  भाभी......इइइइइइश्च्स्श्ह...आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आउउउउच्छ्ह...आआआह्ह्ह्ह्ह कर रही पतली मैं भाभी की नीची हुई हुई चुन्चियां दबाते हुई भाभी की गांद मारने लगा




  मैं - भाभी..... इस बार आप की गन का आकार थोड़ा बड़ा सा लग रहा है




  भाभी - मुझे तो तेरा लुंड है बार कुछ मोटा सा लगा रहा है




  इस्के बाद मैंने लगाभाग 10 मिनट तक तेज धक्कों से भाभी की गांद मारी इस्के बाद मैं उनकी गांड के अंदर ही झड़ गया और मैंने अपने पानी से भाभी की गांद भर दी ..... फिर कुछ डर बाद मैंने गांद से लुंड बहार  रसोई से बहार आ गया




  फिर हम दिन मैंने रात तक भाभी को 7 बार छोटा जिस्म से 3 बार मैंने भाभी की गांद मारी और 4 बार उनकी छुट को छोडा और हर बार मैंने अपना पानी भाभी के अंदर ही निकला ........




  मम्मी - पापा और भैया 2 दिन बाद वापस आए हमारे पास पूरा मौका था....लेकिन भाभी की वो बात हम से मेरे जहां में रहती थी की मैं तुम्हारे भैया के साथ धोखा नहीं करना चाहती...इस्लिए हम दिन के लिए...  मैंने अपना नजरिया बदल दिया और हम फिर से एक साधारण देवर - भाभी का रिश्ता निभाने लगे




  मम्मी - पापा और भैया 2 दिन बाद वपस आ गए दिन इतने जल्दी बीट गए पता नहीं चला...मेरी छुटियां भी खतम हो गई पतली...फिर मैं भी वपस मुंबई आ गया और अपनी पढाई में लग गया..  ........




  मैंने पहले और दूसरे से अच्छे से साफ किया...अब मेरे 3 सेम के एग्जाम होने वाले थे तबी मुझे पता चला की भाभी प्रेग्नेंट है और उन बच्चा होने वाला है.........




  पहले तो मुझे ये बात सुन कर बहुत खुशी हुई और मैंने बताए भाभी को बढ़ायी देने के लिए फोन लगा




  मैं - भाभी..... बधाई हो....आप मम्मी बन ने वाली हो




  भाभी - तुम्हें भी बधाई हो




  मैं - मुझे क्यों बधाई दे रही हो




  भाभी - क्योंकी ... मुझे ऐसा लगता है की ये बच्चा तेरा है




  मैं - भाभी....क्यो डर रही हो ऐसा तो मत बोलो... प्लीज




  भाभी - तुझे डरने से भला मुझे क्या मिलेगा....मैं तो सच बता रही हूं




  मैं - आप कैसे कह सकती हूं कि वो मेरा ही बच्चा है




  भाभी - अभी ज़रूर नहीं है लेकिन अंदाज़ लगा है मैंने क्यों की धुन इतनी बार बिना कंडोम के ही किया था




  मैं - कोई पक्का थोड़ी है ऐसा ही हो




  भाभी - वो तो जल्दी ही पता चल जाएगा




  इस्के बाद भाभी ने फोन रख दिया लेकिन अब मुझे टेंशन हो गई थी ... पढाई भी ठीक से नहीं हो रही थी मैंने जैसे तैसे परीक्षा दी.... मेरे आखिरी पेपर के 2 दिन पहले हु भाभी की डिलीवरी हो गई लड़की  हुआ था




  एक्जाम के बाद मैं घर आ गया तब भाभी हॉस्पिटल में हाय थिन....मैं थोड़ा घबड़ाते हुए भाभी के रूम में घुसा...भाभी मुझे देखते ही बोली "आ गए तुम...अब क्यो घबड़ा रहे हो पहले तो  डर नहीं लग रहा था तुम्हें"




  मैं - भाभी .... सच बताओ ना ... क्यो मुझे दारा रही हो




  भाभी - सच वही निकला...जो मैंने तुझे पहले ही कहा था...अब तो डॉक्टर ने भी सबूत दे दिया है...लेकिन अभी ये बात सिरफ मुझे ही बतायी है




  मैं - अब क्या होगा .... अगर किसी को पता चला तो क्या होगा?




  भाभी - मैं तो कह दूंगी ट्यून जबर्दस्ती किया था मेरे साथ




  मैं - भाभी ....मुझे ही फासवगी आप




  भाभी - तुझे ही तो सब करना था और बिना कंडोम भी तुझे ही करना था अब जो रिजल्ट आ गया इस्तेमाल भी स्वीकार कर




  मैं - भाभी .... मैं कल ही मुंबई वापस चला जाऊंगा .... फिर कभी यहां लौट कर नहीं आऊंगा




  भाभी - तो कहा जाएगा




  मैं - वही पर कोई काम धंधा देख लूंगा....अब मैं जा रहा हूं




  मैं दरवाजा तक पहूँचा तबी भाभी ने कहा "एक बात और तो सुन ले"




  मैं - क्या कहना है बोलो ?




  भाभी - पहले इधर तो आ




  मैं वापस भाभी के पास गया और बोला "क्या बोलो"




  मेरी मुंह लटका हुआ था और शकल पर 12 बजे हुए थे ..... भाभी जोर से हंसते हुए बोली "तुझे कागिन भी जाने की जरूरत नहीं ... मैं मजा कर रही थी"




  ये सुनते ही मेरी जान में जान आई और मैं बोला "भाभी... सच कहो आपने अब तक जो कहा वो सच नहीं है"




  भाभी - हां ... मैंने जो भी कहा वो सब बस मजाक था ... उसमे कुछ भी सच नहीं है ... ये तेरे भैया और मेरा बच्चा है




  मैं - भाभी .... कृपया ऐसा मजाक मत किया करो ... मेरी जान निकल दी थी आपने




  भाभी - अब तेरी समझ आया ना .... मैं क्यों तुझे ना कहती थी .... अगर अभी कोई ऊंचा - नीच हो गई होती तो ट्यून तो कहा दिया की तू मुंबई से कभी वापस नहीं आएगा .... अब जरा सोच  यहां मेरा क्या होता....क्या तेरे भैया और घर वाले मुझे अपनाते नहीं और मेरे घर वाले भी मुझे नहीं अपनाते... फिर बताता मैं कहां जाता...इसलिय मैं कभी भी तेरे भैया को धोखा नहीं देना  छती थी ............




  मैं - 'सॉरी' भाभी आज के बाद ऐसा कभी नहीं होगा ... मुझे समझ आ गया




  इसके कुछ दिन बाद भाभी अस्पताल से वापस घर आ गई और हम एक अच्छे देवर-भाभी की तरह रहने लगे...भैया-भाभी का बेटा मेरे साथ बहुत घुल-मिल गया है और ज्यादा समय मेरे साथ ही बिटता है...  ..भाभी मजाक में कहती हैं "मुझे कभी-कभी शक होता है कहीं ये सच में तेरा ही तो नहीं है"



  लेकिन ऐसा कुछ नहीं है वो भैया भाभी का ही बच्चा बस बचपन से ज्यादा समय मेरे साथ इसलिये मुझसे उससे ज्यादा लगाव है और कुछ नहीं



  






  समाप्त...................


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